महिलाओं से ठगी करने वाले महिला समेत 5 अंतरराज्यीय टप्पेबाज गिरफ्तार

-दिल्ली के सुनार को बेचते थे ठगी की ज्वैलरी, फरार
-कागज की गड्डियां, ठगी के रुपयों से खरीदी आई-10 कार, दो लॉकेट, एक अंगूठी बरामद

गाजियाबाद। राहगीरों से टप्पेबाजी करने वाले महिला समेत पांच आरोपियों को खोड़ा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों के पास से पुलिस ने कागज की गड्डियां, ठगी के रुपयों से खरीदी गई आई-10 कार, दो लॉकेट, एक अंगूठी बरामद किया है। पकड़े गए आरोपी सौ से अधिक वारदातों को अंजाम दे चुके हैं।
एसीपी इंदिरापुरम स्वतंत्र सिंह ने बताया कि खोड़ा थाना प्रभारी योगेन्द्र मलिक की टीम ने गुरुवार रात चेकिंग के दौरान देवेन्द्र पुत्र मुरारी लाल निवासी एन-55 मोहन गार्डन दिल्ली, रामा पुत्र मोतीलाल निवासी डी-2-364 सुल्तानपुरी दिल्ली, राजू पुत्र गोपाल निवासी एम-ब्लाक रघुवीर नगर दिल्ली, सागर पुत्र इन्द्रजीत निवासी बी-4-123 सुल्तानपुरी दिल्ली एवं महिला लक्ष्मी पुत्री मोहनलाल निवासी बी-04-236 सुल्तानपुरी दिल्ली को इदिरापुरमर फ्लाईओवर के नीचे नहर पटरी के पास से गिरफ्तार किया है। रात में खोड़ा पुलिस चेकिंग कर रही थी। चेकिंग के दौरान उक्त कार सवार पांचों को पुलिस ने रुकने का इशारा किया, पुलिस को देख आरोपी भागने लगे। पुलिस टीम ने पीछा कर कुछ दूरी पर ही पकड़ लिया। जब गाड़ी के कागजात मांगे गये तो कागज घबरा गए।

जब आरोपियों से सख्ती से पूछताछ की गई तो आरोपी रामा ने बताया कि पहले वह किसी और के साथ टप्पेबाजी की वारदात को अंजाम देता था। लेकिन उसके बाद आरोपी ने अपना गैंग बना लिया। जिसमें इस काम के लिये 5 से 6 लोगों की टीम की जरुरत होती है। कभी-कभी एक दो लोग छोटी-मोटी घटनाओं को मिलकर अंजाम देते थे। गैंग में ड्राइवर की जरूरत होती है इसलिए एक ड्राइवर को चुना और बताया कि अक्सर हम लोग महिलाओं के साथ घटना करते है। इसलिए गैंग में लक्ष्मी को शामिल किया। महिलाओं को बातो में फंसाने के लिये एक बच्चा से दिखने वाले लड़के को साथ रखते थे। आरोपी दिल्ली व आसपास के क्षेत्रों में अपनी गाड़ी से जाते थे और घटनाओं को अंजाम देते थे। जहां भी वारदातों को अंजाम देना होता था, वहां से गाड़ी को लगभग एक किमी की दूरी पर खड़ा कर देते थे और पैदल ही सुनसान रास्तों से होते हुऐ ऐसी महिलाओं को निशाना बनाते थे, जिन्होंने ज्वैलरी आदि पहना हुआ हो।

आरोपी पहले उस महिला को विश्वास में लेकर लालच देते थे। लालच देकर धोखाधड़ी से ज्वैलरी पैसे आदि लेने का प्रयास करते थे। अगर वह विश्वास, लालच में अपनी ज्वैलरी व पैसा दे देती है तो उसे कागज की गड्डी जिस पर ऊपर एक असली नोट लगा होता है पैसो की गड्डी बताकर उस महिला को देते। जबकि उस गड्डी के नीचे असली नोट की सेप में कटे कागज रखते थे। अगर कोई महिला लालच में नही आती तो उसे नशीला पदार्थ सुंघाकर उससे उसकी ज्वैलरी और रुपए लेकर फरार हो जाते थे।

सीसीटीवी कैमरों से बचने के लिए ढूंढते थे सुरक्षित स्थान
एसीपी ने बताया पकड़े गए आरोपी दिल्ली, उत्तराखंड, गाजियाबाद समेत विभिन्न राज्यों में ठगी करते थे। आरोपी घटना को अंजाम देने से पहले उस स्थान को ढूंढते थे, जहां सीसीटीवी कैमरे कम लगे हो। जिससे उनकी पहचान न हो सकें। ऐसे स्थानों पर खड़ी महिलाओं को अपना निशाना बनाते थे। ठगी की ज्वेलरी को खपाने के लिए सुल्तानपुरी दिल्ली निवासी सुनार मुकेश पुत्र चुन्नीलाल को बेच थे। सुनार भी उनसे 60 प्रतिशत में चोरी का माल खरीदता था। आरोपी सौ से अधिक ठगी की वारदातों को अंजाम दे चुके है।