अपर मुख्य सचिव और आईआईए प्रतिनिधियों की मुलाकात में उद्यमियों की समस्याओं पर हुई चर्चा

– आईआईए के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल के नेतृत्व में प्रतिनिधिमंडल ने औद्योगिक नीतियों के अंतर्गत मिलने वाले लाभ से उद्यमियों को वंचित रखने का मुद्दा उठाया

उदय भूमि ब्यूरो
लखनऊ। इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल के नेतृत्व में उद्यमियों के प्रतिनिधि मंडल ने अपर मुख्य सचिव एमएसएमई अमित मोहन प्रसाद से मुलाकात की। मुलाकात के दौरान नीरज सिंघल ने अपर मुख्य सचिव के साथ विभिन्न औद्योगिक नीतियों के अंतर्गत उद्यमियों को मिलने वाले लाभ, आईआईए सदस्यों के लंबित भुगतान, यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आईआईए सदस्यों द्वारा किये जाने वाले निवेश, शामली जिले में जिला उद्योग केंद्र की स्थापना सहित कई मुद्दों पर चर्चा की। आईआईए के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव को उद्यमियों के समक्ष विभिन्न विभागों के साथ आने वाली कई रूटीन समस्याओं से भी अवगत कराया। अपर मुख्य सचिव ने उद्यमियों की शिकायतों के निस्तारण को लेकर संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा निर्देश जारी किया।

आईआईए के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने उत्तर प्रदेश ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए आईआईए सदस्यों द्वारा निवेश के 154 प्रस्तावों की जानकारी अपर मुख्य सचिव को दी और इन्वेस्टर्स समिट को सफल बनाने के लिए आईआईए द्वारा की जा रही भागीदारी और प्रयासों के बारे में बताया। आईआईए के निवेश से संबंधित 144 प्रस्ताव आईआईए के गाजियाबाद चैप्टर की तरफ से दिये गये। नीरज सिंघल ने एसीएस अमित मोहन प्रसाद से 6 दिसंबर को दोपहर साढ़े 3 बजे आईआईए द्वारा सदस्यों के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर समिट पर वेबीनार आयोजन को लेकर जानकारी दी। अपर मुख्य सचिव ने आईआईए के इस वेबिनार में कुछ समय के लिए जुड़ने का आश्वासन दिया। आईआईए के प्रतिनिधिमंडल ने अपर मुख्य सचिव से उत्तर प्रदेश में निवेश के वातावरण को बेहतर बनाने के लिए प्रदेश में श्रम विभाग द्वारा उद्योगों में किये जा रहे अनावश्यक निरीक्षणो को रोकने तथा एमएसएमई पॉलिसी 2022 के शासनादेशों और एसओपीज को शीघ्र जारी करने का आग्रह किया। जिस पर अपर मुख्य सचिव ने कार्रवाई करने का आश्वासन दिया तथा कहा कि वह श्रम विभाग के प्रमुख सचिव से इस बारे में वार्ता करेंगे।

प्रतिनिधि मंडल ने पूर्व में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी विभिन्न औद्योगिक नीतियों के अंतर्गत आईआईए सदस्यों को नहीं मिलने वाली सुविधाओं के 34 मामलों को प्रस्तुत किया। अपर मुख्य सचिव ने इन पर शीघ्र कार्यवाही करने के लिए एमएसएमई सचिव को निर्देशित किया और बताया कि आईआईए उद्यमी महासम्मेलन में आईआईए के राष्ट्रीय अध्यक्ष के प्रस्तुतीकरण पर मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए निदेर्शों के सम्बन्ध में सभी संबंधित विभागों को लंबित सुविधाओं के निपटारे के लिए आदेश जारी कर दिए गए हैं। आईआईए के वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने उत्तर प्रदेश एमएसएमई परचेज पॉलिसी 2020 में संशोधन का प्रस्ताव भी दिया गया जिसमें न्यूनतम टर्नओवर, पूर्व अनुभव तथा परफॉर्मेंस सिक्योरिटी की शर्ते, सरकारी टेंडरो में (भारत सरकार की परचेज पॉलिसी और उत्तर प्रदेश सरकार के परचेज मैनुअल के प्रावधानों के अनुरूप) न लगने के लिए आग्रह किया गया। अपर मुख्य सचिव ने इस मामले के फिर से परीक्षण की बात कही। आईआईए सदस्यों से आईआईए हेड ऑफिस में प्राप्त सरकारी विभागो से सम्बंधित 3 लंबित भुगतान के मामले प्रस्तुत किए गए जिस पर अपर मुख्य सचिव द्वारा संबंधित विभागों  को कार्रवाई हेतु पत्र लिखने के लिये निर्देशित किया। आईआईए ने शामली जिले में जिला उद्योग केंद्र स्थापित करने, एमवीवीएनएल द्वारा अपने टेंडरो में प्रतिबंधात्मक शर्ते लगाने सहित उद्यमियों से संबंधित कई अन्य मुद्दों को रखा। आईआईए के प्रतिनिधि मंडल में वरिष्ठ राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल के साथ प्रमित सिंह, डीएस वर्मा, वेद प्रकाश आजाद मौजूद रहे।