तरुण मिश्र ने झारखंड के राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री से की मुलाकात

  • आदिवासी एवं ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर हुई चर्चा

रांची। कई आदिवासी समुदाय हैं जो एकांत और शांति पसंद करते हैं। वे शर्मीले होते हैं और वे स्वयं बाहर की दुनिया से संपर्क साधना नहीं जानते। नीति निर्माताओं और देश के नेताओं को इस विशेषता को समझने की जरूरत है। वे यह विशेषताएं समझके उनके लिए कल्याण के कार्य करेंगे तो आदिवासियों से बेहतर तरीके से जुड़ पाएंगे। आजादी के इतने वर्षों बाद भी आदिवासी विकास के आखिरी पायदान पर खड़े है। मगर उनके विकास के लिए या फिर उनके रोजगार के लिए कोई नेता नही सोच रहा है। जो कि निदनींय है। उक्त बाते दो दिवसीय पर झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे अखिल भारतवर्षीय ब्राह्मण महासभा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री तरुण मिश्र ने गुरुवार को झारखण्ड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात के दौरान हुई चर्चा पर की।

गौरतलब हो कि ब्राह्मण कल्याण के लिए एवं सामाजिक विकास के कार्यों को लेकर पिछले कई वर्षों से तरुण मिश्र का दौरा जारी है। एक बार फिर से उन्होंने अपना दौरा शुरु करते हुए राज्यपाल से मुलाकात के बाद उन्होंने मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। तरुण मिश्र ने कहा कि आदिवासियों को अधिक सुरक्षित फूड, नकद कमाने वाला, साक्षर या स्वस्थ बनाने के लिए विकास योजनाओं को लागू करना समाधान नहीं है। इसके विपरीत, आदिवासियों के पास अपने वांछित जीवन को परिभाषित करने और वांछित जीवन तक पहुंचने के रास्ते तय करने की अनुमति होनी चाहिए। सरकार को भी आदिवासियों के विकास के बारे में सोचना होगा। आदिवासी जीवन और आजीविका के महत्वपूर्ण आयामों पर सरकारी स्रोतों, केस स्टडी, अभिलेखीय शोध और साक्षात्कार से डेटा को जोड़ती है।

जल, जंगल  और जमीन को परंपराओं में भगवान का दर्जा देने वाले आदिवासी बिना किसी दिखावे के जंगलों और स्वयं के   अस्तित्व को बचाने के लिए आज भी प्रयासरत है। लेकिन अफसोस की बात यह है कि आज भी उन्हें सरकार की ओर से किसी भी योजना का लाभ नही मिल रहा है। जिस कारण आदिवासी और पिछड़ते जा रहे है। तरुण मिश्र की बातों को सुनने के बाद राज्यपाल ने कहा आप जिस तरह से आदिवासी को लेकर इतना चिंतित है, वह बहुत ही सराहनीय है। आदिवासियों के विकास को लेकर सरकार भी अपना कार्य कर रही है। आपकी बातों को सरकार तक पहुंचाया जाएगा। विकास पर सबका हक है, यह किसी एक व्यक्ति के लिए नही है। इससे पूर्व तरुण मिश्र ने रामनवमी पर राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री को पटका ओढाकर बधाई दी।

इसके उपरांत तरुण मिश्र ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन एवं ब्राह्मण समाज के हितों को लेकर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने कहा ब्राह्मण समाज के कल्याण के लिए संगठन स्तर से निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। आज देश में ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन की जरूरत है। जिसे लेकर पूर्व में भी कई बार पत्राचार और वार्ता की जा चुकी है। मगर अभी तक झारखंड सरकार की ओर कोई सरात्मक पहल नही हुई है। कल्याण बोर्ड का गठन होने से ब्राह्मणों को अपनी समस्याओं के निस्तारण के लिए दर-दर की ठोकर नही खानी पड़ेगी। बोर्ड के जरिए ज्वलंत समस्याओं का आसानी से समाधान हो सकेगा।

उन्होंने अवगत कराया कि राजस्थान सरकार ने ब्राह्मण कल्याण बोर्ड गठित कर दिया है। राजस्थान में यह बोर्ड जल्द अपना काम शुरू कर देगा। मगर अभी तक झांरखड में इसका गठन नही हुआ है। सभी ने इस मांग का समर्थन करते हुए समुचित कार्यवाही का भरोसा दिलाया। तरुण मिश्र ने कहा एससी/एसटी एक्ट का दुरुपयोग कर जिस तरह ब्राह्मण समाज का उत्पीडऩ किया जा रहा है, इसका मुकाबला ब्राह्मण कल्याण बोर्ड का गठन होने पर ही संभव है। ब्राह्मण समाज की एकजुटता बेहद जरूरी है। संगठित रहकर ही हम खुद की और समाज की रक्षा कर सकते है। तरुण मिश्र ने कहा कि आज जिस तरह से एससी/एसटी एक्ट का दोहन हो रहा है। अगर यही हाल रहा तो ब्राह्मण समाज खुद की रक्षा भी करने में असमर्थ हो जाएगा। ब्राह्मणों इसका मुंहतोड़ जबाव देने और मुकबला करने में सक्षम होगा। मुख्यमंत्री ने तरुण मिश्र की बातों को सुनकर कहा कि ब्राह्मण कल्याण बोर्ड के गठन को लेकर जल्द ही ठोस कदम उठाएं जाएंगे।