ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर आंदोलन कर रहे किसान मंगलवार को उग्र हो गये। किसानों ने जबरदस्ती प्राधिकरण कार्यालय के अंदर घुसने की कोशिश की। पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाकर किसानों को रोकने का प्रयास किया गया। रोकते समय दोनों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। किसान धक्का मुक्के करते हुए बैरिकेड को नीचे गिरकर प्राधिकरण कार्यालय के दोनों गेटो को बंद करने में सफल रहे और वहीं पर बैठ गए। इस दौरान रालोद, सपा और अन्य किस संगठन के कार्यकतार्ओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिला किसान भी मौजूद रही। मंगलवार रात खबर लिखे जाने तक बैठक चल रही थी। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही किसानों का धरना प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा।
उदय भूमि ब्यूरो
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पर आंदोलन कर रहे किसान मंगलवार को उग्र हो गये। किसानों ने जबरदस्ती प्राधिकरण कार्यालय के अंदर घुसने की कोशिश की। इस दौरान किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच तीखी नोंकोंक हुई। दोनों के बीच धक्का-मुक्की भी हुई। उधर, किसान आंदोलन को सपा और रालोद द्वारा समर्थन दिया जा रहा है। किसानों के आंदोलन को समाप्त कराने के लिए प्राधिकरण के सीईओ रवि कुमार एनजी किसानों के प्रतिनिधि मंडल के साथ बैठक कर रहे हैं। सीईओ और किसानों के बीच दो राउंड की बैठक हो चुकी है। मंगलवार रात खबर लिखे जाने तक बैठक चल रही थी। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही किसानों का धरना प्रदर्शन समाप्त हो जाएगा।
अपनी मांगों को पूरा करने के लिए अनिश्चितकाल तक धरने पर बैठे किसानों ने मंगलवार को प्राधिकरण कार्यालय के दोनों गेटों को बंद कर दिया। पुलिस द्वारा बैरिकेड लगाकर किसानों को रोकने का प्रयास किया गया। रोकते समय दोनों के बीच धक्का मुक्की भी हुई। किसान धक्का मुक्के करते हुए बैरिकेड को नीचे गिरकर प्राधिकरण कार्यालय के दोनों गेटो को बंद करने में सफल रहे और वहीं पर बैठ गए। इस दौरान रालोद, सपा और अन्य किस संगठन के कार्यकतार्ओं के साथ-साथ बड़ी संख्या में महिला किसान भी मौजूद रही। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण गोल चक्कर के पास सुबह 12:00 बजे से ही किसान इकट्ठा होना शुरू हो गए थे। सभी के आने के बाद करीब 12:50 पर नारेबाजी करते हुए किसानों ने प्राधिकरण कार्यालय के गेट नंबर दो पर धाबा बोल दिया।
पुलिस प्रशासन ने किसानों को गेट तक पहुंचाने के लिए बैरिकेडिंग कर रखी थी। किसानों ने आते के साथ ही बैरिकेड को गिराने का प्रयास किया। इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच धक्का मुक्की और झड़प भी हुई। जब सामने से पुलिसकर्मियों ने किसानों को गेट तक पहुंचने से रोक लिया, तो कुछ किसान महिलाएं और उनके साथ पुरुष किसानों ने साइड में लगे बैरिकेड को नीचे गिरना शुरू कर दिया। वहां पर कम पुलिसकर्मी मौजूद होने के कारण किसान बैरिकेड को नीचे गिरकर गेट पर पहुंचने में सफल हुए। इसके बाद सभी किसानों ने मिलकर गेट नंबर 2 को बंद कर दिया वही गेट नंबर एक को किसानों ने पहले से ही बंद कर दिया कर रखा है। लोगों के आने-जाने के लिए छोटा गेट खुला हुआ था। जिसको भी मंगलवार को किसानों ने बंद कर दिया। किसानों का कहना है कि जब तक उनकी 10% के प्लाट, भूमिहीनों का अधिकार और स्थानीय युवाओं को रोजगार नहीं मिलेगा वह हार नहीं मानेंगे। कुछ समय बाद किसानों को समझा बूझकर वापस उनके पहले धरना स्थल पर बैठा दिया गया।
हंगामे के कारण प्राधिकरण में फंस गये लोग
किसानों के कार्यालय के पर पहुंचने से पहले कुछ लोग अपने कार्य करने के लिए प्राधिकरण कार्यालय आए हुए थे किसानों ने दोनों गेट बंद करने से लोग प्राधिकरण कार्यालय के अंदर ही फंस गए लोगों को घंटे तक बाहर निकालने के लिए इंतजार करना पड़ा हालांकि जिले में आज गुरु द्रोणाचार्य जयंती होने के कारण सरकारी छुट्टी थी जिसकी वजह से सभी सरकारी दफ्तर और प्राधिकरण कार्यालय भी बंद था। ऐसे में कुछ ही अधिकारी और लोग अपना कार्य करने के लिए कार्यालय पहुंचे थे।
ये हैं किसानों की मांग
64.7% अतिरिक्त मुआवजा, 6%, 7% और 10% आबादी भूखंडों से जुड़े मामले, आबादी निस्तारण, बैकलीज मामले, दिल्ली-मुंबई इंडस्ट्रियल रेलवे कॉरिडोर से प्रभावित किसानों की मांग खत्म नहीं हो रही हैं। लगातार किसान आंदोलन चल रहे हैं। पिछले करीब एक वर्ष से डीएमआईसीडीसी से प्रभावित किसान धरना-प्रदर्शन कर रहे हैं। कुछ महीनों से ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर किसानों का आंदोलन चल रहा था, लेकिन योगी आदित्यनाथ के आने से पहले किसानों को आश्वासन देकर उठा दिया गया। अब मांगें और शर्त पूरी नहीं होने पर दोबारा 18 जुलाई से किसान धरने पर बैठ गए हैं।
50 सदस्यी प्रतिनिधिमंडल से हुई वार्ता
प्राधिकरण की ओर से 3 बजे के लगभग वार्ता का प्रस्ताव आया। प्रस्ताव पर किसान सभा की ओर से 50 सदस्य प्रतिनिधिमंडल वार्ता करन पहुंचा। वार्ता के दौरान अधिकांश मुद्दों पर सहमति बन गई। जिनकी मीटिंग मिनट बनाई जाने शेष है। कौन सा मुद्दा कितने वक्त में हाल होगा यह भी मीटिंग मिनट में उल्लेख किया जाना शेष है। मीटिंग मिनट डॉक्टर रुपेश वर्मा और सुनील फौजी प्राधिकरण अधिकारियों के साथ मिलकर बनवाएंगे। मीटिंग मिनट बनने के बाद जिला एक्शन कमेटी उसे अनुमोदित करेगी और धरना स्थल पर बड़ी सभा बुलाकर धरने का स्थगन किया जाएगा।