यूपी पुलिस को दो टूक राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने कहा जल्द सुधारें कार्यप्रणाली

-विधिक जागरूकता शिविर एवं महिला उत्पीडऩ, सुरक्षा संबंधी महिलाओं की सुनवाई

गाजियाबाद। राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने पुलिस अधिकारियों को जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस अपनी कार्यप्रणाली सुधारें। महिलाओं से संबंधित मामलों में तत्काल कार्रवाई करते हुए मामलों का निस्तारण किया जाए। गुरूवार को कलेक्ट्रेट स्थित महात्मा गांधी सभगाार में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने महिलाओं की समस्याएं सुनीं। उपाध्यक्ष के समक्ष पुलिस से संबंधित अधिकांश मामलों में आए। उन्होंने जमकर फटकार लगाते हुए कहा कि पुलिस सही से काम करें। महिला उत्पीडऩ एवं लंबित मामलों में तत्काल कार्रवाई करते हुए उनका निस्तारण कराएं। उन्होंने विधिक जागरूकता शिविर एवं महिला उत्पीडऩ, सुरक्षा संबंधी महिलाओं के मामलों में सुनवाई की। उन्होंने कहा कि पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने में पुलिस लापरवाही न बरते।

जिले में महिलाओं के उत्पीडऩ को रोकने एवं पीडि़त महिलाओं को तत्काल न्याय दिलाने के लिए जनसुनवाई करते हुए आयोग उपाध्यक्ष सुषमा सिंह ने कहा कि महिला संबंधी मामलों में कार्रवाई की जाए। महिलाओं व बालिकाओं के अधिकारों की जानकारी देते हुए उनकी समस्याओं को सुना गया। उपाध्यक्ष सुषमा सिंह का एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास से पौधा भेंटकर स्वागत किया। उन्होंने प्रदेश सरकार की महिलाओं को लेकर चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की महिलाओं को जानकारी देते हुए अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहने के लिए प्रेरित किया। महिला जन सुनवाई के दौरान लंबित प्रकरणों के निस्तारण की सुनवाई की। उन्होंने कहा कि आयोग के स्तर पर महिला संबंध मामलों का निस्तारण किया जा रहा है। ऐसे में वेवजह लंबित प्रकरणों को न रखा जाए। पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने में किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाए।

महिला आयोग उपाध्यक्ष के समक्ष जनसुनवाई के दौरान महिलाओं ने घरेलू हिंसा, दहेज उत्पीडऩ से संबंधित शिकायतें बताई। उन्होंने कहा कि महिला आयोग का गठन पीडि़त महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए ही हुआ है। अगर किसी महिला को न्याय मिलने में कोई परेशानी आ रही है तो वे अपनी समस्या को लेकर महिला जनसुनवाई में जरूर आएं। जनसुनवाई में पीडि़त महिलाओं की पूरी सहायता की जाएगी। उन्होंने सभी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए सीओ आलोक दुबे को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। लंबित शिकायतों में 51 महिलाओं के प्रकरणों पर सुनवाई की गई एवं उनकी समस्याओं को मानवीय आधार एवं कानून के तहत तत्काल निस्तारण करने के लिए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए। इस दौरान एडीएम प्रशासन ऋतु सुहास, सीएमओ डॉ. भवतोष शंखधर, एसडीएम शाल्वी अग्रवाल, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नेहा रूंगटा, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ब्रजभूषण चौधरी, जिला समाज कल्याण अधिकारी अमर जीत सिंह, जिला कार्यक्रम अधिकारी शशि वाष्र्णेय, सीओ सेकेंड आलोक दुबे, सीओ कविनगर अवनीश कुमार सिंह, महिला थाना प्रभारी किरणराज आदि अधिकारी मौजूद रहे।

जिला कारगार का औचक निरीक्षण
जनसुनवाई के बाद महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा सिंह डासना स्थित जिला कारागार में औचक निरीक्षण करने के लिए पहुंची। उपाध्यक्ष ने जेल में बंद महिला बैरक में बंदी 176 महिलाओं और 10 बच्चों के रहन-सहन खान-पान,शिक्षा एवं प्रशिक्षण संबंधी व्यवस्थाओं को जायजा लिया। उपाध्यक्ष ने अपर नगर मजिस्ट्रेट शाल्वी अग्रवाल, सीओ आलोक दुबे, जेल अधीक्षक आलोक सिंह, जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास चंद्र आदि की मौजूदगी में महिला बैरक का निरीक्षण करते हुए महिलाओं के रहन-सहन और खान-पान सुदृढ़ रखने के निर्देश दिए। ताकि जेल में बंद महिलाओं को कोई परेशानी का सामना न करना पड़े।