ठेकेदार ने इंजीनियर को फंसाया एंटी करप्शन ब्यूरो ने किया गिरफ्तार

उदय भूमि ब्यूरो
गाजियाबाद। ठेकेदार पर भरोसा करना इंजीनियर को भारी पड़ गया। ठेकेदार ने भरोसे में लेकर इंजीनियर को ऐसा फंसाया कि अब इंजीनियर को जेल की हवा खानी पड़ेगी। ठेकेदार की शिकायत पर एंटी करप्शन ब्यूरो ने इंजीनियर को गिरफ्तार कर लिया। कविनगर थाने में इस बाबत मुकदमा दर्ज किया गया है। गिरफ्तार इंजीनियर ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरईएस) में तैनात है।
मेरठ की एंटी करप्शन यूनिट ने बृहस्पतिवार को एक जेई को रिश्वत लेते हुए रंगेहाथ गिरफ्तार किया। आरोप है कि जेई ने 17 लाख रुपए पैमेंट करने की एवज में एक लाख रुपए की मांग ठेकेदार से कर रहा था। मगर ठेकेदार इसकी शिकायत एंटी करप्शन मेरठ में कर दी। टीम ने ठेकेदार की शिकायत पर तत्काल संज्ञान लेते हुए जेई को रंगेहाथ एक लाख की रिश्वत समेत दबोच लिया और कविनगर थाने में मुकदमा दर्ज कराया। उधर, चर्चाएं यह भी है कि ठेकेदार ने मनमुताबिक एमबी नहीं बनाये जाने के कारण इंजीनियर को फंसाने की नियत से ऐसा किया है। बहरहाल सच्चाई क्या है इसका पता आगे की जांच में ही चलेगा।
ज्ञात हो कि मेरठ के मोदीपुरम निवासी राहुल गुप्ता ठेकेदार का काम करते हैं और श्री गणेश सीमेंट एजेंसी नाम से फर्म चलाते है। इस फर्म को ग्रामीण अभियंत्रण विभाग से मुख्यमंत्री आर्थिक विकास योजना के तहत नाली-खड़ंजे और सड़क बनाने के ठेका मिला हुआ था। उन्होंने मुरादनगर क्षेत्र में अप्रैल माह में ही काम पूरा कर दिया। डीएम द्वारा गठित गुणवत्ता कमेटी ने कार्य की जांच तक की और उस पर अपनी संस्तुति भी दे दी। ठेकेदार का कहना है कि कार्य की रिपोर्ट पॉजिटिव होने के बाद भी ग्रामीण अभियंत्रण विभाग द्वारा उनका 17 लाख रुपए का भुगतान नही किया गया। ठेकेदार का आरोप है कि ग्रामीण अभियंत्रण विभाग (आरईएस) के जेई सुभाष चंद्र शर्मा ने 17 लाख रुपए का भुगतान करने की एवज में पहले 3 लाख रुपए की डिमांड की, जहां उनकी 1 लाख रुपए पर बात बन गई। गुरुवार को जेई ने रिश्वत के लिए ठेकेदार को विकास भवन के सामने बनी कैंटीन के पास बुलाया था। जेई की अनुसार बताई हुई जगह पर ठेकेदार 1 लाख रुपए लेकर पहुंचा और जेई को दे दिए। वहीं पहले से मौजूद मेरठ एंटी करप्शन की टीम ने जेई को पकड़ लिया। टीम आरोपी जेई को लेकर कविनगर थाने में गई और उसके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कराया। उधर, विभाग में चर्चाएं यह भी है कि यही ठेकेदार पहले भी काम कराता रहा है, पिछले कई वर्षों से वह काम कर रहा है। ठेकेदार ने जेई को भरोसे में लेकर उसे एंटी करप्शन टीम के हाथों पकड़वाया है।