आईटीएस डेंटल कॉलेज में 7वें कम्प्रेहैन्सिव इम्प्लांट कोर्स के दूसरे मॉड्यूल का आयोजन

-लाइव डेमोंस्ट्रेशन, हैंड्स-ऑन एवं सुचुरिंग तकनीक और इम्प्लांट उपचार योजना पर कार्यशाला आयोजित
-डॉ अभिषेक भारद्वाज ने एमडीएस के विद्यार्थियों और दंत चिकित्सकों को दी ओरल इंप्लांटोलॉजी उपचार की जानकारी

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज द्वारा तीन दिवसीय 9 मार्च से 11 मार्च तक 7वें कम्प्रेहैन्सिव इम्प्लांट कोर्स के दूसरे मॉड्यूल का आयोजन सफलतापूर्वक किया गया। इस कोर्स में 4 मॉड्यूल सम्मिलित है जो प्रत्येक 3 दिनों के होगें। इस कार्यक्रम में 49 प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिनमें निजी दंत चिकित्सक, कॉलेज के पूर्व छात्र, संस्थान के दंत चिकित्सक, एमडीएस के विद्यार्थी और विभिन्न कॉलेजों के अध्यापक शामिल थे। यह कोर्स बार्सिलोना विश्वविद्यालय, स्पेन और जीएमआई इम्प्लांट्स, स्पेन के सहयोग से आयोजित किया गया था।

कार्यक्रम आईटीएस-द एजुकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमैन अर्पित चड्ढा के सहयोग से किया गया। जिसका उद्देश्य मरीजों के बीच इम्प्लांट्स के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना था। जिसके माध्यम से मरीजों के फिक्स्ड दांत इम्प्लांट्स के जरिए लगाया जा सकें एवं रोगी को समग्र उपचार प्रदान कर सकें। पाठ्यक्रम के गेस्ट स्पीकर डॉ अभिषेक भारद्वाज थे जिन्हें ओरल इंप्लांटोलॉजी के क्षेत्र में व्यापक ज्ञान प्राप्त है और वह नियमित रूप से इस तरह के कोर्स संचालित कर रहे है। इस पाठ्यक्रम का उद्देश्य प्रतिभागियों के क्लीनिकल ज्ञान में वृद्धि करना तथा भविष्य में उन रोगियों में इम्प्लांट को सफलतापूर्वक स्थापित करने और लगाने के लिये तैयार करना था जिन रोगियों के दांत नहीं है।

डॉ भारद्वाज ने सभी प्रतिभागियों को व्यापक रूप से डायग्नोस्टिक मूल्यांकन, प्रोस्थेटिक प्लानिंग और सर्जिकल निष्पादन की गहरी समझ दी। डॉ भारद्वाज ने पहले, दूसरे और तीसरे दिन एमडीएस के विद्यार्थियों और अन्य दंत चिकित्सकों को ओरल इंप्लांटोलॉजी उपचार की प्रक्रियाओं के बारे में एक लाइव डेमोंस्ट्रेशन, हैंड्स-ऑन एवं सुचुरिंग तकनीक और इम्प्लांट उपचार योजना पर कार्यशाला आयोजित की। कार्यक्रम के अंतिम दिन अर्पित चड्ढा ने अपने प्रेरक शब्दों के साथ प्रतिभागियों को बधाई दी और उन्हें प्रोत्साहित करते हुए बताया कि संस्थान में नियमित रूप से इस तरह के ज्ञानवर्धक पाठ्यक्रमों का आयोजन करना ही संस्थान का उद्देश्य है।

इसके साथ ही उन्होंने बताया कि दंत चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम उपचार के तौर-तरीकों के प्रति संस्थान का हमेशा एक प्रगतिशील दृष्टिकोण रहा है। इसलिये छात्रों के ज्ञान को बढ़ाने के संस्थान द्वारा इस जानकारीपूर्ण ओरल इंप्लांटोलॉजी कोर्स का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर संस्थान के निदेशक-प्रधानाचार्य डॉ देवी चरण शेट्टी के साथ-साथ सभी दंत विभागों के एचओडी एवं दंत चिकित्सक उपस्थित रहे।