तरुण मिश्र ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया व राज्य की प्रथम महिला अनीता कटारिया से की मुलाकात

-असम में मखाना उत्पादन और ब्रह्म समाज के मुद्दों पर की चर्चा

गुवाहाटी। ब्रह्म समाज के उत्थान के साथ-साथ रोजगार को बढ़ावा देने के लिए भी अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व महामंत्री एवं ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने कवायद तेज कर दी है। एक बार फिर से उन्होंने अपना दौरा शुरु कर दिया है। बुधवार को असम पहुंचे ब्राह्मण सेवक तरुण मिश्र ने राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया तथा राज्य की प्रथम महिला अनीता कटारिया के साथ रात्रि भोज किया। रात्रि भोज के दौरान उन्होंने ब्रह्म समाज के साथ-साथ रोजगार और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा की। तरुण मिश्र ने कहा कि जिस तरह से बिहार में मुख्य तौर पर मखाना का उत्पादन होता है। बिहार का मखाना देश से लेकर विदेश तक जा रहा है। मखाना एक ऐसा सुपरफूड है, जिसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है। मखाना यानी फॉक्स नट्स में कई तरह के एंटीऑक्सीडेंट पाए जाते हैं और ये किडनी के साथ आपकी हार्ट हेल्थ के लिए भी अच्छा है। मखाना डायबिटीज के मरीजों के लिए भी फायदेमंद माना जाता है। इसे खाने से शारीरिक कमजोरी दूर होती और बॉडी में एनर्जी आती है।

बिहार में मखाना का उत्पादन होने से वहां लोगों की जीविका चल रही है। असम में तालाबों की संख्या बहुत है। असम में भी मखाना का उत्पादन भविष्य के लिए बहुत जरुरी है। जिससे असम के नागरिकों को रोजगार के लिए दुसरे राज्य में भटकना नहीं पड़ेगा। अभी तक असम में तालाबों का इस्तेमाल सिर्फ मछली पालन के लिए ही होता है। अगर तालाबों में मछली पालन के साथ-साथ मखाना का उत्पादन शुरु किया जाए तो सरकार को भी इसका फायदा मिलेगा। इस दौरान उन्होंने असम में ब्रह्म समाज के लिए ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन के लिए चर्चा की। उन्होंने कहा कई राज्यों में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन हो चुका है। अगर असम में भी ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन हो जाए तो सरकार की यह सकारात्मक पहल होगी। ब्रह्म समाज को इससे मजबूती मिलेगी।

ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन न होने के कारण ब्राह्मण समाज के हको का पतन हो रहा है। ब्राह्मण समाज सदा से देश व समाज के कल्याण के लिए ही अपनी क्षमता का उपयोग करता रहा है, बावजूद इसके राजनीतिक महत्वाकांक्षाओं ने वर्ण व्यवस्था की गलत व्याख्या कर समाज मे जातिगत भेदभाव पैदा करते हुए आरक्षण व्यवस्था को जो वोट बैंक का आधार बनाया है। इसमें सबसे अधिक उपेक्षा ब्राह्मणों की हुई है। मौजूदा दौर मे संवैधानिक व्यवस्था मे अलग-थलग पड़े समस्त ब्राह्मणों को एकजुट होकर अपने उत्थान के लिए स्वयं संघर्ष करने के साथ-साथ धर्म व संस्कृति के पतन की रक्षा के लिए समाज को दिशाहीन होने से बचाना भी ब्राह्मण का दायित्व होना चाहिए। तरुण मिश्र की बातों को सुनकर राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने कहा जिस तरह से आप सर्वसमाज के हितों को लेकर अपनी आवाज को उठा रहे है, वह बहुत सराहनीय है। असम में भी मखाना का उत्पादन और ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर जल्द ही सरकार से चर्चा की जाएगी।