डीएम ने ली जिला स्वास्थ्य समिति एवं जिला पोषण समिति की बैठक

-स्वास्थ्य योजनाओं को पूर्ण लगनशीलता के साथ जन-जन तक पहुंचाने की करें कार्यवाही: राकेश कुमार सिंह

गाजियाबाद। जिले में आमजन तक प्रदेश सरकार द्वारा संचालित स्वास्थ्य योजनाओं को स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में प्रगति धीमी होने पर उन्हें प्रतिकूल प्रविष्टि दी जाएगी। जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं का आमजन तक लाभ पहुंचाने के लिए योजनाओं का क्रियान्वयन बेहतर तरीके से करें।
बुधवार को कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.भवतोष शंखधर,परियोजना निदेशक पीएन दीक्षित, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. डीएम सक्सेना, डीएसओ डॉ.आरके गुप्ता, जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय, मंडल समन्वयक पोषण अभियान गरिमा सिंह आदि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ जिला स्वास्थ्य समिति एवं पोषण समिति की बैठक में यह दिशा-निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने कहा कि बैठक के दिन छुट्टी जाने पर डीएम से अनुमति लेनी होगी।

जिलाधिकारी ने कहा कि सभी स्वास्थ्य कार्यक्रमों को जनपद में बहुत ही दृढ़ता के साथ संचालित किया जाए ताकि सरकार की मंशा के अनुरूप सभी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ आमजन तक पहुंच सकें। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना के तहत प्राथमिकता के आधार पर संस्थागत प्रसव पर विशेष जोर दिया। ग्रामीण क्षेत्रों में विशेष लाभ पहुंचाने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग की ओर से संचालित होने वाले नियमित टीकाकरण के संबंध में भी अधिकारियों को स्पष्ट करते हुए कहा कि कोई भी गर्भवती महिला एवं पात्र बच्चे टीकाकरण अभियान से वंचित न रहने पाए। बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सरकार के द्वारा बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम, प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना समेत अन्य कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। जिलाधिकारी ने पीसीपीएनडीटी एक्ट की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि जनपद में सभी संचालित अल्ट्रासाउंड केंद्रों पर संबंधित एक्ट का नियम अक्षरश: से पालन सुनिश्चित करने के लिए समय-समय पर गोपनीय ढंग से अल्ट्रासाउंड सेंटर की गहन जांंच सुनिश्चित की जाए।

आयुष्मान योजना के अंतर्गत पात्र लाभार्थियों के गोल्डन कार्ड बनाने के निर्देश दिए। प्रभारी चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रत्येक परिवार के किसी एक सदस्य का आयुष्मान कार्ड तो जरूर बनाना चाहिए तथा इस योजना से कोई भी परिवार वंचित नहीं रहना चाहिए। मातृत्व स्वास्थ्य कार्यक्रम,राष्ट्रीय क्षय रोग नियंत्रण, राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रम,राष्ट्रीय अंधता निवारण, राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन आदि कार्यक्रमों की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को सभी कार्यक्रम प्रमुखता के साथ संचालित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जिला पोषण समिति एंव जिला निगरानी समिति एवं गोद लिए आदर्श आंगनबाड़ी केंद्रों की समीक्षा की। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय को निर्देशित किया कि पोषण ट्रैकर पर वजन एवं पोषाहार वितरण की फीडिंग शत-प्रतिशत कराई जाए। आगामी पोषण पखवाड़े में 20 मार्च से प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर पोषण पखवाड़ा का शुभारंभ कराया जाए। पोषण ट्रैकर पर गृह भ्रमण की अच्छी प्रगति की प्रशंसा की। इसके साथ ही वीएचएसएनडी में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता प्रतिभाग करे एवं पोषण ट्रैकर पर फीडिंग सुनिश्चित करें।

जनपद में 1,28000 बच्चों के पंजीकरण के सापेक्ष 900 बच्चों को ही आंगनबाड़ी कार्यकत्री के द्वारा सैम चिन्हित किया गया। यह डाटा सही प्रतीत नहीं हो रहा। सभी बच्चों का वजन एवं लंबाई,ऊंचाई कराकर डाटा फीड कराने के निर्देश दिए। उन्होंने सीएमओ को निर्देश दिए कि एएनएम द्वारा सैम-मैम बच्चों को चिन्हाकन एवं प्रबंधन किया जाए। उनकी ट्रेनिंग यूनिसेफ के द्वारा पूरी की जाए। ई-कवच पोर्टल पर फरवरी में 73 बच्चे फीड किए गए थे। जो काफी कम है। सबसे खराब प्रर्दशन लोनी,मुरादनगर एवं शहरी क्षेत्र की एएनएम का रहा हैैै। यह स्थिति अत्यन्त ही खेदजनक है। इस पर संबंधित अधिकारी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के लिए सीएमओ को आदेश दिए।

एनिमिया मुक्त भारत कार्यक्रम में सभी 7 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को आईएफए सीरप का वितरण कराए। शहरी क्षेत्र के स्कूलों में गुलाबी एवं नीली आयरन की गोलियों का वितरण प्रत्येक बच्चों को कराए। 900 सैम बच्चों में से जो कम जटिलता वाले है उन बच्चों को आवश्यक 5 दवाईयॉ (आयरन सीरप, एमोक्सीसिलिन, फोलिक एसिड, विटामिन ए, मल्टीविटामिन) एएनएम के माध्यम से उपलब्ध कराए। जिलाधिकारी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि गोद लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का मासिक निरीक्षण करने के बाद निरीक्षण आख्या जिला कार्यक्रम कार्यालय में उपलब्ध कराएं।