गाजियाबाद में 17 बिल्डरों पर जीडीए का 146 करोड़ रुपए शुल्क बकाया

-नक्शा पास कराकर नहीं दिया मानचित्र शुल्क
-बकाया शुल्क जमा नहीं करने वाले बिल्डरों को भेजा नोटिस

गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) से बिल्डरों से लेकर अन्य लोगों ने गु्रप हाउसिंग एवं अन्य भवनों का मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद भी करीब 17 बिल्डरों ने मानचित्र शुल्क का पूरा पैसा जमा नहीं किया है। ऐसे में जीडीए का इन 17 बिल्डरों पर करीब 146 करोड़ रुपए फंसा हुआ है। जीडीए ने बिल्डरों से उक्त धनराशि को जमा कराने के लिए अब नोटिस जारी करना शुरू कर दिया है। अगर नोटिस जारी होने के बाद भी पैसा जमा नहीं किया गया तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। खास बात यह है कि इन बिल्डरों ने भूखंडों पर निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया है। जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर अब जीडीए ने बकाया धनराशि को वसूलने के लिए नोटिस जारी करना शुरू कर दिया हैं। ताकि इनसे वसूली कर योजनाओं में लगाया जा सकें। जीडीए के ओएसडी सुशील कुमार चौबे ने बताया कि मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद जिन बिल्डरों ने अभी तक बकाया राशि जमा नहीं कराई गई है। उन्हें नोटिस जारी किए जा रहे है। जीडीए के सभी 8 जोन क्षेत्र में जिन पर मानचित्र स्वीकृत कराने के बाद बकाया धनराशि है। उनसे हर हाल में वसूली की जाएगी। इसलिए नोटिस जारी किए जा रहे है।

इन बिल्डरों पर मानचित्र शुल्क का बकाया:
रियो हाईटस,अम्बा होम्स,अम्बा रेजीडेंसी प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स आरबी इंफ्रा स्टेट प्रा. लिमिटेड,मैसर्स एमआर जे बी पाम रिसोरर्ट प्राइवेट लिमिटेड,मैसर्स उप्पल चड्ढा हाईटेक डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड वेव सिटी के भू-उपयोग परिवर्तन शुल्क, मैसर्स ड्रीम टेक कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड,क्रॉसिंग रिपब्लिक डूंडाहेड़ा (जी,एच-5) के क्रय योग्य एफएआर, वल्र्ड रेजीडेंसी मैसर्स रियल एंकर डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड,एंजिल ज्यूपिटर कनावनी अहिंसा खंड-2 इंदिरापुरम, आदिनाथ प्रोबिल्ड इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, निपुण सैफरोन वैली-मैसर्स निपुण बिल्डर्स एवं डवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड ग्राम पसौंडा, औरा इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड,न्याय विहार सहकारी आवास समिति लिमिटेड इलायचीपुर ताज हाईटस, मैसर्स रेंडसी कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स अंसल प्रॉपर्टीज एंड इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड, मैसर्स ग्रीन सिटी सुनील व अन्य, मैसर्स निहो कंस्ट्रक्शन लिमिटेड, संजीवनी स्टेट सुरेश चंद व अन्य, कांती प्रसाद गुप्ता शामिल हैं। इन पर कुल 209 करोड़ रुपए बकाया था। इसमेें से जमा होने के बाद अब इन पर कुल 146.20 करोड़ रुपए बकाया है। दरअसल, जीडीए सीमा क्षेत्र में छोटे-बड़े भूखंड पर किसी भी तरह का निर्माण करने से पहले जीडीए से मानचित्र स्वीकृत कराना अनिवार्य है। इसके तहत बिल्डरों व अन्य लोगों ने गु्रप हाउसिंग व बड़े भूखंड पर निर्माण करने के लिए प्रारंभिक शुल्क जमा कराकर जीडीए से नक्शा स्वीकृत करा लिया।

भूखंड पर नक्शे के अनुसार निर्माण भी शुरू कर दिया। मगर जीडीए का बकाया अभी तक जमा नहीें कराया गया। जीडीए सचिव ने पिछले दिनों समीक्षा बैठक करते हुए ऐसे बिल्डरों की सूची तैयार कर उनसे बकाया वसूलने के निर्देश दिए हैं। जीडीए से नक्शा पास कराकर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है,लेकिन जीडीए में पूरा शुल्क जमा नहीं कराया है। उनकी सूची तैयार कर नोटिस जारी किए जाए। ताकि इनसे बकाया जमा कराया जा सकें। इसके लिए प्रवर्तन अनुभाग के प्रभारियों को बकाएदारों से जल्द बकाया जमा कराने के निर्देश दिए गए। बकाया जमा नहीं करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। जीडीए अब इन बिल्डरों से बकाया वसूलेगा। ताकि इस धनराशि से अधूरी पड़ी योजनाओं का पूरा किया जा सकें।

जीडीए ओएसडी सुशील कुमार चौबे का कहना है कि जीडीए से नक्शा पास कराकर निर्माण शुरू कर दिया गया। ऐसे बिल्डरों की सूची तैयार कर ली गई है। बकाया शुल्क जमा नहीं करने वाले इन बिल्डरों को जोनवार नोटिस भेजे जा रहे है। नोटिस के बाद भी बकाया शुल्क जमा नहीं कराया गया तो इनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बकाएदारों की सूची बनाकर वसूली कराई जाएगी। ताकि बकाया शुल्क वसूलकर योजनाओं को पूरा कराया जा सकें। जीडीए के प्रवर्तन अनुभाग के प्रभारियों द्वारा बकाएदारों की सूची तैयार कर ली गई है। सूची में किस बिल्डर पर कितनी धनराशि बकाया है। वह विस्तार से दिया गया है। इसके बाद इन्हें नोटिस जारी किए जा रहे हैं।