भ्रष्टाचार की नींव पर जीडीए ने की बड़ी कार्रवाई: फैक्ट्री मालिक व भांजे के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज

-जीडीए उपाध्यक्ष के निर्देश पर जीडीए का सुपरवाइजर सस्पेंड, जेई की भेजी रिपोर्ट  

गाजियाबाद। लोनी क्षेत्र के रूपनगर औद्योगिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार की नींव पर बनाई जा रही अवैध फैक्ट्री की शटरिंग गिरने के बाद जहां दो ठेकेदारों की मौत हो गई। वहीं, 13 घायलों को मलबे से एनडीआरएफ की टीम ने निकाला था। इस मामले में जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को जीडीए प्रवर्तन जोन-8 के प्रभारी अधिशासी अभियंता मानवेंद्र कुमार सिंह ने लोनी थाने में संगीन धाराओं में अवैध रूप से फैक्ट्री का निर्माण कराने वाले गांव जावली निवासी मदन लाल शर्मा एवं उसके भांजे आकाश शर्मा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई है।
लोनी थाना प्रभारी निरीक्षक अजय चौधरी ने बताया कि जीडीए के अधिशासी अभियंता मानवेंद्र कुमार सिंह की तहरीर पर मदनलाल शर्मा एवं आकाश शर्मा के खिलाफ मानक के अनुसार निर्माण सामग्री नहीं लगाए जाने,घटिया सामग्री का प्रयोग करने एवं जीवन को खतरे में डालना आईपीसी की धारा-304,337 के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई है। जांच कर जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी। वहीं,लोनी में अवैध फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह के निर्देश पर जीडीए सचिव बृजेश कुमार ने जीडीए प्रवर्तन जोन-8 के सुपरवाइजर शेर सिंह को निलंबित कर दिया है। वहीं, जोन के अवर अभियंता सीपी शर्मा के खिलाफ निलंबन एवं विभागीय कार्रवाई की संस्तुति के लिए शासन को पत्र भेजा है। जीडीए सचिव सचिव बृजेश कुमार ने बताया कि लोनी में बिना नक्शा पास कराए अवैध रूप से फैक्ट्री का निर्माण कराया जा रहा था। हादसे के बाद प्रथम दृष्टया अवर अभियंता, सुपरवाइजर की लापरवाही पाई गई है।

लोनी के रूपनगर औद्योगिक क्षेत्र में इस प्रकार हुई घटना
रविवार दोपहर 3 बजे निमार्णाधीन इमारत की शटरिंग गिरी, 3:30 बजे पुलिस पहुंची, शाम 4 बजे तीन लोग मलबे से निकाले,4:30 बजे दो ओर लोग मलबे से निकाले गए। 5:20 बजे पुलिस उपायुक्त ग्रामीण रवि कुमार पहुंंचे,5:30 बजे सरिया को गैस कटर से काटने का शुरू किया।6:10 बजे एनडीआरएफ व डॉग स्क्वायड पहुंचा। 6:20 बजे पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र पहुंचे,6:30 बजे दोनों ठेकेदारों की मौत की पुष्टि,6:40 बजे तीन ओर लोगों को मलबे से बाहर निकाला।रात 8 बजे पांच ओर लोगों को मलबे से बाहर निकाला गया।कुल 13 लोग निकाले गए। रात 11 बजे बचाव कार्य खत्म, पुलिस-प्रशासन की टीम ने राहत की सांस ली। एनडीआरएफ की टीम ने रात 9 बजे तक 13 लोगों को मलबे से निकाला।इनकी पहचान फैक्ट्री मालिक मदन लाल शर्मा निवासी गांव जावली लोनी, इनका भांजा आकाश शर्मा, ठेकेदार राजेश, समीर, बेटा सोहेल, बालकृष्णन, मंगेश, सनी, संजीव, प्रकाश, राजेश, कमलेश व अनिल के रूप में पहचान हुई। इनमें दोनों ठेकेदार राजेश व समीर की मौत हो गई।

लोनी एसडीएम का ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में तबादला
लोनी के रूपनगर औद्योगिक क्षेत्र में अवैध फैक्ट्री में दो ठेकदारों की मौत हो जाने और 13 घायलों की घटना के बाद प्रदेश शासन ने बड़ी कार्रवाई करते हुए सोमवार को लोनी एसडीएम हिमांशु वर्मा को यहां से हटाकर ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण में तबादला कर दिया। वहीं, जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने एसडीएम हिमांशु वर्मा का तबादला होने के बाद लोनी में एसडीएम शाल्वी अग्रवाल को नियुक्त कर दिया है। इसके अलावा जीडीए के कुछ अन्य इंजीनियरों पर जल्द गाज गिर सकती हैं। जीडीए के सभी प्रवर्तन जोन में तेजी से अवैध निर्माण हो रहा है। इसके बावजूद प्रवर्तन प्रभारी औपचारिकता पूरी करने के लिए संबंधित जोन में तोडफ़ोड़ कर देते हैं।

4 मजदूरों ने टिनशेड पर कूदकर बचाई जान
लिंटर गिरने के दौरान ही चार मजदूर पास के टिन शेड पर कूद गए। उनकी जान बच गई। इसके बाद उन मजदूरों ने मलबे में दबे अपने साथियों को बचाने का प्रयास भी किया। मौके पर पहुंचे पड़ोस के दुकानदारों ने बताया कि टिन शेड से उतरकर पहुंचे मजदूरों ने ही शोर मचाकर आसपास से लोगों को बुलाया। उन्होंने बताया कि अगर वे ऐन वक्त पर न कूदते तो मलबे में दब जाते और उनकी जान खतरे में पड़ जाती। बचाव अभियान आसान नहीं था। एनडीआरएफ  और लोनी पुलिस ने लिंटर में डले सरिए को गैस कटर से काटकर मलबे में फंसे लोगों को बाहर निकालने के लिए काफी देर तक जद्दोजहद की। इससे पहले डॉग स्क्वॉयड की जांच में भी दो से तीन लोगों के फंसे होने की आशंका व्यक्त की गई, जिसमें एक बच्चा भी शामिल बताया गया। पुलिस आयुक्त अजय कुमार मिश्र ने मौके पर पहुंचकर निमार्णाधीन फैक्टरी पर घटना का जायजा लेकर तत्काल बचाव राहत कार्य शुरू करने के निर्देश दिए। हादसे के बाद से देर रात तक जेसीबी की मदद से मलबे को हटाने का काम चलता रहा।

पिलर खड़ा कर डाला जा रहा था लेंटर
एडीएम प्रशासन रितु सुहास ने बताया कि बिल्डिंग की दोनों दीवारें पहले से बनी थीं। उन दीवारों के ऊपर हाल ही पिलर बना कर लिंटर डाला जा रहा था। पिलर ताजा होने से लिंटर पर लोड पड़ते ही छत भरभराकर गिर गई, जिससे यह हादसा हुआ। जाहिर है कि दीवारें कमजोर थीं।एक माह से प्लाट पर फैक्टरी बनाने का निर्माण कार्य चल रहा था। दीवार बनाने के बाद 15 दिन पूर्व पांच फुट मिट्टी का भराव कराया गया। भराव पूरा होते ही लिंटर के लिए सेटरिंग बांधनी शुरू करा दी गई। शनिवार शाम सेटरिंग का कार्य पूरा हुआ तो रविवार सुबह लिंटर डालने का कार्य शुरू किया गया। सुबह नौ बजे लिंटर डालने के लिए लेबर प्लाट पर पहुंची। करीब दस बजे से लिंटर डालने का कार्य शुरू किया गया। चार बजे तक सेटरिंग पर मसाला डालने का 80 प्रतिशत कार्य पूरा हो सका तभी अचानक लिंटर नीचे गिर गया। पुलिस की जांच में यह भी सामने आया है कि प्लॉट मालिक मदनलाल शर्मा और उसका भांजा आकाश शर्मा दोनों निर्माण कार्य पूरा कर फैक्टरी को किराए पर देना चाहते थे। लोनी के रूप नगर औद्योगिक क्षेत्र में अवैध से रूप से बन रही फैक्ट्री की इमारत का लेंटर डालने के दौरान रविवार दोपहर करीब तीन बजे शटरिंग गिर गई। जिसमें मालिक और दो ठेकेदारों सहित 13 लोग मलबे के नीचे दब गए।