आईटीएस डेंटल कॉलेज को नैक (एनएएसी) से मिला ‘ए’ ग्रेड

गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ रोड़ स्थित आईटीएस डेंटल कॉलेज मुरादनगर को नैक (एनएएसी) के ओर से लगातार तीसरी बार (वर्ष 2012, 2017 एवं 2023) ‘ए’ ग्रेड दिया गया है। कड़े मानकों की कसौटी पर खरा उतरने और नैक की ओर से भेजी गयी टीम के द्वारा संस्थान के कठिन निरीक्षण के बाद यह ग्रेड दिया गया है।
आईटीएस- द एजुकेशन ग्रुप के वाईस चेयरमैन, अर्पित चड्ढा ने बताया कि यह ‘ए’ ग्रेड पांच वर्ष यानी 2028 तक के लिये दिया गया है। उन्होंने बताया कि उत्तर भारत में हमारा कॉलेज प्रथम डेंटल कॉलेज है जिसे लगातार तीन बार (वर्ष 2012, 2017 एवं 2023) में नैक के द्वारा ए ग्रेड दिया गया है। उन्होंने बताया कि यह उपलब्धि स्टाफ और फैकल्टी के सहयोग से मिली है, जिसके लिये उन्होंने आईटीएस परिवार के सभी सदस्यों को बधाई दी।

छात्रों को मिलता है लाभ:
नैक रेटिंग से छात्रों को शिक्षण संस्थान के बारे मे सही जानकारी मिलती है। छात्रों को संस्थान के बारे में शिक्षा की गुणवत्ता, अनुसंधान, बुनियादी ढांचा और इंफ्रास्ट्रक्चर जैसी जानकारी आसानी से मिल जाती है। इतना ही नही, नैक ग्रेड शिक्षण संस्थानों की दी गयी डिग्रियों का मूल्य भी निर्धारित करते है। इसके अलावा जो विद्यार्थी अपनी पढ़ाई विदेश में करना चाहते है, उनको भी एडवांटेज मिलता है।

कैसे करती है नैक ग्रेडिंग काम
नैक यानी नेशनल असेसमेंट एंड एक्रीडेशन काउंसिल का काम देशभर की यूनिवर्सिटीज, हायर एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स और प्राइवेट इंस्टीट्यूट्स की क्वालिटी परखना और उनको रेटिंग देना है। यूजीसी ने जो नई गाइडलाइंस जारी की हैं उनके मुताबिक सभी शिक्षण संस्थानों को नैक से मान्यता पाना जरूरी है। अगर कोई संस्थान यहां से मान्यता नहीं लेता है तो उसे किसी गवर्नमेंट पॉलिसी का फायदा नहीं मिलता है।

कैसे मिलती है ग्रेडिंग
कॉलेज, यूनिवर्सिटी या कोई और उच्च शिक्षण संस्थान सभी मानकों को पूरा करने पर नैक ग्रेडिंग के लिए आवेदन करता है। आवेदन के बाद नैक की टीम संस्थान में आती है और यहां का इंस्पेक्शन करती है। इस दौरान वे एजुकेशनल फैसिलिटीज, इंफ्रास्ट्रक्चर, कॉलेज एटमॉस्फियर जैसे विभिन्न पहलुओं की जांच करते हैं। अगर नैक की टीम संतुष्ट होती है तो कॉलेज को उसी आधार पर सीजीपीए दिए जाते हैं, जिसके बेसिस पर बाद में ग्रेड दिया जाता है।