राजनीतिक पार्टियों को करनी होगी उद्योग और एमएसएमई की बात: नीरज सिंघल

औद्योगिक सुधार और एमएसएमई के मुद्दों को सभी पार्टियों के घोषणा पत्र में शामिल कराने के लिए आईआईए ने शुरू किया अभियान

विजय मिश्र
उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। सभी राजनीतिक पार्टियां उद्योग और औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं पर बात करें और उद्यमियों की समस्याओं को अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करें इसको लेकर इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) ने अभियान की शुरूआत की है। आईआईए का यह अभियान अगले 10 दिनों तक चलेगा। इस दौरान आईआईए के पदाधिकारी जनप्रतिनिधियों के अलावा सभी राजनीतिक पार्टी के पदाधिकारियों से मिलकर उन्हें एमएसएमई की समस्याओं की समस्याओं से संबंधित मांग पत्र सौंपेंगे।

मंगलवार को आईआईए के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिघल ने पत्रकार वार्ता में कहा कि विधानसभा चुनाव में सभी पार्टियां सूक्ष्म, लघु और मध्यम श्रेणी के उद्यमियों की बात को अपने घोषणा पत्र में शामिल करें। इस बाबत उनसे अनुरोध किया जाएगा। एमएसएमई सेक्टर अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इससे आर्थिक विकास के साथ सबसे अधिक रोजगार का सृजन करता है। वर्तमान में लघु उद्यमी कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं जिस पर अधिक ध्यान देने की जरूरत है। नीरज सिंघल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) के उत्थान एवं प्रगति के लिए कुछ महत्वपूर्ण प्रस्ताव तैयार किए हैं। आईआईए ने इन प्रस्तावों को विभिन्न राजनीतिक दलों से अपने चुनावी घोषणा पत्र में शामिल करने की अपील की है। इससे न सिर्फ एमएसएमई को लाभ मिलेगा बल्कि सूबे की बड़ी आबादी भी भविष्य में लाभान्वित हो सकेगी। उन्होंने कहा कि यदि राजनीतिक दल आईआईए के इन प्रस्तावों को अपने घोषणा पत्र में शामिल करते हैं तथा चुनाव जीतने के बाद सत्ताधारी पार्टी इन्हें क्रियान्वित करती है तो निश्चित रूप से प्रदेश की आधी आबादी को सीधे लाभ मिलेगा। इससे प्रदेश की आर्थिक और सामाजिक समृद्धि भी प्रशस्त होगी।

राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने कहा कि आईआईए एमएसएमई की शीर्ष संस्था है। उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास में जुट गए हैं। ऐसे में उद्योग को बढ़ाने देने के उद्देश्य से आईआईए ने अह्म प्रस्ताव तैयार किया है। इन प्रस्तावों पर अमल होने से एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी सूबे के करोड़ों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ मिलेगा। आईआईए के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने बताया कि उप्र न सिर्फ जनसंख्या में अपितु एमएसएमई की संख्या में भी अन्य राज्यों की तुलना में देश में प्रथम स्थान रखता है। देश की कुल एमएसएमई की संख्या में यूपी के एमएसएमई की संख्या 14.20 प्रतिशत है। उप्र में 89.99 लाख एमएसएमई स्थापित हैं, जिनमें 165.26 लाख मतदाता कार्य कर रहे हैं। अलबत्ता बड़ी संख्या में परिवारों का भरण-पोषण एमएसएमई सेक्टर सीधे तौर से कर रहा है। उन्होंने मांग उठाई है कि सभी सरकारी विभाग एवं अन्य स्वायत्तशासी निकाय कुल खरीद का 30 फीसद हिस्सा एमएसएमई उद्यमियों से जैम पोर्टल के माध्यम से खरीदें। उद्यमियों को अपने औद्योगिक भूखंड का कुछ हिस्सा भू उपयोग के परिवर्तन के बिना बेचने की अनुमति मिले। लीज होल्ड अधिकतम 10 फीसद कन्वेंशन चार्ज लेकर फ्री होल्ड किया जाए। औद्योगिक परिसंपत्तियों और भवनों पर हाउस टैक्स आवासीय भवनों से कम किया जाए, जो तीन गुना की जगह करीब साढ़े सात प्रतिशत अधिक लगाया जा रहा है।आईआईए के राष्ट्रीय सचिव प्रदीप गुप्ता ने मांग की है कि रूफ टाप सोलर सिस्टम को प्रोत्साहन देने एवं क्लीन एनर्जी के उपयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से एमएसएमई की नेट मीटरिग की सुविधा बहाल की जाए। एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जाये और ग्रामीण भूमि को बिजली और पानी की उपलब्धता सहित चिह्नित करे, जिससे स्थानीय रोजगार बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम श्रेणी के उद्योगों में पर्यावरण और अग्नि सुरक्षा संबंधित अनापत्तियों के लिए थर्ड पार्टी सहायता एवं निरीक्षण की व्यवस्था लागू हो। आईआईए गाजियाबाद चैप्टर चेयरमैन मनोज कुमार ने कहा कि मंडी परिसर से बाहर के व्यापार पर भी डेढ़ फीसद मंडी शुल्क लगाया जा रहा है, जिसे शून्य किया जाए। वायु प्रदूषण को कम करने के लिए उद्योगों में पीएनजी को ईंधन के रूप में उपयोग पर बढ़ावा देने के लिए वैट कम किया जाए। यदि राजनीतिक पार्टियां इन बातों पर ध्यान देंगी तो इससे औद्योगिक विकास और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा।

प्रेसवार्ता के दौरान सचिव राकेश अनेजा, कोषाध्यक्ष संजय गर्ग के अलावा आईआईए एपेक्स बॉडी के जेपी कौशिक, राजीव गोयल, अमित नागलिया, शशांक गुप्ता, अनिल कपूर, साकेत अग्रवाल, यश जुनेजा, संजय बंसल, प्रमोद जॉन, संजय अग्रवाल, संदीप गुप्ता, अमरीक सिंह, अरुण गुप्ता, राजेंद्र कुमार, नवीन धवन, सुरेश कुमार, अमित बंसल, हर्ष अग्रवाल, अजय पटेल, मनीष मदान व बृजेश गर्ग इत्यादि मौजूद रहे।

एमएसएमई की शीर्ष संस्था है आईआईए
उत्तर प्रदेश में अगले साल विधान सभा चुनाव होने हैं। इसके मद्देनजर विभिन्न राजनीतिक दल अपने-अपने तरीके से मतदाताओं को प्रभावित करने के प्रयास में जुट गए हैं। सभी दल जल्द अपना चुनाव घोषणा पत्र भी जारी कर देंगे, जिसमें वह मतदाताओं की भलाई के लिए कुछ वादे भी होंगे। इस बीच आईआईए ने भी अह्म प्रस्ताव तैयार किए हैं। उन्होंने बताया कि आईआईए उत्तर प्रदेश में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) की शीर्ष संस्था है। एमएसएमई सेक्टर से जुड़ी सूबे की लगभग आधी आबादी के हित में कुछ अपेक्षाओं के प्रस्ताव तैयार किए गए हैं।

यूपी में 89.99 लाख एमएसएमई
आईआईए के राष्ट्रीय वरिष्ठ उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने बताया कि उप्र न सिर्फ जनसंख्या में अपितु एमएसएमई की संख्या में भी अन्य राज्यों की तुलना में देश में प्रथम स्थान रखता है। देश की कुल एमएसएमई की संख्या में यूपी के एमएसएमई की संख्या 14.20 प्रतिशत है। उप्र में 89.99 लाख एमएसएमई स्थापित हैं, जिनमें 165.26 लाख मतदाता कार्य कर रहे हैं। अलबत्ता बड़ी संख्या में परिवारों का भरण-पोषण एमएसएमई सेक्टर सीधे तौर से कर रहा है।

लाखों नागरिकों के हितों से जुड़ा कदम
इसके अतिरिक्त अप्रत्यक्ष रूप से लाखों नागरिक एवं व्यवसाय एमएसएमई से जुड़े हैं। यदि एक परिवार में औसतन सदस्यों की संख्या 4 मान ली जाए तो प्रदेश की 1021.00 लाख जनसंख्या का जीवन यापन एमएसएमई सेक्टर पर निर्भर है। इस आधी आबादी का जीवन यापन तभी समृद्ध हो पाएगा, जब एमएसएमई सेक्टर समृद्ध एवं ताकतवर होगा।