21 मई को नगर निगम की बोर्ड बैठक, पार्षदों ने खोला मोर्चा

गाजियाबाद। नगर निगम की 17 मई को प्रस्तावित की गई बोर्ड बैठक स्थगित कर दी गई है। निगम की अब 21 मई यानी शनिवार को बोर्ड बैठक प्रस्तावित की गई है। मेयर आशा शर्मा ने नगर आयुक्त एवं सदन सचिव को 17 मई को प्रस्तावित की गई बोर्ड बैठक को स्थगित करते हुए अब 21 मई को बोर्ड बैठक कराने संबंधी निर्देश दिए हैं। नगर निगम की प्रस्तावित की गई बोर्ड बैठक में सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स लागू करने और दुकानों का किराया बढ़ाने समेत अन्य प्रस्तावों को बोर्ड बैठक में रखे जाने की उम्मीद है। मगर हाउस टैक्स में बढ़ोतरी को लेकर अब पार्षदों ने निगम अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

कांग्रेसी पार्षद मनोज चौधरी, बसपा पार्षद दल के नेता आनंद चौधरी, भाजपा पार्षद हिमांशु मित्तल आदि पार्षदों का कहना है कि इन प्रस्तावों का सीधा विरोध करने की बजाय बजट बैठक में अन्य प्रस्ताव शामिल कर निगम एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन किया जा रहा है। बोर्ड बैठक में सिर्फ वित्तीय वर्ष के बजट पर ही चर्चा होगी। ऐसे में 21 मई को प्रस्तावित की गई बोर्ड बैठक में हंगामा होने के आसार दिख रहे है।

बता दें कि नगर निगम कार्यकारिणी की 29 अप्रैल को हुई बैठक में निगम अधिकारियों ने बजट के साथ-साथ दूसरे सत्र में 12 अन्य प्रस्ताव भी शामिल किए थे। इनमें सर्किल रेट के आधार पर हाउस टैक्स की दरें तय करने, टैक्स में छूट की अवधि का पुननिर्धारण करने,छतों पर मोबाइल टावर लगाने के संबंध में उपविधि बनाने, केबल ऑपरेटर्स से शुल्क वसूले जाने, स्मार्ट पार्किंग बनाए जाने और करीब 300 से ज्यादा विकास कार्यों के प्रस्ताव शामिल थे। 12 पार्षदों वाली कार्यकारिणी समिति ने हाउस टैक्स और स्मार्ट पार्किंग के प्रस्ताव को पास या निरस्त करने पर निर्णय लेने से इनकार कर इन्हें बोर्ड बैठक में प्रस्ताव रखने के लिए रेफर कर दिया था और बजट समेत बाकी प्रस्तावों को पास कर दिया था। उन्हीं प्रस्तावों को अब बोर्ड बैठक में लाया गया तो पार्षदों ने विरोध शुरू कर दिया है।

मेयर आशा शर्मा का कहना है कि 21 मई को होने वाली बोर्ड बैठक में वित्तीय वर्ष का बजट पास किया जाएगा। इसके अलावा कुछ अहम प्रस्तावों पर चर्चा कराने के बाद प्रस्ताव पास कराए जाएंगे। वहीं, नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तंवर का कहना है कि निगम बोर्ड बैठक के एजेंडे में उन्हीं प्रस्तावों को शामिल किया है जो कार्यकारिणी बैठक में रखे गए थे। इसके अलावा अतिरिक्त प्रस्ताव शामिल नहीं किए गए है। बोर्ड बैठक में एजेंडे में शामिल प्रस्तावों पर चर्चा हो सके। इसके बाद बोर्ड को ही अधिकार है कि वह निर्णय ले सकें।