नए साल का रंगीन बनाने की जुगत में शराब माफिया

-डेढ़ लाख की शराब समेत दो तस्कर गिरफ्तार, कार सीज
-हरियाणा से बरेली जा रही थी रेनॉल्ट डस्टर कार में भरी शराब की 15 पेटी

गाजियाबाद। शराब के साथ नये साल के जश्न को रंगीन बनाने में शराब कारोबारियों की सक्रियता बढ़ गयी है। नये साल पर शराब की अधिक डिमांड को देखते हुए तस्कर सीमावर्ती क्षेत्र से शराब लाकर स्टॉक करने में जुट गये हैं। शराब कारोबारी अधिक कमाई को देखते हुए उत्पाद अधिनियम के सख्त कानून को दरकिनार कर लगातार दिल्ली, हरियाणा, अरुणाचल, पंजाब आदि राज्यों से शराब की खेप मंगा कर जमा करने की जुगत में है। लोगों की डिमांड के अनुसार कम कीमत से लेकर अधिक कीमत वाले ब्रांडेड शराब की तस्करी शुरू हो गई।  ताकि सभी तरह के लोगों को उनके पसंद के अनुसार उनकी मांग पर शराब उपलब्ध करायी जा सकें।

हालांकि ऐसे शराब कारोबारियों के अवैध कारोबार के नेटवर्क को ध्वस्त करने में आबकारी विभाग की टीम दिन-रात काम कर रही है। परिणाम यह है कि शराब माफिया बाहरी राज्यों की शराब लेकर गाजियाबाद की सीमा में प्रवेश करते है और उनके स्वागत में बैठी आबकारी विभाग की टीम उन्हें पकड़ लेती है। शराब तस्कर भले ही पुलिस की चाल को भांप गये हो, लेकिन आबकारी विभाग की चाल को भांपने में नाकाम साबित हो रहे है।  सीमावर्ती क्षेत्र से शराब तस्करी के लिए तस्कर ट्रक, पिकअप वैन, कार और मोटरसाइकिल के साथ ऑटो का इस्तेमाल करते है। ऐसे ही दो तस्करों को आबकारी विभाग की टीम ने गिरफ्तार किया है। जो हरियाणा से रेनॉल्ट डस्टर कार में शराब की पेटी भरकर नये साल के जश्न के लिए बरेली लेकर जा रहे थे। मगर आबकारी विभाग एवं मसूरी पुलिस की संयुक्त टीम ने गिरफ्तार कर लिया।

प्रदेश शासन एवं आबकारी आयुक्त के आदेश पर जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह एवं पुलिस कमिश्नर अजय मिश्रा के निर्देशन में जिले में लगातार चेकिंग अभियान चलाया जा रहा है। जिला आबकारी अधिकारी राकेश कुमार सिंह ने बताया कि आबकारी निरीक्षक अखिलेश बिहारी वर्मा एवं प्रवर्तन बरेली के आबकारी इंस्पेक्टर रोहन कुमार एवं मसूरी पुलिस की संयुक्त टीम द्वारा मंगलवार देर रात डासना टोल प्लाजा पर वाहनों की चेकिंग कर रही थी। तभी चेकिंग के दौरान सिल्वर रंग की रेनॉल्ट डस्टर कार को रोका गया। जब कार की तलाशी ली गई तो कार के ऊपर कंबल डला हुआ था। कार के अंदर से जब कंबल और डिग्गी को खोला गया तो पूरी गाड़ी शराब की पेटी से भरी हुई थी। कार के अंदर से मेक डॉवल नंबर-1 की 36 बोतल, रॉयल स्टैग की 24 बोतल, हंड्रेड पाइपर की 24 बोतल, स्टर्लिंग रिसर्व की 24 बोतल, फौजी नंबर की 24 बोतल, चार्ली एप्पल ग्रीन की 12 बोतल, कॉकस्टोन की 24 बोतल, रॉयल स्टेग की 6 बोतल (200 एमएल) समेत 174 बोतल हरियाणा मार्का बरामद किया गया।

मौके से गाड़ी मालिक लोटन सिंह पुत्र छोटेलाल निवासी कचौली जनपद-बरेली एवं चालक बाबूराम पुत्र मोहनलाल निवासी केसरपुर जनपद-बरेली के खिलाफ आबकारी अधिनियम के तहत कार्रवाई करते हुए जेल भेज दिया गया। उक्त शराब को जब्त करते हुए गाड़ी को सीज की कार्रवाई की गई। बरामद शराब की कीमत करीब 1 लाख 50 हजार रुपए है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि नये साल के जश्न के लिए हरियाणा से शराब लेकर बरेली लेकर जा रहे थे। जहां पर उक्त शराब को दो गुने दामों में बेचते।

घना कोहरे का उठा रहे थे फायदा
नये साल को लेकर दिल्ली व गाजियाबाद से वाया रास्ट्रीय राजमागों के रास्ते अन्य राज्यों एवं जिलों में शराब की खेप जाती है। कड़ाके की ठंड और शाम होते ही घना कुहासा का फायदा उठाकर शराब लेकर तस्कर आसानी से निकल की फिराक में रहते है। दरअसल सर्दी के मौसम में सड़कों पर पुलिस की चेकिंग भी कम होती है। जिसका फायदा तस्करों को मिल जाता है। ज्यादातर माफिया बाहरी राज्यों में शराब पहुंचाने के लिए रात होने का इंतजार करते है। सर्दी हो या फिर गर्मी आबकारी विभाग की टीम जनपद के हर चौराहे, चेक पोस्ट और बोर्डर पर 24 घंटे मुस्तैद है। जिसके चलते शराब माफिया बाहरी राज्यों की शराब की खेप गाजियाबाद से बाहर लेकर जा नही जा पा रहे है। जिससे ही शराब माफिया बाहरी राज्यों की शराब लेकर गाजियाबाद की सीमा में आते है और उन्हें आबकारी विभाग की टीम दबोच लेती है। जिला आबकारी अधिकारी की चाणक्य नीति काफी हद तक सफल साबित हो रही है। पिछले कई वर्षों से आबकारी विभाग द्वारा की जा रही कार्रवाई से शराब माफियाओं के छक्के छुड़ा रखें है।