यशोदा कौशांबी टीबी मरीजों के लिए सिंगल विंडो की तरह कर रहा कार्य: डॉ उपासना अरोड़ा

-उत्तर प्रदेश का पहला ड्रग रेसिस्टेंट टीबी सेंटर की गाजियाबाद में होगी शुरुआत
-विश्व क्षयरोग दिवस पर जागरूकता एवं शिविर का आयोजन

गाजियाबाद। विश्व क्षयरोग दिवस प्रत्येक वर्ष 24 मार्च को मनाया जाता है। इस दिवस पर शुक्रवार को यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी में एक जागरूकता लेक्चर एवं टीबी स्क्रीनिंग कैम्प का आयोजन किया गया। जागरूकता कार्यक्रम में इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज के अधिकारी डॉ मिधुन कुमार भी शामिल हुए। उनके द्वारा राष्ट्रीय तपेदिक उन्मूलन कार्यक्रम में योगदान करने के लिए और केंद्र के सहयोग से मिशन टीबी मुक्त भारत के लिए उद्देश्य से केंद्रीय टीबी डिवीजन के मार्गदर्शन में यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, कौशांबी एक बहु-हितधारक कार्यक्रम चला रहा है। इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज संस्था ने यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल कौशाम्बी की प्रशंसा करते हुए इसे प्राइवेट हॉस्पिटलों में टी बी उन्मूलन के लिए एक रोल मॉडल बताया।

उन्होंने बताया कि यशोदा हॉस्पिटल एक स्टेप सेंटर के रूप में कार्य कर रहा है। स्टेप का मतलब निजी क्षेत्र में टीबी उन्मूलन के लिए प्रणाली होता है, जिसमें टीबी के मरीजों के लिए हॉस्पिटल एक सिंगल विंडो मेकैनिज्म के तहत काम करता है। जिससे मरीजों को दवाइयों से लेकर काउंसलिंग और पुष्टाहार सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। इस अवसर पर हॉस्पिटल की डायरेक्टर एवं सीईओ डॉ उपासना अरोड़ा ने बताया कि आज उन्हें वाराणसी में प्रधानमंत्री के वर्ल्ड टीबी डे के कार्यक्रम में एम्बेसडर बनाया गया और उनका संदेश वीडियो भी वहां प्रसारित किया गया। डॉ उपासना अरोड़ा ने बताया कि हमारे हॉस्पिटल ने यूनियन के साथ मिलकर, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया के दिशा निर्देशन में गाजियाबाद के करीब 5100 मरीजों को टीबी के पुष्टाहार के लिए गोद लिया है।

गाजियाबाद अब पूरे उत्तर प्रदेश में पहले स्थान पर है। जहा से लगभग सभी टीबी मरीजों को पुष्टाहार प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि हॉस्पिटल ड्रग रेसिस्टेंट टीबी के मरीजों के लिए अर्थला में एक डी.आर. सेंटर बनने जा रहा हैं, यह उत्तर प्रदेश का पहला डी.आर. सेंटर होगा और साथ ही नोएडा में 6000 कर्मचारियों की टीबी स्क्रीनिंग की जाएगी। यह सब विश्व स्वास्थ्य संगठन, इंटरनेशनल यूनियन अगेंस्ट ट्यूबरक्लोसिस एंड लंग डिजीज एवं यूएसएड की मदद से किया जा रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ भवतोष शंखधर ने यशोदा हॉस्पिटल के द्वारा टीबी के मरीजों को गोद लेने पर अत्यंत खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि जन भागीदारी की बहुत आवश्यकता है। भारत से टीबी को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री द्वारा चलाये जा रहे अभियान टीबी मुक्त भारत में यशोदा हॉस्पिटल का योगदान मील का पत्थर साबित होगा। जागरूकता कार्यक्रम में डॉ आरके मणि, डॉ सुनील डागर, डॉ केके पांडे, डॉ अंकित सिन्हा, डॉ श्वेता मौजूद रहे।

जागरूकता का वार बनेगा टीबी से जंग में अहम हथियार
डायरेक्टर एवं सीईओ डॉ उपासना अरोड़ा ने बताया कि क्षय रोग यानी टीबी स्वास्थ्य विभाग के लिए चुनौती बन गया है। बढ़ते मरीज और इधर-उधर लोगों के थूकने की आदत टीबी उन्मूलन की राह में आड़े आ रही है। रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड, बाजार व अन्य सार्वजनिक स्थल ही नहीं, सड़कों व स्लम बस्तियों में स्थिति अधिक दयनीय है। साल 2025 तक ब्लाक को टीबी मुक्त करने के उद्देश्य से भारत सरकार के द्वारा टीवी रोग कि जागरूकता को लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है जिससे लोग जागरूक हो रुके और देश रोग मुक्त हो सकें। इस बीमारी को खत्म करने के लिए इसके बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है। इसके साथ ही जन भागेदारी से हम भारत को टीबी मुक्त बनाने में अपना योगदान दे सकतें है। क्षय रोग के लिए सभी जांच व उपचार मुफ्त है। ऐसे में लोग अपने आसपास लोगों को क्षय रोग के प्रति जागरूक करें।