ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने किया प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर मे बाबा गोरखनाथ के दर्शन

गोरखपुर। अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने गुरुवार को ब्राह्मण समाज के कल्याण को लेकर प्रसिद्ध गोरखनाथ मंदिर मे बाबा गोरखनाथजी के दर्शन एवं पूजा अर्चना की। ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने कहा उत्तर प्रदेश में गोरखनाथ मंदिर नाथ संप्रदाय का प्रमुख केंद्र है। हिंदू धर्म, दर्शन, अध्यात्म और साधना के अंतर्गत विभिन्न संप्रदायों और मत-मतांतरों में नाथ संप्रदाय का प्रमुख स्थान है। संपूर्ण देश में फैले नाथ संप्रदाय के विभिन्न मंदिरों तथा मठों की देखरेख यहीं से होती है। गोरखनाथ मंदिर का निर्माण-गोरखनाथ मंदिर में अनवरत योग साधना का क्रम प्राचीन काल से चलता रहा है। ज्वालादेवी के स्थान से परिभ्रमण करते हुए गोरखनाथ जी ने आकर भगवती राप्ती के तटवर्ती क्षेत्र में तपस्या की थी और उसी स्थान पर अपनी दिव्य समाधि लगाई थी, जहां वर्तमान में श्री गोरखनाथ मंदिर स्थित है। नाथ योगी संप्रदाय के महान प्रवर्तक ने अपनी अलौकिक आध्यात्मिक गरिमा से इस स्थान को पवित्र किया था।

योगेश्वर गोरखनाथ के पुण्य स्थल के कारण इस स्थान का नाम गोरखपुर पड़ा। महायोगी गुरु गोरखनाथ की यह तपस्या भूमि प्रारंभ में एक तपोवन के रूप में रही होगी और जनशून्य शांत तपोवन में योगियों के निवास के लिए कुछ छोटे-छोटे मठ रहे, मंदिर का निर्माण बाद में हुआ। आज हम जिस विशाल और भव्य मंदिर का दर्शन कर हर्ष और शांति का अनुभव करते हैं, वह ब्रह्मलीन महंत श्री दिग्विजयनाथ जी महाराज जी की ही कृपा से है। उन्होंने कहा करीब 52 एकड़ के सुविस्तृत क्षेत्र में स्थित इस मंदिर का रूप व आकार परिस्थितियों के अनुसार समय-समय पर बदलता रहा है। मंदिर के भीतरी कक्ष में मुख्य वेदी पर शिवावतार अमरकाय योगी गुरु गोरखनाथ जी महाराज की श्वेत संगमरमर की दिव्य मूर्ति, ध्यानावस्थित रूप में प्रतिष्ठित है। श्री गुरु गोरखनाथ जी की चरण पादुकाएं भी यहां प्रतिष्ठित हैं, जिनकी प्रतिदिन विधिपूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है।

परिक्रमा भाग में भगवान शिव की भव्य मांगलिक मूर्ति, विघ्नविनाशक श्री गणेशजी, मंदिर के पश्चिमोत्तर कोने में काली माता, उत्तर दिशा में कालभैरव और उत्तर की ओर पार्श्व में शीतला माता का मंदिर है। इस मंदिर के समीप ही भैरव जी, इसी से सटा हुआ भगवान शिव का दिव्य शिवलिंग मंदिर है। गौरतलब हो कि अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ब्राह्मण समाज के हित में देश विदेश का दौरा कर ब्राह्मण कल्याण बोर्ड गठन की मांग जोरशोर से उठा रहे हैं। साथ ही धार्मिंक स्थलों पर पहुंचकर पूजा-अर्चना करते है। जिससे ब्राह्मण समाज के प्रत्येक व्यक्ति का उत्थान हो सकें।