गाजियाबाद नगर निगम का फ्यूचर है ब्राइट, 400 करोड़ तक बढ़ जाएगी आमदनी

नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने निगम को स्वाबलंबी बनाने का कर दिया है इंतजाम

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। कठिन रास्तों का सफर बुलंद हौसले वाला व्यक्ति ही पूरा करता है। यह बात गाजियाबाद के नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर पर सटीक बैठती है। बीते कुछ महीने से जहां गाजियाबाद नगर निगम के खाली खजाने को लेकर लोग चर्चा करने में मशगूल थे, वहीं महेंद्र सिंह तंवर ने कुछ ऐसी प्लानिंग कर दी जिससे निकट भविष्य में ना सिर्फ नगर निगम का खजाना भरेगा बल्कि निगम पूरी तरह से स्वाबलंबी भी बन जाएगा। नगरायुक्त के धांसू प्लान से गाजियाबाद नगर निगम की आमदनी में तीन गुणा बढ़ोत्तरी होगी। इस प्लान की चर्चा इसलिए भी अधिक हो रही है, क्योंकि इसमें आम शहरवासियों पर नाम मात्र का बोझ पड़ेगा।

व्यवसायिक और औद्योगिक इकाइयों से अधिक टैक्स वसूली होगी और जीआईएस सर्वे के जरिये टैक्स नेट का दायरा बढ़ाया जाएगा। नगरायुक्त के इस प्लान पर शासन की मुहर लगना बाकी है। शासन की मुहर लगते ही नगर निगम की आमदनी 400 से 500 करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगी। पिछले कुछ वर्षों में गाजियाबाद नगर निगम ने कई नये आयाम गढ़े हैं। परंपरागत तरीके से कार्य करने की शैली से अलग हटकर नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने दूरगामी सोच अपनाते हुए भविष्य को लेकर जोरदार प्लानिंग की है। नगरायुक्त के इस प्रयास का असर आगामी वित्त वर्ष में दिखाई देगा। किसी भी संस्था को आर्थिक तंगी से बचाने के सिर्फ दो रास्ते हैं।

पहला विकास कार्यों पर रोक लगाकर खर्चें को कम किया जाये और दूसरा आमदनी को बढ़ाया जाये। पहला रास्ता आसान है, लेकिन दूसरा रास्ता कठिन। दूसरे रास्ते को अपनाने पर कई तरह का विरोध और बेहतर प्रबंधन की जरूरत होती है। महेंद्र सिंह तंवर ने दूसरे रास्ते को अपनाया। यही वजह है कि तमाम आर्थिक कठिनाईयों के बावजूद विकास की रफ्तार में कोई कमी नहीं आई और आमदनी भी बढ़ी है। लेकिन ये दिल मांगे मोर की तर्ज पर नगरायुक्त ने नगर निगम के भविष्य को लेकर भी कई योजनाओं पर जोरदार तरीके से काम किया।

जीआईएस सर्वे और पीटीएमएस सर्वे से ढाई गुणा बढ़ जाएगी आमदनी
वर्तमान में नगर निगम को टैक्स मद में लगभग 145 करोड़ की आमदनी होती है। इस आमदनी को बढ़ाने के लिए नगरायुक्त ने जीआईएस सर्वे और पीटीएमएस सर्वे का सहारा लिया। इसका असर भी दिखाई दे रहा है। मुख्य कर निर्धारण अधिकारी डॉ. संजीव सिन्हा के मुताबिक नगर निगम की आमदनी में दो से ढाई गुना तक की बढ़ोत्तरी होगी। डॉ. सिन्हा ने बताया कि नगरायुक्त के निर्देशानुसार हर उस बिंदु पर काम किया जा रहा है, जिससे नगर निगम की आमदनी में बढ़ोत्तरी हो। नगर निगम सीमांतर्गत शामिल ग्रामीण क्षेत्रों से निगम को 10 से 15 करोड़ रुपये टैक्स मिलने की उम्मीद है।

380 करोड़ रुपये की होगी टैक्स वसूली
संपत्ति कर नियमावली २००१ में दिये गये प्रावधानों के अंतर्गत प्रकाशन कराये गये जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल दरों के आधार पर संपत्ति कर की व्यवस्था लागू होने से आमदनी काफी बढ़ जाएगी। वर्तमान में 145 करोड़ रुपये की टैक्स वसूली के सापेक्ष में नगर निगम की टैक्स से होने वाली आमदनी बढ़कर लगभग 380 करोड़ रुपये हो जाएगी। इस नियम से आर्थिक रूप से कमजोर लोगों पर टैक्स का भार कम होगा और संपन्न लोगों पर लगने वाले टैक्स में मामूली बढ़ोत्तरी होगी।

इन स्त्रोतों से बढ़ रही है निगम की आमदनी
नगर निगम की बेशकीमती दुकानों से महज 200 से 400 रुपये तक की टैक्स वसूली होती रही है। लेकिन नगरायुक्त महेंद्र सिंह तंवर ने संपत्ति की खोजबीन करके उसका नये सिरे से किराया निर्धारित किया। जांच में पता चला कि नगर निगम की सैकड़ों संपत्तियों पर कब्जा है और उसका किराया भी निगम के खजाने में जमा नहीं हो रहा है। अब दुकानों से नगर निगम को लगभग 75 करोड़ रुपये आमदनी होने की उम्मीद है। बीओटी विज्ञापन से जहां सिर्फ दो से ढाई करोड़ रुपये की आमदनी होती थी, वहीं अब नगर निगम को विज्ञापन कंपनी से एक वर्ष में 15 करोड़ रुपये मिल रहे हैं। पार्किंग ठेके से लगभग 3 से 4 करोड़ रुपये आमदनी बढ़ी है। लाइसेंस फीस से नाममात्र की आमदनी होती थी, लेकिन अब लाइसेंस फीस से 2 करोड़ रुपये की आमदनी होने की उम्मीद है। यूजर चार्ज से नगर निगम को लगभग 14 करोड़ रुपए मिलेंगे। ऑडिटोरियम और शॉपिग कॉम्प्लेक्स से भी नगर निगम को 4 से 5 करोड़ रुपये मिलेंगे। इसके अलावा भी कई ऐसे तरीके खोजे गये हैं, जिससे नगर निगम की आमदनी बढ़ेगी।

नगर निगम को स्वाबलंबी बनाने के लिए बेहद जरूरी है कि उसके आर्थिक स्त्रोत का दायरा बढ़ाया जाए। नगर निगम की आमदनी किस तरह से बढ़े, इसे लेकर योजना तैयार की गई। योजना को चरणबद्ध तरीके से लागू किया जा रहा है। इसका असर दिखााई दे रहा है। नगर निगम के खुद के स्त्रोत से आमदनी को 400 करोड़ के पार पहुचाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में काफी तेजी से काम किया जा रहा है।
महेंद्र सिंह तंवर
नगरायुक्त
गाजियाबाद नगर निगम