यूपी के अधिकारियों के लिए मंगलवार बना मंगलकारी मिला तोहफा, 22 पीसीएस अफसरों को प्रोन्नत कर आईएएस बनाने का हुआ निर्णय

डीपीसी की मीटिंग के बाद आईएएस पद पर प्रमोशन का रास्ता साफ, विभागीय जांच में फंसे 4 अधिकारियों को निराशा

उदय भूमि ब्यूरो
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के 22 पीसीएस अफसरों के लिए मंगलवार का दिन ‘मंगलकारी’ रहा। 1998 बैच के इन अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) में प्रोन्नत करने का निर्णय लिया गया है। मुख्य सचिव आर.के. तिवारी की उपस्थिति में आयोजित डीपीसी की बैठक में इस फैसले को मंजूरी दी गई। प्रमोशन का तोहफा मिलने से सभी अफसरों के चेहरे खिल उठे हैं। वह लंबे समय से इस गिफ्ट की प्रतीक्षा कर रहे थे। विभागीय जांच के फेर में आने से 4 अफसरों को प्रमोट नहीं किया गया है। डीपीसी की बहुप्रतिक्षित बैठक मंगलवार को आयोजित की गई। मुख्य सचिव आर.के. तिवारी की मौजूदगी में पीसीएस अधिकारियों को प्रोन्नत करने के प्रस्ताव पर गहन विचार-विमर्श किया गया। तदुपरांत 22 पीसीएस अधिकारियों की लॉटरी खुल गई। ये सभी 1998 बैच के अधिकारी हैं। लखनऊ के तत्कालीन नगरायुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी, 1997 बैच के पीसीएस अधिकारी प्रेम प्रकाश सिंह के अलावा बद्रीनाथ सिंह, अंजनी कुमार सिंह, अविनाश सिंह, ज्ञानेंद्र सिंह, जयशंकर दुबे, आशुतोष कुमार द्विवेदी, राकेश चंद्र शर्मा, मनोज कुमार, आनंद कुमार, आलोक कुमार, राज कुमार (प्रथम), सौम्य श्रीवास्तव, गरिमा यादव, शीलधर सिंह यादव, अनिल कुमार यादव, जंग बहादुर यादव (प्रथम), ओमप्रकाश वर्मा, अजय कांत सैनी, गिरिजेश कुमार त्यागी और राकेश कुमार मालपानी को पीसीएस से प्रमोट कर आईएएस बनाने का निर्णय लिया गया है। डीपीसी की बैठक में अपर मुख्य सचिव मुकुल सिंघल भी मौजूद रहे। उधर, बैठक के दौरान 4 पीसीएस अधिकारियों को प्रमोशन से वंचित रहना पड़ा। इन अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। नतीजन उन्हें प्रमोशन का तोहफा नहीं मिल पाया है। पीसीएस से आईएएस पद पर प्रोन्नत अधिकारियों के चेहरे खिल उठे हैं।