बूंद-बूंद से घड़ा भरने की कहावत को चरितार्थ कर रहा टीएससीटी

दिवंगत शिक्षक संजय गुप्ता के परिवार की 35 लाख की मदद
टीचर्स सेल्फ केयर टीम द्वारा श्रद्धांजलि सभा में पहुंचे सैकड़ों शिक्षक

गाजियाबाद। उत्तर प्रदेश में सरकारी शिक्षकों की संस्था टीचर सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) बूंद-बूंद से घड़ा भरने की कहावत को चरितार्थ कर रही है। भले ही यह शिक्षक सरकार की नौकरी कर रहे हो। मगर इनकी उदारता ने सरकार द्वारा की जा रही सरकारी सहायता को पीछे छोड़ते हुए एक मानवती की अनूंठी मिशाल पेश की है। टीएससीटी से आज लाखों शिक्षक जुड़ चुके है। सहकार और सरोकार के साथ स्वावलंबन की भावना से प्रेरित यह पहल संकट के समय शिक्षकों के परिवार का सहारा बन रही है। बिना किसी स्वार्थ एवं लाभ की सोच से परे टीएससीटी से जुड़े शिक्षक न जाने कितने अनजान शिक्षकों की मदद कर रहे है। ऐसा नही है कि इसमें सिर्फ किसी एक शिक्षक का ही योगदान है, मगर उस शिक्षक द्वारा दिए गया दस रुपया लाखों रुपए का आंकड़ा बनकर शिक्षक की असामयिक मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में उनके परिवार की मदद कर रहा है। सरकार ने तो शिक्षकों की बुढापे की उम्मीद को भी छीन लिया, मगर टीएससीटी आज एक नया भविष्य लेकर शिक्षकों की जिंदगी में आई है।

अम्बेडकर रोड़ स्थित श्री सनातन धर्म इंटर कॉलेज में टीचर्स सेल्फ केयर टीम (टीएससीटी) द्वारा रविवार को स्वर्गीय संजय गुप्ता का श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। श्रद्धाजलि सभा में जिला वित्त एवं लेखाधिकारी बेसिक शिक्षा विभाग मनप्रीत कौर अति विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मिलित हुईं एवम विशेष अतिथि के रूप में श्री सनातन धर्म इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य देव कुमार ने सभा में प्रतिभाग किया। प्रदेश अध्यक्ष विवेकानंद आर्य, प्रदेश महामंत्री सुधीश पांडेय, प्रदेश प्रबंधक महेंद्र वर्मा, प्रदेश कोषाध्यक्ष संजीव रजक, प्रदेश प्रवक्ता डॉ फर्रूख हसन, प्रांतीय संयुक्त मंत्री नरेंद्र गंगवार ने संयुक्त रुप से स्व: संजय गुप्ता के चित्र पर पुष्प अर्पित कर नमन किया। प्रदेश अध्यक्ष विवेकानंद आर्य ने कहा कि टीएससीटी शिक्षकों का एक ऐसा संगठन है जिसके द्वारा किसी शिक्षक की असामयिक मृत्यु या दुर्घटना की स्थिति में उसके परिवार को आर्थिक सहायता पहुंचाई जाती है। जोकि वर्तमान में लगभग 35 लाख रुपए है।

जैसे कि आप जानते हैं कि 2005 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए शासन के द्वारा पीएफ या पेंशन की व्यवस्था ना होने के कारण यदि किसी शिक्षक की असामयिक मृत्यु हो जाती है तो वह परिवार दीन हीन अवस्था में आ जाता है। टीएससीटी ऐसी स्थिति में अपने संगठन से जुड़े हुए वैधानिक सदस्यों के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करता है। अब तक टीएससीटी द्वारा 104 परिवारों को लगभग 21 करोड़ की सहायता कर चुकी है। उन्होंने कहा शिक्षक के साथ अनहोनी हो जाए तो पेंशन आदि न होने से परिवार को बड़ी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है। कोरोना काल में जीवन की अनिश्चितता और क्षणभंगुरता ने डरा दिया। एक शिक्षक के रूप में अपने परिवार की प्रति मेरी चिंता से यह विचार पैदा हुआ और टीएससीटी की नींव पड़ी। विश्वास है कि इस पवित्र विचार से सभी शिक्षक एक दूसरे से जुड़ेंगे।
प्रदेश महामंत्री सुधीश पांडेय ने कहा टीएससीटी हमेशा परिवार के साथ इसी तरह खड़ा रहेगा और परिवार को किसी भी प्रकार की कोई परेशानी नहीं आने देगा। इसी के साथ प्रदेश कार्यकारिणी से आए हुए सभी प्रतिनिधियों ने अपने अपने विचार रखे और स्वर्गीय संजय गुप्ता जी के परिवार को एक स्मृति चिन्ह व शॉल भेंट करके श्रद्धांजलि अर्पित की एवम स्वर्गीय संजय गुप्ता की धर्म पत्नी डिंपल एवं उनके भाई ने टीएससीटी परिवार का आभार व्यक्त किया कि आज टीएससीटी के कारण बच्चो के सर पर फिर से छत रह पाई है। इस दौरान प्रदेश भर से सैकड़ों शिक्षकों ने पहुंचकर कार्यक्रम को सफल बनाया मुख्य रुप से जिला टीम गाजियाबाद से जिला संयोजक भूपेंद्र कुमार, जिला सह संयोजिका मीनू शर्मा, जिला प्रवक्ता प्रदीप चौहान, जिला मीडिया प्रभारी साजिद मलिक, जिला सह संयोजक संजय चौधरी, जिला संरक्षक सतीश शर्मा, अतुल राजवंशी, अटेवा जिलाध्यक्ष मनीष कुमार शर्मा, उबेदुर्रहमान, रामशेष वर्मा, दीपक कुमार चौबियान आदि ने संयुक्त रुप से पुष्प अर्पित कर श्रृद्धाजंलि अर्पित की। मंच का संचालन मीनू शर्मा ने किया।