फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार, यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में रखा जाएगा प्रस्ताव
ग्रेटर नोएडा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की विकास की योजनाओं को जेवर क्षेत्र में अमलीजामा पहनाने में यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) डॉ. अरुणवीर सिंह शिद्दत से जुटे हैं। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से कनेक्ट करने की योजना पर भी तेजी से काम चल रहा है। इस कार्य पर सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह निरंतर नजर रख रहे हैं। वह डीएमआरसी के अधिकारियों के साथ भी बराबर संपर्क बनाए हैं ताकि किसी भी स्तर पर कोई चूक न रह जाए। इसके पहले भी डॉ. अरुणवीर सिंह महत्वपूर्ण विकास योजनाओं को तमन्यता के साथ क्रियान्वित कराने में सफल रहे हैं। दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से भविष्य में जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट सीधे जुड़ जाएगा।
इस रूट पर सिर्फ 55 मिनट में सफर पूरा हो सकेगा। यानी नई दिल्ली से जेवर एयरपोर्ट अथवा जेवर एयरपोर्ट से नई दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने में यात्रियों को ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। सफर में जाम की कोई समस्या नहीं रहेगी। मेट्रो के जरिए यात्री समय से फ्लाइट पकड़ सकेंगे। दरअसल ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट के मध्य प्रस्तावित मेट्रो प्रोजेक्ट की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) के बाद अब ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक की फिजिबिलिाटी रिपोर्ट डीएमआरसी की तरफ से यमुना प्राधिकरण को सौंपी गई है। यमुना प्राधिकरण की आगामी 24 अगस्त को होने वाली बोर्ड बैठक में डीपीआर और फिजिबिलिटी रिपोर्ट से संबंधित प्रस्ताव रखा जाएगा।
बोर्ड बैठक से मंजूरी मिलने के बाद यह प्रस्ताव उप्र शासन को भेज दिया जाएगा। बताया गया है कि जेवर एयरपोर्ट को आईजीआई एयरपोर्ट से कनेक्ट करने के लिए ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक मेट्रो का नया कॉरिडोर तैयार होगा। इसकी फिजिबिलिटी रिपोर्ट भी दिल्ली मेट्रो रेल कारपोरेशन (डीएमआरसी) ने तैयार कर ली है। 37.5 किलोमीटर लंबे कॉरिडोर में 3.5 किलोमीटर भूमिगत लाइन होगी। इस प्रोजेक्ट पर करीब 7600 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें 6 स्टेशन बनाए जाएंगे। जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट जेवर को इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट नई दिल्ली से कनेक्ट करने पर काम चल रहा है। दोनों एयरपोर्ट को मेट्रो के जरिए जोड़ा जाएगा।
72.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर
इसके लिए यमुना प्राधिकरण द्वारा डीएमआरसी से डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार करा रहा है। जानकारी के अनुसार इसके लिए जेवर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक 72.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर का निर्माण होना है। यह कार्य 2 चरण में पूरा होना है। जेवर से ग्रेटर नोएडा तक की डीपीआर डीएमआरसी द्वारा यमुना प्राधिकरण को पूर्व में सौंपी जा चुकी है। अब ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली तक की फिजिबिलिटी रिपोर्ट यमुना प्राधिकरण को सौंपी गई है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटर नोएडा में नॉलेज पार्क से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक 37.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा। इसमें 3.5 किलोमीटर की लाइन भूमिगत होगी।
बनाए जाएंगे छह स्टेशन
जबकि 34 किलोमीटर की लाइन एलिवेटेड रहेगी। नॉलेज पार्क 2 ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन तक में नोएडा सेक्टर-142, ओखला बर्ड सेंचुरी, न्यू अशोक नगर और दिल्ली गेट स्टेशन बनाए जाएंगे। यमुना प्राधिकरण की 24 अगस्त को बोर्ड बैठक होनी है। इस बैठक में फिजिबिलिटी रिपोर्ट को रखा जाएगा। उम्मीद जताई गई है कि इस साल दिसंबर तक मेट्रो कॉरिडोर के लिए सभी जरूरी एनओसी पूर्ण हो जाएंगी। उधर, नॉलेज पार्क-2 ग्रेटर नोएडा से जेवर रूट तक मेट्रो प्रोजेक्ट के लिए 35.44 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बनाया जाना है। जिस पर 6 स्टेशन होंगे। इसमें 4.18 किलोमीटर मेट्रो लाइन अंडरग्राउंड होगी। इसके निर्माण पर 5329 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
डीपीआर के मुताबिक ग्रेटर नोएडा से जेवर के मध्य रूट पर नॉलेज पार्क-2, सेक्टर-18, सेक्टर-20, सेक्टर-21, सेक्टर-29 और एयरपोर्ट में स्टेशन बनाया जाएगा। इस रूट पर 31.26 किलोमीटर एलिवेटेड लाइन बनाई जाएगी। इस कॉरिडोर में 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से मेट्रो दौड़ेगी। कॉरिडोर में 8 डिब्बों वाली मेट्रो चलेगी। शुरूआत में इस लाइन के लिए 24 कोच होंगे। जेवर एयरपोर्ट में अंडरग्राउंड मेट्रो स्टेशन होगा। इस कॉरिडोर के निर्माण में तकरीबन डेढ़ साल का समय लगेगा।
नई दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट को जोड़ने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। इस प्रोजेक्ट के लिए डीएमआरसी ने डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) और फिजिबिलिटी रिपोर्ट बनाकर यमुना प्राधिकरण को सौंप दी है। दोनों रिपोर्ट को अगली बोर्ड बैठक में रखा जाना है। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में ग्रेटर नोएडा से नई दिल्ली मेट्रो स्टेशन तक 37.5 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर प्रस्तावित किया गया है।
डॉ. अरुणवीर सिंह
सीईओ
यमुना विकास प्राधिकरण