घोटाले में गाजियाबाद नगर निगम के अधिकारी सस्पेंड

-तीन अन्य अधिकारियों पर भी निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप

गाजियाबाद। नगर निगम के वसुंधरा जोन अंतर्गत मैसर्स एजिंल प्रमोटर्स प्रतिष्ठान पर निर्धारित किए गए हाउस टैक्स के घोटाले में आखिरकार जोन के तत्कालीन कर निर्धारण अधिकारी महेन्द्र सिंह पर गाज गिर ही गई।
नगर विकास विभाग के प्रमुख सचिव अमृत अभिजात ने कार्रवाई करते हुए कर निर्धारण अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। वहीं, अपर मंडल आयुक्त को इन पर लगे आरोप की जांच के लिए जांच अधिकारी बनाया गया है। अपर मंडलायुक्त कर निर्धारण अधिकारी महेंद्र सिंह पर लगे आरोपों की जांच रिपोर्ट तैयार कर शासन को रिपोर्ट भेजेंगे।

नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ इनके निलंबन की पुष्टि करते हुए बताया कि निलंबन की कार्रवाई शासन स्तर से की गई है। मैसर्स एंजिल प्रमोटर्स प्राइवेट लिमिटेड पर एक अप्रैल 2019 को 2.46 करोड़ रुपए का हाउस टैक्स निर्धारित किया गया था। कंपनी ने एक साथ टैक्स जमा न कर इसकी किश्त बनवाई। कंपनी की ओर से नैनीताल बैंक का पांच लाख रुपए का चेक दिया गया जो बैंक में बाउंस हो गया। इस मामले में वसुंधरा जोन के तत्कालीन कर निर्धारण अधिकारी महेन्द्र सिंह समेत चार अधिकारियों व कर्मचारियों को आरोपी बनाया गया।

इस प्रकरण की जांच नगर आयुक्त ने मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा से कराई गई। जांच में पाया गया कि मामले में वसुंधरा जोन के तत्कालीन कर निर्धारण अधिकारी महेन्द्र सिंह, तत्कालीन राजस्व कर निरीक्षक द्वितीय और राजस्व निरीक्षक व कर अधिक्षक को भी दोषी पाया गया। इस मामले में नगर आयुक्त डॉ. नितिन गौड़ ने कर निर्धारण अधिकारी महेन्द्र सिंह के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए शासन को संस्तुति पत्र भेजा था। इसके आधार पर इन्हें निलंबित कर दिया गया। नगर आयुक्त ने बताया कि इस मामले में बाकी तीन अधिकारियों पर भी निगम को आर्थिक क्षति पहुंचाने का आरोप है। इस मामले में भी जांच शुरू की गई है। जांच में अगर दोषी पाए जाते है तो इस मामले में आख्या मिलते ही उनके खिलाफ भी कार्रवाई होगी।