ऑन डिमांड लग्जरी कारों की चोरी, गिरोह का सरगना व महिला समेत चार अन्तर्राज्यीय चोरों गिरफ्तार

  • पांच सालों में वाहन चोरी की वारदातों में लगा चुके है शतक, फर्जी कागज बनाकर ओलेक्स पर करते थे सेल

  • चोरी की 8 लग्जरी कार व फर्जी नंबर प्लेट, आरसी, आरसी कार्ड, मुहर और 29 चाबियां, डिवाइस बरामद

गाजियाबाद। क्राइम ब्रांच पुलिस कमिश्नरेट गाजियाबाद ने ऑन डिमांड लग्जरी कार चोरी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए चोरी की 8 लग्जरी कार व गिरोह का सरगना समेत चार शातिर अंतरराज्यीय वाहन चोरों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए वाहन चोर पिछले करीब पांच वर्षों से लगातार वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे। जो कि 100 से अधिक वाहन चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके है। वाहन चोरी की वारदात को अंजाम देने के बाद उसका नंबर प्लेट बदल कर दिल्ली में छिपा देते थे। इस बीच उस गाड़ी के नए कागज तैयार कर ओएलएक्स या फिर दूसरे राज्यों में बेच देते थे। गिरोह के पास कार का लॉक खोलने से लेकर गाड़ी की फर्जी आरसी बनाने तक के लिए कई प्रकार की डिजिटल डिवाइस मौजूद थे।

गुरुवार को हरसांव पुलिस लाइन में वाहन चोरी की घटना का खुलासा करते हुए एडिशनल डीसीपी (क्राइम) सच्चिदानंद ने बताया कि गुरुवार तड़के क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने राहुल त्यागी पुत्र मंगू त्यागी निवासी ग्राम खरखड़ी हापुड़, तौसीफ कुरैशी पुत्र सलीम कुरैशी निवासी मोहल्ला बकर कसावन सिकन्द्राबाद बुलन्दशहर, इरफान मलिक पुत्र इस्लाम निवासी खारी कुआं गुजरान गेट सरधना मेरठ एवं मधु अग्रवाल पुत्री महेश अग्रवाल निवासी मीडोज विस्ता राज नगर एक्सटेंशन को वेब सिटी से गिरफ्तार किया है। गिरोह का सरगना राहुल त्यागी है। जिनके खिलाफ वाहन चोरी के 38 मुकदमे दर्ज हैं। आरोपियों की निशानदेही पर दिल्ली से चोरी चार फॉर्च्यूनर, फरीदाबाद से क्रेटा, राजस्थान से स्कॉर्पियो और दिल्ली से निशान कार कुल 8 लग्जरी कार को बरामद किया गया है। इसके अलावा कई फर्जी नंबर प्लेट, आरसी, आरसी कार्ड, मुहर और 29 चाबियां भी बरामद किया गया है।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया कि पकड़े गए आरोपी अन्तर्राज्यीय वाहन चोर है। जो ऑन डिमांड कार की चोरी करते थे। आरोपी पिछले करीब पांच वर्षों से लगातार वाहन चोरी की वारदात को अंजाम दे रहे थे। जो कि 100 से अधिक वाहन चोरी की वारदात को अंजाम दे चुके है। इरफान और मधु पुरानी गाडिय़ों की खरीद-फरोख्त का धंधा करते है। इसलिए उनके पास ग्राहकों की डिमांड आती रहती थी। उसी डिमांड के अनुसार ही दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के राज्यों में वाहन चोरी की वारदातों को अंजाम देते थे। लग्जरी गाडिय़ों का सेंट्रल लॉक खोलने के लिए इनके पास कई तरह के डिवाइस है। जिससे आसानी से गाड़ी चोरी कर लेते थे। गाड़ी चोरी करने के बाद कुछ दूरी पर उसका नंबर प्लेट बदलकर उसका जीपीएस सिस्टम निकाल कर फेंक देते थे। चोरी की गाडिय़ों को छिपाने के लिए दिल्ली, फरीदाबाद में अड्डा बनाया हुआ था। गाड़ी चोरी करने के बाद आरोपी ऐसी गाडिय़ों की तलाश करते थे, जो पूरी तरह से डैमेज हो चुकी है। उस गाड़ी का नंबर चोरी हुई गाड़ी पर चिपका देते थे। इस्माइल और आदिल इंजन व चेचिस नंबर घिसकर नया बनाने के एक्सपर्ट हैं।

उन्होंने बताया आदिल पंजाब व दिल्ली में कुछ ठिकानों से चिप वाला आरसी कार्ड लेकर आता है। फिर अपनी मशीन से खुद ही उसको प्रिंट कर देता था। इस प्रकार चोरी की गाड़ी का नाम-नंबर सब कुछ बदल देते थे और उसे पुरानी गाड़ी बताकर ओएलएक्स या फिर दूसरे राज्यों में बेच देते थे। गिरोह में कई और लोग शामिल है, जिनकी तलाश जा रही है। आरोपी पूर्व में भी वाहन चोरी के मामले में जेल जा चुके है।
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