चिंताजनक : बांके बिहारी मंदिर की इमारत को खतरा

-इमारत झुकी, भूकंप आने पर बड़े नुकसान की आशंका
उदय भूमि ब्यूरो
मथुरा। देश-विदेश के लाखों-करोड़ों श्रद्धालुओं की अटूट आस्था का केंद्र ठाकुर बांके बिहारी मंदिर की इमारत को खतरा उत्पन्न हो गया है। दरार आने के साथ-साथ इमारत झुक भी चुकी है। भूगर्भीय जांच में यह जानकारी सामने आई है। ऐसे में मंदिर प्रबंधन की बेचैनी बढ़ गई है। अब आईआईटी दिल्ली की विस्तृत रिपोर्ट की प्रतीक्षा हो रही है। मशहूर श्री बांके बिहारी मंदिर में 3 माह पहले मुख्य परिसर का फर्श धंस गया था। इससे मंदिर प्रबंधन एकाएक सकते में आ गया था। कोरोना वायरस के कारण लॉक डाउन लागू होने से उस समय मंदिर के मुख्य द्वार श्रद्धालुओं के लिए बंद थे। हादसे से परेशान मंदिर प्रबंधन ने तुरंत रिसीवर मथुरा मुंसिफ को यह जानकारी दी। आईआईटी दिल्ली की अनऑफिशल रिपोर्ट की जानकारी मिलने पर मंदिर प्रबंधन की चिंता और ज्यादा बढ़ गई। मुंसिफ की अनुमति के बाद आईआईटी दिल्ली, केंद्रीय पुरातत्व विभाग और दूसरी निजी निर्माण एजेंसियों की मदद से समूचे मंदिर परिसर की भूगर्भीय और तकनीकी जांच कराई गई। निजी संस्था ने मंदिर का ग्राउंड पेनीट्रेटिंग रेडार (जीपीआर) तकनीक से परीक्षण किया। वहां से मिट्टी के नमूने भी प्रयोगशाला में भेजे गए। तकनीकी जांच प्रक्रिया के उपरांत निजी एजेंसियों की रिपोर्ट सामने आई है। यह रिपोर्ट मंदिर प्रबंधन के लिए चिंता का सबब बन गई है। रिपोर्ट बताती है कि मंदिर के विभिन्न हिस्सों में दरार आ गई है। नींव में पानी का निरंतर रिसाव होने से मंदिर का एक हिस्सा लगभग डेढ़ इंच तक धंस चुका है। 1864 में इस मंदिर का निर्माण कराया गया था। मंदिर की इमारत भूकंप रोधी भी नहीं थी। ज्यादा तीव्रता का भूकंप आने पर मंदिर की इमारत को काफी नुकसान होने की संभावना है।