महायोजना-2031 का मास्टर प्लान: 1159 आपत्तियों का जल्द करें निस्तारित: राकेश कुमार सिंह

-जीडीए उपाध्यक्ष ने महायोजना-2031 के मास्टर प्लान समिति के साथ की बैठक

गाजियाबाद। महायोजना-2031 के मास्टर प्लान को लेकर गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) में दर्ज की गई 1159 आपत्तियों का अभी तक पूर्ण रूप से निस्तारण नहीं हो पाया। वहीं, शासन की ओर से 42 आपत्तियां भेजी गई है। कुल मिलाकर 1201 आपत्तियों का पूर्ण निस्तारण करने के बाद ही जीडीए बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाना संभव होगा। जिन आपत्तियां पर पूर्व में सुनवाई हो चुकी है। उसका भी ड्राफ्ट तैयार होगा। गुरूवार को जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने महायोजना-2031 के मास्टर प्लान को लेकर बनाई गई समिति के साथ बैठक की। बैठक में जीडीए सचिव बृजेश कुमार, नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़, अपर सचिव एवं सीएटीपी सीपी त्रिपाठी, एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के चीफ कोर्डिनेटर प्लानर एससी गौड़, सीटीसीपी कृष्ण मोहन, जीडीए के नगर नियोजक राजीव रतन शाह, अरविंद कुमार, कंसलटेंट डीडीएफ के अधिकारी एवं आरआरटीएस के अधिकारी आदि मौजूद रहे।

जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने बैठक में अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि महायोजना-2031 के मास्टर प्लान को लेकर दर्ज की गई 1159 आपत्तियों का जल्द निस्तारण करें। ताकि इसे जीडीए बोर्ड बैठक से अनुमोदन होने के बाद शासन को भेजा जा सकें। वहीं, कंसलटेंट एजेंसी को पूर्व में दिए गए सुझाव एवं दिशा-निर्देश के बाद भी कार्य पूरा नहीं करने पर उन्हें सख्त चेतावनी दी गई। दरअसल, महायोजना-2031 के तहत गाजियाबाद, मोदीनगर-मुरादनगर एवं लोनी क्षेत्र का मास्टर प्लान बनाया जाना हैं। इसके तहत महायोजना-2031 तक मास्टर प्लान में नए क्षेत्रों को शामिल करने के साथ-साथ वहां पर एरिया निर्धारित किए गए है। इससे जहां जीडीए क्षेत्र का विस्तार हो सकेगा। वहीं, मोदीनगर-मुरादनगर क्षेत्र के अलावा मसूरी, डासना आदि इलाकों में भी नए एरिया में लॉजिस्टिक हब समेत ग्रुप हाउसिंग एवं अन्य योजनाएं विकसित हो सकेगी। इन सभी को लेकर महायोजना-2031 का मास्टर प्लान तैयार किया जा रहा हैं। मास्टर प्लान को लेकर आई 1159  आपत्तियों का निस्तारण नहीं हो पाया हैं।

जीडीए उपाध्यक्ष ने बैठक में सख्त निर्देश देते हुए कहा कि आपत्तियों का जल्द निस्तारण कराया जाए। इसको लेकर जो भी आपत्तियां दर्ज की गई। उनका सुझाव के बाद अब निस्तारण किया जाना है। ताकि जीडीए बोर्ड बैठक में इसका प्रस्ताव रखा जाए। बोर्ड बैठक से प्रस्ताव पास होने के बाद ही शासन को भेजा जा सकेगा। ऐसे में आपत्तियां का ही निस्तारण तीन माह बाद भी नहीं हो पाया। जिलाधिकारी एवं जीडीए उपाध्यक्ष राकेश कुमार सिंह ने कहा कि ऐसे में मास्टर प्लान को कैसे बोर्ड बैठक में ले जाया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसकी प्रक्रिया जल्द पूरी कराई जाए। इसके लिए जल्द ही अगली बैठक में निस्तारण कर रखा जाए। मास्टर प्लान को लागू करने होने से पहले इसे शासन को भेजा जाएगा। उसके बाद ही इसे लागू किया जा सकेगा।