लघु उद्योगों के विकास के साथ आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आत्मसात करने वाला बजट

नीरज सिंघल
वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष
इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन
त्वरित टिप्पणी

वित्तीय वर्ष 2023 -24 का बजट आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को आत्मसात करने वाला बजट है। अमृत काल में पेश होने वाले इस बजट में सभी वर्गों के लिए ध्यान दिया गया है। बजट में लघु उद्योग को बढ़ावा देते हुए औद्योगिक विकास, युवाओं को सशक्त और समृद्ध बनाने के लिए शिक्षा, नवाचार, कौशल और स्टार्टअप के क्षेत्र में कई योजनाओं का एलान किया है। इस बार के बजट की सबसे बड़ी खासियत यह है कि इसमें सुक्ष्म, लघु एवं लघु मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) पर विशेष फोकस किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को छोटे और लघु मध्यम उद्योगों के माध्यम से पूरा किया जा सकता है पूर्व में एमएसएमई सेक्टर पर समुचित ध्यान नहीं दिया जाता रहा है। लेकिन इस बार एमएसएमई बजट के केंद्र बिंदु में रहा है।

मैं विगत 10-12 वर्षों से लगातार बजट का अध्ययन कर रहा हूं। पूर्व के बजट में मैंने देखा है कि कहीं एक दो मिनट का हिस्सा एमएसएमई सेक्टर के लिए होता था। लेकिन इस बार बजट चर्चा के हर कालखंड में एमएसएमई सेक्टर को समाहित किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीताराम द्वारा पेश यह बजट महामारी से प्रभावित एमएसएमई सेक्टर को हर संभव मदद की उम्मीद जगाने वाला बजट है। एमएसएमई सेक्टर के उद्यमों को मदद पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार ने 9000 करोड़ रुपए का आवंटन करने का फैसला किया है। क्रेडिट गारंटी प्लान के लिए बजट में 9000 करोड़ रुपए का प्रबंध करने की घोषणा की गई है।

नई स्कीम के तहत देश के एमएसएमई सेक्टर को 1 फीसदी कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराने की घोषणा की गई है। नई स्कीम के तहत 2 लाख करोड़ रुपए का अतिरिक्त कर्ज उपलब्ध कराने का एलान किया गया है। वित्त मंत्री के एलान के अनुसार फाइनेंशियल सेक्टर में कंप्लायंस लागत कम करने पर जोर दिया जाएगा। यह सभी बातें एमएसएमई के लिए अति महत्वपूर्ण विषय है। एमएसएमई सेक्टर भारत की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन है। एमएसमएई सेक्टर के माध्यम से विकासशील भारत को विकसित भारत में परिवर्तित कर आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को हासिल किया जाएगा।
(लेखक सुक्ष्म, लघु एवं लघु मध्यम उद्यमियोें के सबसे बड़े संगठन इंडियान इडस्ट्रीज एसोसिएशन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। )