राष्ट्रपति चुनाव : विपक्ष की एकता पर सवाल, दीदी की मीटिंग से अपनों ने बनाई दूरी

सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से जल्द घोषित किए जाएंगे उम्मीदवार

नई दिल्ली। देश में राष्ट्रपति चुनाव की सरगर्मी शुरू हो गई है। इसके लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। हालाकि सत्ता पक्ष या विपक्ष की तरफ से अभी उम्मीदवारों के नाम का ऐलान नहीं किया गया है। राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार को जीत दिलाने के लिए कुछ दल जरूर सक्रिय हो गए हैं। इनमें सबसे ऊपर नाम पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का है। विपक्ष को एकजुट करने की मुहिम में ममता बनर्जी जुट गई हैं, मगर शुरुआती प्रयासों में ही उन्हें धक्का लग गया है। दरअसल राष्ट्रपति चुनाव के लिए विपक्ष के उम्मीदवार के नाम पर चर्चा करने के लिए बुधवार को ममता द्वारा बुलाई गई बैठक से कुछ दलों में किनारा कर लिया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर द्वारा इस बैठक से दूरी बनाए जाने पर विपक्ष की एकजुटता पर सवाल खड़े हो गए हैं।

रंग नहीं ला पाए ममता बनर्जी के प्रयास
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग न लेने के सवाल पर आम आदमी पार्टी (आप) ने सफाई दी है। आप की तरफ से कहा गया है कि उम्मीदवार का नाम सामने आने के बाद इस पर निर्णय होगा। तेलंगाना के सीएम केसीआर भी इस बैठक में भाग नहीं लेंगे। राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त रणनीति तैयार करने के इरादे से ममता बनर्जी ने 15 जून को विपक्षी दलों के नेताओं से शामिल होने का आग्रह किया था। इसके मद्देनजर विपक्षी दलों के 22 नेताओं और मुख्यमंत्रियों को पत्र भेजा गया था। बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक से ओडिशा के सीएम, अकाली दल के अलावा कई और दल भी दूरी बना रहे हैं।

न्योता न मिलने पर भड़के ओवैसी
पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी द्वारा राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए विपक्षी नेताओं की बुलाई गई बैठक में एआईएमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी को न्योता नहीं मिला है। इस बारे में सवाल पूछे जाने पर हैदराबाद सांसद ओवैसी भड़क गए। न्यूज एजेंसी एएनआई से फोन पर बातचीत में ओवैसी ने कहा कि मुझे आमंत्रित नहीं किया गया था। उन्होंने कहा कि यदि मुझे आमंत्रण मिलता भी तो मैं बैठक में नहीं जाता। इसका कारण कांग्रेस है। टीएमसी पार्टी जो हमारे बारे में गलत बोलती है, बेशक उन्होंने हमें आमंत्रित किया हो, हम सिर्फ इसलिए नहीं जाते क्योंकि उन्होंने कांग्रेस को आमंत्रित किया था।

18 जुलाई को चुनाव, 21 जुलाई को परिणाम
अगले राष्ट्रपति चुनाव 18 जुलाई को होने हैं। इसके लिए नामांकन की आखिरी तिथि 29 जून निर्धारित की गई है। नामांकन पत्रों की जांच 30 जून तक की जाएगी। 2 जुलाई तक उम्मीदवार अपना नामांकन वापस ले सकते हैं। चुनाव परिणाम 21 जुलाई को आएंगे। राष्ट्रपति चुनाव में लोक सभा, राज्य सभा और राज्यों के विधान सभा के सदस्य मतदान करते हैं। राज्य सभा में सदस्यों की संख्या 245 है। जिनमें से सिर्फ 233 सदस्यों को वोट डालने का अधिकार है। कश्मीर में विधान सभा भंग है। कश्मीर से 4 राज्य सभा सीटें अभी भरी नहीं गई हैं। ऐसे में इस बार 229 राज्यसभा सांसद राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग करेंगे।

जानिए सत्ता पक्ष और विपक्ष की ताकत
राष्ट्रपति चुनाव के लिए सत्ता पक्ष और विपक्ष कितना मजबूत है, यह जानना भी जरूरी है। वर्तमान में सत्ता पक्ष ज्यादा मजबूत दिखाई दे रहा है। एनडीए के पास लगभग 5 लाख 26 हजार वैल्यू के वोट हैं। एनडीए में भाजपा के साथ जेडीयू, एआईएडीएमके सहित 20 छोटे दल हैं। जानकारों का मानना है कि एनडीए को राष्ट्रपति पद के अपने प्रत्याशी को जीत दिलाने के लिए 13 हजार मतों की और जरूरत है। उधर, यूपीए के पास वर्तमान में 2 लाख 59 हजार वैल्यू के वोट हैं। यूपीए में कांग्रेस के अलावा शिवसेना, राष्ट्रीय जनता दल, डीएमके, एनसीपी जैसे दल हैं। उसके विधायकों के पास 88 हजार 208 वैल्यू वाले वोट हैं, और सांसदों के 57 हजार 400 वैल्यू के वोट हैं।