भाजपा नेता रेस्टोरेंट की आड़ में पिला रहें थे शराब, मनोरंजन के लिए नाचती थी बार बालाएं

-आबकारी विभाग एवं कविनगर पुलिस ने मारा छापा
-शराब की बोतल समेत भाजयुमो के महानगर कोषाध्यक्ष संयम कोहली के खिलाफ मुकदमा दर्ज

गाजियाबाद। मादक पदार्थों की तस्करी करने वालों के खिलाफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सख्त निर्देश है कि कार्रवाई में कोई कोताही न बरती जाए। जिसे रोकने के लिए आबकारी विभाग एवं पुलिस कार्रवाई भी कर रही है। वहीं दिल्ली से सटे गाजियाबाद के पॉश एरिया आरडीसी, राजनगर में सत्ताधारी नेता रेस्टोरेंट की आड़ में खुलेआम अवैध रुप से शराब परोस रहा था। मगर उस पर कार्रवाई करने से पुलिस भी बचती रही। सूत्रों का कहना है कि सत्ताधारी नेता यह कार्य पिछले काफी समय से कर रहा था। जब भी कोई पुलिस से शिकायत करता तो पुलिस भी कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर देती। लेकिन जैसे ही इसकी भनक आबकारी विभाग को लगी तो आबकारी विभाग की टीम ने छापेमारी की कार्रवाई कर रेस्टोरेंट से अवैध शराब व खाली बोतल बरामद कर आरोपी के खिलाफ कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया गया।

जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह की इस कार्रवाई से यह तो साफ हो गया कि अवैध शराब के कारोबार मे लिप्त कोई भी हो, उसे बख्शा नही जाएगा। अब वह चाहें रसूखदार हो या फिर भले ही सत्ताधारी नेता हो, कार्रवाई नियमानुसार ही की जाएगी। आरडीसी राजनगर में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) के महानगर कोषाध्यक्ष संयम कोहली अपने रेस्टोरेंट में बिना लाइसेंस के शराब पिलाने का काम कर रहे थे। इतना ही नहीं रेस्टोरेंट की आड़ में खाना खाने आने वाले लोगों के लिए शराब की व्यवस्था तो थी ही साथ उनके मनोरंजन के लिए बार बालाएं भी रहती थी। बस एक शिकायत ने भारतीय जनता युवा मोर्चा के महानगर कोषाध्यक्ष का सारा गरुर तोड़कर रख दिया।

प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त के आदेश पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं पुलिस कमिश्नर अजय कुमार मिश्रा के निर्देशन में जिले में अवैध शराब के निर्माण, बिक्री एवं परिवहन पर रोक लगाने के लिए लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि अवैध शराब के कारोबार को लेकर आबकारी निरीक्षकों द्वारा लगातार चेकिंग एवं दबिश की कार्रवाई की जा रही है। रविवार को शिकायत मिली की आरडीसी के सी ब्लाक में ताशा नाम से एक रेस्टोरेट चल रहा है, जिसकी बिल्डिंग पर फूड वर्कशाप भी लिखा है। द फूड वर्कशॉप रेस्टोरेंट के चतुर्थ तल पर शराब पिलाई जा रही है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक आशीष पाण्डेय एवं दो थानों की फोर्स के साथ छापेमारी की कार्रवाई की गई। जब रेस्टोरेंट की जांच की गई तो पता चला कि रेस्टोरेंट संचालक बिना लाइसेंस के अवैध रुप से शराब पिला रहा था। मौके से टीम को बैलेनटाइन फिनेस्ट स्कॉच व्हिस्की की बोतल में 500 एमएल शराब, जागर्मेस्टर व्हिस्की की बोतल में 650 एमलएल शराब परोसते हुए पाई गई। मौके से सिमरन ऑफ वोडका एवं ईगल चारों सिल्वर टकीला की एक-एक खाली बोतल, जेम्सन विहस्की की दो खाली बोतल, जोहनी वाल्कर, ब्लैक लेवल विहस्की की 3 खाली बोतल बरामद किया गया। रेस्टोरेंट संचालक संयम कोहती पुत्र श्याल लाल के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कराया गया।

सत्रो के अनुसार संयम कोहली पिछले करीब दो वर्षों से भाजयुमो के महानगर कोषाध्यक्ष है। इससे पूर्व वह अपना कारोबार करते थे। शायद उन्होंने अपने कार्यों को अंजाम देने के लिए भाजपा की सदस्यता ली। जब भाजयुमो के महानगर कोषाध्यक्ष बने तो रेस्टोरेंट की आड़ में अवैध रुप से शराब परोसने का काम भी शुरु कर दिया। क्योंकि भाजपा में होने के बाद उन पर जल्दी से पुलिस या फिर प्रशासन कार्रवाई नही कर पाएगा। बताते है कि पूर्व में जब भी किसी ने पुलिस से शिकायत की तो उसकी सूचना पहले ही उस तक पहुंच जाती थी। जब पुलिस मौके पर जांच करने पहुंची तो शराब की बोतल को पहले हटा दिया जाता था, जिस कारण आज तक कार्रवाई नही हुई, या फिर यूं कहा जाए कि राजनगर चौकी इंचार्ज की मेहरबानी के चलते यह अवैध कार्य चल रहा था। बार या फिर रेस्टोरेंट में शराब पिलाने के लिए संचालक को आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना अनिवार्य है। मगर सत्ता का रौब कहें या फिर ऊंची पहुंच, जिसके चलते संयम कोहली ने आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना जरुरी नही समझा। बरहाल देर ही सही, लेकिन कार्रवाई तो हुई।

रविवार को उक्त रेस्टोरेंट में एक दंपत्ति खाना खाने गए थे। खाने के दौरान उन्होंने देखा कि वहीं पास में कुछ लोग खुलेआम शराब पी रहे हैं। जिसका उन्होंने वीडियो भी बना लिया और कर्मचारियों से पूछा कि यह रेस्टोरेंट है कि बार है, जहां लोग खुलेआम शराब पी रहे है। फैमिली रेस्टोरेंट में लोग परिवार के साथ खाना खाने जाते है। लेकिन इन सब के माहौल से बच्चों और परिवार पर इसका गलत असर पड़ेगा। महिला ने उक्त वीडियो की शिकायत आबकारी विभाग एवं क्षेत्रीय पुलिस से की। महिला ने जब उक्त रेस्टोरेंट में शराब पी रहे लोगों की वीडियो बनाई तो इसकी भनक कर्मचारी को भी नहीं लगी। अगर कर्मचारियों को इसकी भनक लग जाती तो यह कार्रवाई नही हो पाती।