योगी के नेतृत्व में बदल रही यूपी की तस्वीर

विजय मिश्रा
(लेखक उदय भूमि के ब्यूरो चीफ हैं। इंडियन एक्सप्रेस, जी न्यूज, दैनिक जागरण, अमर उजाला, नई दुनिया सहित कई प्रमुख समाचार पत्र एवं न्यूज चैनल के साथ काम कर चुके हैं।)

त्तर प्रदेश में जब से योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में सरकार बनी है तब से प्रदेश में आर्थिक विकास,भारतीय सनातन सांस्कृतिक और राष्टवाद का रंग गाढ़ा होता जा रहा है वहीं, दूसरी ओर माफियाओं और अपराधियों के खिलाफ जीरो टालरेंस की नीति पर भी तेज गति से काम चल रहा है। सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं देश के अन्य राज्यों में योगी आदित्यनाथ के प्रति लगाव और आकर्षण बढ़ता जा रहा है। योगी की बढ़ती लोकप्रियता भारतीय जनता पार्टी के लिए भी फायदेमंंद है। दरअसल देश की जनता योगी आदित्यनाथ को ऐसे भगवाधारी के रूप में देख रही है जिसने देश और देशवासियों के जनकल्याण के साथ सनातन धर्म के पुर्नजागरण के लिए काम कर रहे रहे हंै। जहां तक विकास की बात है तो योगी आदित्यनाथ जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बदलाव की बयार साफ दिखायी पड़ रही है। प्रदेश में सनातन धर्म सहित सभी धर्म पंथों और सम्प्रदायों के पर्व समान रूप से शांति पूर्वक सम्पन्न हो रहे हैं। पहले धार्मिक त्यौहारों के अवसर पर दंगा फसाद सामान्य घटना हुआ करती थी। प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या के बाद योगी आदित्यनाथ ने माफियाओं के खिलाफ जिस तरह का कड़ा रूख अख्तियार किया है उससे प्रदेश की जनता खुश है। पहले उत्तर प्रदेश माफियाओं के चंगुल में था लेकिन योगी प्रदेश को माफियाओं से मुक्त कराने का काम कर रहे हैं और इसमें वह काफी हद तक सफल रहे हैं।

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विकास की राह पर आगे बढ़ता हुआ यह वही उत्तर प्रदेश है, जहां 40 लाख परिवारों को आवास मिला है। एक करोड़ 38 लाख परिवारों को बिजली कनेक्शन मिला, हर गांव की कनेक्टिविटी को बेहतर बनाया गया और गांव-गांव तक आप्टिकल फाइबर केबल बिछाने का कार्य युद्धस्तर पर चल रहा है। अंतरराज्यीय संपर्क को भी सुदृढ़ किया गया है। पांच एक्सप्रेस-वे विकास को रफ्तार देने के लिए तैयार हो रहे हैं तो देश को रक्षा उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए डिफेंस कॉरिडोर का निर्माण हो रहा है। हमें याद रखना होगा कि वर्ष 2015-16 में प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय मात्र 47,116 रुपये थी जो कि आज बढ़कर 94,495 रुपये है।

उत्तर प्रदेश के बदलते वातावरण का परिणाम है कि आज निवेशकों की पहली पसंद उत्तर प्रदेश है। यूपी ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट की सफलता बता रही है कि जल्द उत्तर प्रदेश वन ट्रिलियन इकोनॉमी वाला प्रदेश बनेगा। चार साल के भीतर ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की राष्ट्रीय रैंकिंग में 12 पायदान ऊपर उठकर नंबर दो पर आना कोई सरल कार्य नहीं था, लेकिन योगी सरकार ने यह कर दिखाया है। पहले जिस प्रदेश को बीमारू कहा जाता था। लेकिन आज उत्तर प्रदेश का विकास का प्रतीक बन गया है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में निवेश प्रस्तावों के लागू होने से लाखों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। भगवान राम और कृष्ण की पवित्र जन्मस्थली के रूप में जाना जाने वाला उत्तर प्रदेश अपने बिलकुल नए अवतार में भारत और दुनिया के शीर्ष व्यापारिक घरानों को निवेश करने के लिए आकर्षित कर रहा है। हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 में मुकेश अंबानी से लेकर कुमार मंगलम बिड़ला, टाटा समूह के एन. चंद्रशेखर से लेकर ज्यूरिख एयरपोर्ट एशिया के सीईओ डेनियल बिचर समेत कॉपोर्रेट जगत की कई दिग्गज हस्तियां ना केवल मौजूद थी बल्कि उन्होंने राज्य में कुल मिलाकर 33.50 लाख करोड़ की राशि के निवेश की घोषणा की। उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। लेकिन, इसे खराब कानून व्यवस्था की स्थिति वाला एक बीमारू राज्य या उलटा प्रदेश भी कहा जाता था। हालांकि, 5-6 साल के भीतर उत्तर प्रदेश ने अपनी एक नई पहचान बना ली है। अब उत्तर प्रदेश सुशासन, बेहतर कानून व्यवस्था, शांति और स्थिरता के लिए जाना जाता है। आज का उत्तर प्रदेश योगी वाला प्रदेश के रूप में जाना जाता है।