कलेक्ट्रेट के चक्कर नहीं लगाएंगी अब गैंगस्टर की फाइलें, गुंडा एक्ट की नई फाइलें

गाजियाबाद। कमिश्नरेट बन जाने के बाद अब गैंगस्टर, गुंडा एक्ट और मुचलका पाबंदी की फाइलें पुलिस कार्यालय से कलक्ट्रेट के चक्कर नहीं लगाएंगी। पुलिस कमिश्नर ही अब इन फाइलों पर कार्रवाई करेंगे। बीते दिनों हुई कई बड़ी वारदातों के आरोपियों पर पुलिस की ओर से इन अधिनियम में कार्रवाई कर फाइलें अभी तक कलक्ट्रेट भेजी जानी थीं, लेकिन अब नहीं भेजी जाएंगी। नगर निकाय चुनाव के दौरान मुचलका पाबंद करने की कार्रवाई भी अब पुलिस अधिकारी ही करेंगे। वहीं, प्रशासन की ओर से भी अब ऐसी करीब 100 से ज्यादा फाइलें वापस पुलिस कार्यालय पर भेजी जाएंगी।

7 अक्टूबर को नेहरू नगर थर्ड के ई-ब्लॉक में उद्यमी रमन सरीन के घर बदमाशों ने 24 लाख की डकैती डाली थी। पुलिस ने इस वारदात का खुलासा कर लिया था और परिवार के ही एक करीबी ने डकैती की साजिश रचकर वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में पुलिस आरोपियों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्रवाई कर सकती है। वहीं,20 नवंबर को नंदग्राम क्षेत्र की नई बस्ती से 11 साल की बच्ची खुशी का अपहरण कर उसकी हत्या के मामले में भी पुलिस गैंगस्टर की कार्रवाई कर सकती है। कमिश्नरेट बन जाने के बाद अब पुलिस अधिकारियों को इसकी पत्रावली भी डीएम के पास नहीं भेजनी पड़ेगी। इस मामले में आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है और फिलहाल वह जेल में हैं।

25 नवंबर की रात विजयनगर के औद्योगिक क्षेत्र स्थित एक मेटल फैक्टरी में 8 बदमाशों ने डकैती की वारदात को अंजाम दिया था। इस मामले में पुलिस 24 घंटे में ही 5 बदमाशों को गिरफ्तार कर करीब 10 लाख का माल बरामद कर चुकी है और तीन अन्य बदमाशों को मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में भी पुलिस गैंगस्टर की कार्रवाई करेगी, लेकिन अब यह फाइल भी कलक्ट्रेट नहीं भेजी जाएगी। इन प्रमुख वारदातों के अलावा कई अन्य वारदातों में भी पुलिस अधिकारी अब खुद गैंगस्टर एक्ट और गुंडा अधिनियम के तहत कार्रवाई करेंगे। इसमें 30 से ज्यादा चोरी की वारदातों को अंजाम देने वाला बांग्लादेशी गिरोह के बदमाशों पर भी कार्रवाई हो सकती है। इनके अलावा निकाय चुनाव में सीआरपीसी की धारा के तहत की जाने वाली कार्रवाई के लिए भी अब पुलिस को डीएम के भरोसे नहीं रहना पड़ेगा। गैंगस्टर एक्ट, गुंडा एक्ट समेत प्रशासनिक स्तर पर की जाने वाली कार्रवाई के लिए अब थानों से जो भी नई फाइलें आ रही हैं, उन्हें कलक्ट्रेट नहीं भेजा जाएगा। पुलिस कमिश्नर के स्तर से उन पर निर्णय लिया जाएगा।