लापरवाह आवंटियों की बढ़ेगी टेंशन, 15 दिन में निरस्त होंगे आवंटन, औद्योगिक विकास मंत्री ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को दिए निर्देश

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में योगी सरकार के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी की मैराथन मीटिंग

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के लापरवाह आवंटियों के लिए बुरी खबर है। जिन्होंने तीन किस्तें भी अदा नहीं की हैं, उनके आवंटन अगले 15 दिन में निरस्त कर दिए जाएंगे। आवंटियों से वसूली में कोताही बरतने पर दोषी अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी गाज गिरेगी। इसके अलावा आवासीय सेक्टरों के नाम में बदलाव किया जाएगा। गंगाजल प्रोजेक्ट भी जल्द पूर्ण होने की उम्मीद है। उप्र के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं। औद्योगिक विकास मंत्री नंदी अचानक ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण कार्यालय पहुंचे। जहां अधिकारियों के साथ विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से विचार-विमर्श किया गया। मंत्री ने ग्रेनो प्राधिकरण की प्रस्तावित योजनाओं की समीक्षा की। इसके अतिरिक्त आवंटियों से जुड़े मुद्दों पर कड़े निर्देश दिए गए।

आवासीय सेक्टरों के नाम में होगा बदलाव
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी ने किस्त जमा करने में आना-कानी करने वाले आवंटियों पर कार्रवाई का निर्देश दिया। उन्होंने कहा कि जिन आवंटियों ने नोटिस मिलने के बावजूद तीन किस्तें अदा नहीं की हैं, उन्हें आगे कोई नोटिस जारी नहीं किया जाए। लापरवाह आवंटियों की सूची तैयार कर उनके आवंटन 15 दिन के भीतर निरस्त कर दिए जाएं। इस मामले की समीक्षा कर अधिकारियों एवं कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाए। उन्होंने कहा कि ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टरों के नाम परिवर्तित किए जाएं। नामकरण की व्यवस्था सहज व सरल होनी चाहिए। सीईओ सुरेंद्र सिंह ने औद्योगिक विकास मंत्री से प्राधिकरण में लीगल एडवाइजर तैनात करने एवं सभी रिक्त पदों पर भर्ती करने की अपील की।
अवैध कॉलोनियों को विनियमित करने की सिफारिश
औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के समक्ष मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सुरेंद्र सिंह ने अवैध कॉलोनियों का मुद्दा उठाया। उन्होंने इन कॉलोनियों के लिए शमन नीति लागू करने की सिफारिश की। सीईओ ने कहा कि शुल्क वसूल कर विनियमित कर देने से इन कॉलोनियों में निर्मित मकानों की गुणवत्ता की परख भी हो जाएगी। इसके अलावा ग्रेनो प्राधिकरण को अच्छी आय हो सकेगी।

डाटा सेंटर पर भी विचार-विमर्श
बैठक में डाटा सेंटर का मुद्दा भी उठा। दरअसल ग्रेटर नोएडा डाटा सेंटर के हब के रूप में तेजी से उभर रहा है। देश का सबसे बड़ा डाटा सेंटर भी ग्रेटर नोएडा में बनाया जा रहा है। दूसरा डाटा सेंटर एनटीटी है। दोनों डाटा सेंटर से 10,600 करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश होने की संभावना है। इसके अलावा रोजगार के अवसर पैदा होंगे। विदेशी विश्वविद्यालय के कैंपस ग्रेटर नोएडा में भी खुल सकें, इसके लिए कोशिश करने पर भी चर्चा की गई।

लॉजिस्टिक एवं ट्रांसपोर्ट हब सुनहरा भविष्य
मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब एवं मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब पर भी विचार-विमर्श किया गया। कहा गया कि ग्रेटर नोएडा के सुनहरे भविष्य के लिए मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और ट्रांसपोर्ट हब बेहद फायदेमंद होंगे। मल्टी मॉडल लॉजिस्टिक हब 310 हेक्टेयर में और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब 136 हेक्टेयर एरिया में बन रहे हैं। ग्रेटर नोएडा में इलेक्ट्रिक एसी बसें संचालित की जानी हैं। इनके लिए अलग-अलग स्थानों पर चार्जिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। मुख्य रूट का अध्ययन जल्द कराया जाएगा।

ग्रेनो प्राधिकरण में 250 पद रिक्त
बैठक में सीईओ ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में रिक्त पदों का मसला भी उठाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान 250 से ज्यादा पद रिक्त पड़े हैं। जिन पर भर्ती होनी चाहिए ताकि काम-काज सफर न कर सके। औद्योगिक विकास मंत्री नंदी ने ग्रेटर नोएडा की गंगाजल परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने के निर्देश दिए। इसके अलावा ग्रेटर नोएडा वेस्ट में प्राधिकरण कार्यालय के निर्माण में तेजी लाने पर जोर दिया गया।

मंत्री ने वन मैप ग्रेटर नोएडा का प्रस्तुतिकरण देखा
औद्योगिक विकास मंत्री ने वन मैप ग्रेटर नोएडा का प्रस्तुतिकरण देखा। उन्होंने इस पहल की प्रशंसा की। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में ई-फाइल सिस्टम लागू है। सभी फाइलें ऑनलाइन स्वीकृति होती हैं। इससे फाइलों के निस्तारण में तेजी आई है। साथ कागज की बचत भी हुई है। बैठक में सीईओ सुरेंद्र सिंह के अलावा अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी (एसीईओ) अदिति सिंह, दीप चंद्र व अमनदीप डुली, ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव, सचिन कुमार सिंह व संतोष कुमार, महाप्रबंधक (परियोजना) एके अरोड़ा, महाप्रबंधक (नियोजन) मीना भार्गव, महाप्रबंधक (संपत्ति) आरके देव व डीजीएम केआर वर्मा आदि मौजूद रहे।