बिहार की प्यास बुझाने के लिए हरियाणा से जा रही थी ट्रक में भरकर शराब की पेटी

-पुलिस से बचने के लिए खुफिया तरीके से ड्राइवर केबिन में छिपाकर रखी थी चार लाख की शराब

-अवैध शराब समेत चालक गिरफ्तार, आसवनी के स्वामी/मैनेजर के खिलाफ मुकदमा दर्ज

गौतमबुद्ध नगर। शराबबंदी लागू होने की वजह से तस्करों के लिए बिहार बड़ा बाजार बन गया है। चुनाव और त्योहारी सीजन खत्म होने के बाद भी हरियाणा से बड़े स्तर पर शराब की तस्करी शुरू हो गई है और यहां की शराब से बिहारियों की प्यास बुझाने की योजना थी। मगर आबकारी विभाग की टीम ने बिहार पहुुंचने से पहले ही शराब से लदे ट्रक जब्त कर लिया। शराब तस्करों ने पुलिस को चकमा देने के लिए
खुफिया तरीके से ड्राइवर केबिन में शराब की पेटियों को छिपाकर रखा हुआ था। जो कि हरियाणा से शराब भरकर दिल्ली पुलिस को चकमा देकर आसानी से गौतमबुद्ध नगर की सीमा में प्रवेश हो गए। मगर आबकारी विभाग के आगे शराब तस्कर के सभी जुगाड़ धरे के धरे रह गए। पकड़ी गई शराब की कीमत करीब 4 लाख रुपए से अधिक बताई जा रही है। आबकारी विभाग की कार्रवाई के चलते शराब माफिया अपने किसी भी मंसूबों में कामयाब नही हो पा रहे है। जिस कारण उन्हें लाखों-करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ रहा है। आबकारी विभाग की टीम दिल्ली बोर्डर एवं हाईवे पर 24 घंटे मुस्तैद है। जिसके चलते पिछले कुछ समय से बाहरी राज्यों की शराब तस्करी कम हो गई थी। लेकिन शराब माफियाओं को लगा की आबकारी विभाग की टीम दिल्ली में सस्ती शराब होने के चलते उनका पूरा ध्यान दिल्ली की शराब पर है।

जिसका फायदा उन्हें मिल जाएगा। मगर उनकी मंशा पर आबकारी विभाग ने एक बार फिर से पानी फेर दिया। शौकीनों की प्यास बुझाने और मुनाफाखोरी के धंधे को चमकाने के लिए शराब तस्कर हरियाणा, उत्तर प्रदेश, झारखंड व पश्चिम बंगाल जैसे बाहरी राज्यों से चोरी-छिपे करोड़ों की शराब की खेप मंगाकर रकम दोगुनी करने की तैयारी में रहते है। आबकारी आयुक्त उत्तर प्रदेश के आदेश के क्रम में जिलाधिकारी और पुलिस आयुक्त गौतमबुद्ध नगर के निर्देश के क्रम में अवैध शराब की बिक्री एवं परिवहन पर पूर्णत: अंकुश लगाए जाने के लिए जिले में विशेष प्रवर्तन अभियान चलाया जा रहा है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश बहादुर सिंह ने बताया कि गुरुवार तड़के मुखबिर से सूचना मिली की ट्रक में हरियाणा से शराब की पेटी लेकर बिहार में सप्लाई के लिए जा रही है। सूचना पर तत्काल कार्रवाई करते हुए आबकारी निरीक्षक क्षेत्र- 7 राहुल सिंह, आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-5 चंद्रशेखर सिंह और थाना नॉलेज पार्क की संयुक्त टीम ने तस्करों को पकड़ने के लिए परी चौक पर बैरिकेडिंग लगाकर वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी।

चेकिंग के दौरान उक्त शराब को जब चेक किया गया तो पुलिस को ट्रक में कोई भी शराब नही मिली। मगर जब आबकारी निरीक्षक राहुल सिंह ने अपनी टीम के साथ ट्रक की चेकिंग की तो गाड़ी के होश उड़ गए। ट्रक में चेकिंग के दौरान तो कुछ नही मिला लेकिन जब चालक की सीट के पास चेकिंग की गई तो खुफिया तरीके से ड्राइवर केबिन में छिपाकर रखी गई 65 पेटी में कुल 1200 बोतल शराब जब्त की गई। जिसमे 36 पेटी रॉयल स्टैग 750 एमएल धारिता, 11 पेटी रॉयल स्टैग 375 एमएल धारिता, 8 पेटी रॉयल स्टैग 180 एमएल धारिता और 10 पेटी मैकडॉवेल नंबर वन 750 एमएल धारिता है। वाहन से अवैध शराब का परिवहन कर रहे वाहन चालक नरेंद्र सिंह पुत्र श्याम नंदन सिंह निवासी ग्राम इंदर बिगहा जहानाबाद बिहार को गिरफ्तार किया गया। वाहन चालक और संबंधित आसवनी के स्वामी/मैनेजर के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए मुकदमा दर्ज कर चालक को जेल भेजा गया और ट्रक को सीज कर दिया गया।

आबकारी निरीक्षक राहुल सिंह ने बताया कि पकड़ा गया तस्कर बिहार से कुछ सामान लेकर हरियाणा आया हुआ था। जो कि वापसी में ट्रक खाली था, जिस कारण उसने पुलिस से बचने के लिए अपने ही केबिन में शराब की पेटियों को छिपा दिया और बिहार में सप्लाई करना था। उक्त शराब को बिहार में किसे देनी थी। इसकी जांच की जा रही है। शराब तस्कर बड़ा शातिर था। हरियाणा से दिल्ली होते हुए गौतमबुद्ध नगर के रास्ते शराब से भरा ट्रक निकालने की योजना थी। मगर वह दिल्ली से तो बाहर निकल गए, लेकिन गौतमबुद्ध नगर की सीमा में प्रवेश करते हुए आबकारी विभाग की टीम ने उन्हें दबोच लिया। हरियाणा में यूपी के मुकाबले अंग्रेजी शराब करीब 30 से 40 प्रतिशत सस्ती है। जिस गाड़ी से 65 पेटी शराब जब्त किया गया।

वाहन चालक को शराब तस्करी के लिए हर चक्कर पर भाड़े से 20 से 30 हजार रुपए अतिरिक्त मिलते थे। हरियाणा से यूपी या फिर बिहार व झारखंड में शराब तस्करी के जितने भी मामले पकड़ में आए हैं, जिनमें अधिकतर में केवल शराब लेकर जाने वाले वाहन चालक ही पकड़े गए हैं। शराब की तस्करी कराने वाले बड़े तस्कर अभी तक पुलिस पकड़ से बाहर हैं। आसवनी के स्वामी/मैनेजर के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। क्योंकि बिना बिल और लाइसेंस के हरियाणा से इतनी भारी मात्रा में शराब चालक को कैसे मिल गई। कहीं न कहीं इसमें मैनेजर की भूमिका भी संदिग्ध है। इसलिए उसके खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया गया है। इस कार्रवाई से बाहरी राज्यों की शराब तस्करी पर रोक लग सकेगी।