नोएडा में एम3एम बिल्डर का गोरखधंधा : बिना जमीन बिना नक्शा बेच रहा फ्लैट, शिप्रा ग्रुप और इंडिया बुल भी शामिल

गाजियाबाद में मुकदमा दर्ज होने के बाद खुली पोल, कदम ग्रुप, एम3एम और इंडिया बुल के गठजोड़ में हुआ है करोड़ों का खेल
यमुना प्राधिकरण वसूल करेगा 200 करोड़, फर्जीवाड़े में शामिल कंपनियों के खिलाफ दर्ज कराएगा एफआईआर, नोटिस जारी

विजय मिश्रा (उदय भूमि ब्यूरो)
नोएडा। सरकारें बदल गई लेकिन बिल्डरों का रसूख और रसूख के बूते धोखाधड़ी करने का सिलसिला अभी भी बरकरार है। एनसीआर के बड़े प्रतिष्ठित बिल्डर ने बिना जमीन और बिना किसी अप्रूवल के ही प्रोजेक्ट लांच कर लोगों को फ्लैट बेचना शुरू कर दिया है। नोएडा शहर में एम3एम बिल्डर ने जहग-जगह होर्डिंग्स, बैनर, पोस्टर लगाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी शुरू कर दी। गाजियाबाद के इंदिरापुरम थाने में एफआईआर दर्ज होने के बाद इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। जिसमें तीन बड़ी कंपनियां शामिल है। शिप्रा ग्रुप, इंडिया बुल और एम3एम बिल्डर के बीच खेले गये इस खेल में सरकारी विभाग को भी चूना लगाया गया है। बिल्डरों ने दो बार जमीन बेची लेकिन एक बार भी प्राधिकरण में ट्रांसफर शुल्क नहीं जमा कराया। मामला संज्ञान में आने के बाद यमुना प्राधिकरण ने तीनों कंपनियों को नोटिस जारी कर दिया है।
यमुना प्राधिकरण का कहना है कि इस मामले में ट्रांसफर मनी के रूप में 200 करोड़ रुपये वसूले जाएंगे। यमुना प्राधिकरण इस मामले में मुकदमा भी दर्ज कराएगा। उधर, शिप्रा ग्रुप से जुड़ी कदम ग्रुप का कहना है कि एम3एम और इंडिया बुल ने मिलकर इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। यमुना प्राधिकरण ने एम3एम बिल्डर का नक्शा पास नहीं करने के लिए नोएडा प्राधिकरण को पत्र भी लिखा है। नोएडा की जमीन सोना से भी अधिक कीमती है। यही वजह है कि नोएडा में भ्रष्टाचार का बड़ा खेल जमीन को लेकर ही होता है। एम3एम बिल्डर का कारनाम कोई नया नहीं है। पूर्व में भी कई बिल्डरों ने इस तरह से कांड किया है। जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ता है। एम3एम बिल्डर ने बिना जमीन, बिना यूपी रेरा रजिस्ट्रेशन और बिना नक्शा पास करवाए हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च कर दिया। यमुना प्राधिकरण ने इस मामले में नोएडा प्राधिकरण को पत्र लिखकर प्रोजेक्ट का नक्शा नहीं पास करने के लिए कहा है। आरोप है कि नोएडा के सेक्टर-128 में एम3एम ग्रुप की हाउसिंग स्कीम के लिए जमीन से लेकर नक्शा तक में खेल है।

जेपी से शिप्रा फिर इंडिया बुल और अब एम3एम

नोएडा के जिस 73 एकड़ जमीन को लेकर बखेड़ा खड़ा हुआ है उसका मालिकाना हक कभी सरकार के पास था। उत्तर प्रदेश सरकार ने यमुना एक्सप्रेसवे का विकास करने के लिए जेपी इंफ्राटेक को 500-500 एकड़ की पांच एलएफडी (लैंड फॉर डेवलपमेंट) दी थी। इसमें एक एलएफडी नोएडा, दो एलएफडी यमुना, एक एलएफडी टप्पल और एक एलएफडी आगरा में है। जेपी इंफ्रा की नोएडा एलएफडी में संपत्ति ट्रांसफर का अधिकार यमुना प्राधिकरण को और नक्शा पास करने की जिम्मेदारी नोएडा प्राधिकरण की है। नोएडा की इस एलएलफडी में से 73 एकड़ जमीन जेपी इंफ्रा ने कदम ग्रुप को बेचा। कदम ग्रुप शिप्रा समूह से जुड़ी कंपनी है। यमुना प्राधिकरण के रिकार्ड में जमीन अभी भी कदम ग्रुप के नाम पर ही दर्ज है। शिप्रा ग्रुप से जुड़े अमित वालिया का कहना है कि इंडिया बुल्स ने धोखाधड़ी करके कदम ग्रुप के शेयर को एम3एम बिल्डर को बेचा है। पहले इंडिया बुल्स की मांगों के मुताबिक सेक्टर-128 की जमीन डीएलएफ हाउसिंग प्राइवेट लिमिटेड 1,250 करोड़ रुपए में खरीदने के लिए तैयार हुई थी। इंडिया बुल्स ने सभी ऋण समझौते करके विवादों को खत्म करने की सहमति दी थी। इसके बावजूद आरोपियों ने अवैध रूप से और मनमाने ढंग से गिरवी रखे गए शेयरों को एम3एम समूह की कंपनी फाइनल स्टेप प्राइवेट लिमिटेड को 900 करोड़ रुपए में बेच दिया। दो दिन पूर्व 9 अप्रैल को इंदिरापुरम थाने में शिप्रा समूह के अमित वालिया ने इंडिया बुल्स फाइनेंस लिमिटेड, एम3एम इंडिया प्रालि से जुड़े 18 लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करवाया है।

यमुना प्राधिकरण के पास आई शिकायत

पिछले दिनों इस मामले को लेकर यमुना प्राधिकरण के पास एक शिकायत आई थी। मामले की जांच कराई तो यह संपत्ति अभी कदम ग्रुप के नाम ही है। बिना ट्रांसफर कराए संपत्ति कैसे बेची गई। अब प्राधिकरण ने कदम ग्रुप, इंडिया बुल्स और एम3एम को नोटिस जारी किया है। नोटिस में ट्रांसफर शुल्क के 200 करोड़ रुपये जमा कराने की बात कही गई है। इसके अलावा प्राधिकरण को चेंज इन कांस्टीट्यूशन और चेंज इन शेयर होल्डिंग की सूचना भी नहीं दी है। जबकि यह सूचना देना जरूरी है। यह प्रक्रिया गैरकानूनी है। प्राधिकरण इन लोगों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाएगा। यमुना प्राधिकरण ने नोएडा प्राधिकरण को भी पत्र लिखा है। पत्र में कहा है कि वह इस जमीन पर एम3एम ग्रुप को नक्शा ना पास करे। क्योंकि अभी तक संपत्ति ट्रांसफर नहीं कराई गई है। इसके अलावा प्राधिकरण जेपी इंफ्राटेक को भी पत्र लिखेगा। उससे इस जमीन का आवंटन निरस्त करने के लिए कहेगा।

एम3एम बिल्डर ने किया बड़ा खेल

एम3एम बिल्डर ने नोएडा के सेक्टर-128 में यह 73 एकड़ जमीन कानूनी रूप से मिले बिना हाउसिंग प्रोजेक्ट लांच कर दिया। पूरे दिल्ली-एनसीआर में इस परियोजना से जुड़े बड़े-बड़े होर्डिंग्स और विज्ञापन देखे जा सकते हैं। इबड़ी बात यह है कि कदम समूह के शेयर खरीदने से इस जमीन पर एम3एम बिल्डर को मालिकाना हक नहीं मिल सकता है। नियमानुसार पहले कदम समूह को इंडिया बुल्स और फिर इंडिया बुल्स को यह जमीन एम3एम बिल्डर को ट्रांसफर करनी होगी। इसके लिए यमुना अथॉरिटी से ट्रांसफर मेमो हासिल करने होंगे। कुल मिलाकर अभी यह जमीन एम3एम बिल्डर के पास कानूनी रूप से नहीं है। इसके बावजूद हाउसिंग प्रोजेक्ट लॉन्च करना और खरीदारों को घर बेचना कानूनन अपराध है।