गाजियाबाद का कुख्यात गैंगलीडर 50 हजार इनामी गुजरात में करता था सफाई का काम, क्राइम ब्रांच की टीम ने दबोचा

गैंगस्टर की कार्रवाई होते ही कलकत्ता, मुंबई और गुजरात में नाम, पता बदलकर करने लगा था ट्रेनों में सफाई
सौ से अधिक लूट, चोरी, छिनैती की वारदातों को दें चुका अंजाम
गाजियाबाद। कम समय में ज्यादा कमाई के लालच में अपराध की दुनिया में कदम रखकर लूट, छिनैती एवं चोरी की 100 से वारदातों को अंजाम देने वाले गैंगस्टर में फरार कुख्यात गैंगलीडर 50 हजार इनामी को क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी पहले कलकत्ता में बीमा एजेंट था, मगर कमाई कम होने के चलते गाजियाबाद में आकर रहने लगा। जब यहां भी कमाई कम हुई तो कम समय में जल्द अमीर बनने के लालच में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। पहले खुद लूट, छिनैती एवं चोरी की वारदातों को अंजाम देने लगा फिर धीरे-धीरे अपना खुद का एक नया गैंग तैयार कर लिया। लेकिन वर्ष 2018 और 2019 में पुलिस ने पकड़कर जेल भेज दिया। जेल से 2019 में ही फर्जी जमानती लगाकर बाहर आग गया। जैसे ही उसे गैंगस्टर के मुकदमें का पता चला तो गाजियाबाद छोड़कर फिर से कलकत्ता भाग गया। वहां से दो तीन माह बाद नाम-पता बदलकर में मुबंई जाकर रहने लगा और समुद्र तट पर बोट चलाने लगा। वहां से फिर भागकर 2022 में अंकलेश्वर गुजरात चला गया। पुलिस से बचने के लिए आरोपी पिछले करीब तीन वर्षों से लगातार आंख मिचौली का खेल खेलता रहा। गुजरात में ओबीएसएच कम्पनी जो रेलवे में सफाई आदि करवाती है उसमें काम करने लगा और क्लीनिंग स्टाफ का सुपरवाइजर बन गया। गांधीधाम स्टेशन पर क्लीनिंग स्टाफ रूम में रह रहा था और वर्तमान में हावडा जाने वाली ट्रेंन में क्लीनिंग सुपरवाइजर का काम कर रहा था। लेकिन क्राइम ब्रांच की टीम ने उसे दबोच लिया।

एडीसीपी सच्चिदानंद ने बुधवार प्रेसवार्ता करते हुए बताया कि क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी की टीम ने इंदिरापुरम थाने से गैंगस्टर में फरार 50 हजार इनामी प्राण सिंह पुत्र महेश सिंह निवासी रामकृष्ण पल्ली मध्यम ग्राम (एम) अब्दलपुर नोर्थ-24 परगना, पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया है। पकड़ा गया आरोपी पुलिस से बचने के लिए कभी पश्चिम बंगाल, फिर महाराष्ट्र और अब गुजरात में छिपकर रह रहा था। फिलहाल वह गुजरात से हावड़ा जाने वाली ट्रेन में क्लीनिंग सुपरवाइजर का काम कर रहा था। पकड़ा गया अपराधी प्राण सिंह मूल रूप से पश्चिम बंगाल में अब्दुलपुर नॉर्थ-24 का रहने वाला था, लेकिन इस पते के बारे में किसी को खबर नहीं थी। आरोपी जब-जब पकड़ा गया, तब-तब उसने अपना गाजियाबाद में इंदिरापुरम क्षेत्र शनि चौक का पता लिखवाया था। आरोपी बुधवार सुबह अपने पुराने गैंग के किसी सदस्य से मिलने के लिए शनि चौक आया था, जिसे क्राइम ब्रांच की टीम ने गिरफ्तार कर लिया। जिसके खिलाफ लूट, चोरी, चैन स्नेचिंग के 6 मुकदमें दर्ज है।

क्राइम ब्रांच प्रभारी अब्दुर रहमान सिद्दीकी ने बताया पकड़ा गया आरोपी 12वीं पास है और मूलरुप से बिहार में वैशाली का रहने वाला है। पहले वह कलकत्ता में बीमा एंजेट का काम करता था। रुपए कमाने के लिए गाजियाबाद आया और मजदूरी करने लगा। लेकिन जब इस काम से भी उससे अच्छे पैसे नही मिले तो उसने अपराधिक वारदातों को अंजाम देना शुरु कर दिया और उसके बाद खुद का एक गैंग तैयार कर लिया। यह गैंग हाईस्पीड बाइकों से मोबाइल, चेन स्नेचिंग करने लगा। टैक्सी किराए पर लेने के बाद उसे सुनसान रास्ते पर भी राहगीरों से लूट करने लगा। 2018 में पहली बार प्राण सिंह गाजियाबाद से पकड़ा गया और जेल गया। जेल से छूटकर फिर अपराध करने लगा। 2019 में जेल गया तो फर्जी जमानती लगाकर जमानत लेकर बाहर आ गया और इस दौरान उस पर गैंगस्टर की कार्रवाई हो गई। जब उसे गैंगस्टर की कार्रवाई का पता चला तो वह कलकत्ता भाग गया और वहां से मुंबई और फिर गुजरात में जाकर नाम व पता बदलकर रहने लगा। पकड़ा गया आरोपी सौ से अधिक लूट, चोरी, छिनैती की वारदातों को अंजाम दे चुका हैं।