IIA ने CM योगी आदित्यनाथ के समक्ष उठाए उद्यमियों के ज्वलंत मुद्दे

नए सेक्टरों में कार्यरत उद्योगों के लिए भूखंडों के आरक्षण की मांग

ग्रेटर नोएडा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को ग्रेटर नोएडा में प्रबुद्धजनों के साथ विचार-विमर्श किया। इस दौरान इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) की तरफ से उन्हें विभिन्न अहम विषयों से अवगत कराया गया। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस संदर्भ में आवश्यक कार्रवाई कराने का आश्वासन दिया। आईआईए प्रतिनिधियों ने सीएम को ज्ञापन भी सौंपा। आईआईए ने मुख्य रूप से प्राधिकरण के नए बनने वाले सेक्टर्स में छोटे औद्योगिक भखंडों का कार्यरत उद्योगों के लिए आरक्षण, भूखंडों की लीज योजना पनरीकरण में लगने वाले शुल्क में रियायत, डीजल जेनरेटर से पीएनजी संचालित जेनरेटर में परिवर्तित करने में लगने वाली लागत में सब्सिडी एवं समय वृद्धि करने की मांग की।

आईआईए ग्रेटर नोएडा चैप्टर के चेयरमैन जितेंद्र सिंह राणा ने सीएम को अवगत कराया कि उद्योगों के निरंतर विकास व उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन ( अमेरिकी डॉलर) आर्थिक शक्ति बनने के उद्देश्य में लघु उद्योग का भी अति महत्वपूर्ण योगदान है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण का गठन राज्य में औद्योगिक विकास के लिए किया गया था परंतु प्राधिकरण की वस्तुस्थिति यथार्थ में उद्योगों को बढ़ावा देने के बजाय वर्तमान भूखंडों की बिक्री की ई पॉलिसी उद्देश्य के अनुकूल नहीं है। इससे अनावश्यक, अनचाहे अन्य व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिल रहा है।

कार्यरत उद्योग को इसमें सिर्फ इन्वेस्टर की तरह ही न देखा जाय, उसको भी लाभ मिल सके व किराए पर जगह लेकर उत्पादन करने वाले उद्योगों को भी अवसर मिले, पॉलिसी को ऐसा बनाया जाय। ई-पॉलिसी को तुरंत प्रभाव से स्थगित किया जाय। प्राधिकरण नए बनने वाले सेक्टर्स में वर्षों से कार्यरत उद्योगों में लिए विशेष औद्योगिक भूखंड योजना (1000 वर्ग मीटर तक के भूखंड) लेकर आए। ऐसे भूखंडों को कार्यरत उद्योगों के लिए ही आरक्षित रखा जाय। अन्य सेक्टरों में खाली प्लाटों को ई-एक्शन पॉलिसी के तहत कार्यरत उद्योगों को भूमि उचित रेट पर न मिलने के कारण, अधिकतम मूल्य पर क्रय करने की बाध्य न हो। कार्यरत उद्योग मूल्य वृद्धि के कारण अपने उद्योग को विस्तार नहीं दे पाते।

जो कि उत्तर प्रदेश सरकार के औद्योगिक विकास व उत्तर प्रदेश को एक ट्रिलियन (अमेरिकी डॉलर) आर्थिक शक्ति बनने के उद्देश्य में एक बड़ी बाधा है। आईआईए ने कहा कि एमएसएमई उद्योगों को डीजल जेनरेटर से पीएनजी चालित जेनरेटर में परिवर्तित करने के लिए काफी निवेश करना पड़ रहा है। इस काम के लिए निवेश पर सब्सिडी एवं कुछ अतिरिक्त समय भी देने की मांग की गई ताकि उद्योग भी वायु प्रदूषण को कम करने में अपना योगदान कर सकें। इसके अलावा उद्योगों के प्रोत्साहन के लिए अन्य ओटीएस स्कीम्स की तरह प्रदूषण के मुद्दे पर भी इसी तरह की स्कीम लाने की अपील की गई।

आईआईए प्रतिनिधियों ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्रों में कोई भी बैंक की सुविधा नहीं है। इसके लिए दूर जाना पड़ता है। औद्योगिक क्षेत्रों के मध्य ही उनकी सामान्य जरूरतों के लिए औजार, धातु सामग्री व विद्युत उपयोगी समान आदि का कोई कॉम्प्लेक्स नहीं है। इसके लिए औद्योगिक क्षेत्रों में ही इनके लिए विशेष समर्पित क्षेत्र निर्धारित करने की जरूरत पर जोर दिया गया।