नगर निकाय चुनाव: ओबीसी आरक्षण के लिए योगी सरकार ने किया आयोग का गठन, High Court ने रद्द की थी आरक्षण

5 सदस्यीय आयोग की अध्यक्षता करेंगे रिटायर्ड जज राम अवतार सिंह

अशोक सिंह (उदय भूमि ब्यूरो)
लखनऊ। नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर क्विक एक्शन लेते हुए योगी सरकार ने आयोग का गठन कर दिया है। सरकार द्वारा गठित पिछड़ा आयोग की अध्यक्षता सेवानिवृत्त न्यायाधीश राम अवतार सिंह करेंगे। आयोग में अध्यक्ष के अलावा 4 सदस्य होंगे। आयोग के सभी सदस्यों के नामों की घोषणा कर दी है। सरकार के इस कदम से जहां विपक्ष को बैकफुट पर कर दिया है वहीं ओबीसी को आरक्षण की प्रक्रिया पूरी कर जल्द नगर निकाय चुनाव कराये जाने की संभावना भी बढ़ गई है। दरअसल, यूपी में निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश सरकार ने विगत 5 दिसंबर को ओबीसी आरक्षण के लिए अधिसूचना जारी की थी। इसके खिलाफ कई लोग हाईकोर्ट गये और अधिसूचना को चैलेंज करते हुए वाद दायर किया। हाईकोर्ट गये लोगों ने आरोप लगाया था कि प्रदेश सरकार ने ओबीसी आरक्षण तय करने में सुप्रीम कोर्ट द्वारा निर्देशित ट्रिपल टेस्ट फॉमूर्ले का पालन नहीं किया है। कई दिनों तक हाईकोर्ट में इसकी सुनवाई चली जिसके बाद कोर्ट ने फैसला सुनाया। हाईकोर्ट ने सरकार द्वारा दिये गये आरक्षण को गलत मानते हुए उस पर रोक लगा दी। कोर्ट का कहना था कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बताए गए ट्रिपल टेस्ट फॉमूर्ले के बिना ओबीसी आरक्षण तय नहीं किया जा सकता और प्रदेश सरकार ने इस प्रक्रिया का पालन नहीं किया है। ऐसे में मौजूदा अधिसूचना में लागू आरक्षण को नहीं माना जाएगा। कोर्ट ने कहा कि सरकार अब ट्रिपल टेस्ट फामूर्ले के तहत आरक्षण के लिए सर्वे कराती भी है तो इसमें अब काफी समय लगेगा और निकायों का कार्यकाल खत्म हो रहा है। ऐसे में सरकार बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव के लिए अधिसूचना जारी कर सकती है।

हाईकोर्ट के फैसले को विपक्षी पार्टियां एक अवसर के रूप में देखते हुए योगी सरकार को घेरने में जुट गई। ओबीसी समुदाय में भाजपा की अच्छी पकड़ है ऐसे में विपक्ष किसी तरह इस मुद्दे को अपने पाले में करने में जुटी है। लेकिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछड़ा आयोग का गठन कर विपक्षी पार्टियों के हमले की धार को कुंद कर दिया है। उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लागू करने को लेकर सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन कर दिया है। पिछड़ा आयोग में 5 सदस्य होंगे। न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) राम अवतार सिंह आयोग की अध्यक्षता करेंगे। आयोग में अध्यक्ष के साथ ही चार सदस्यों के रूप में सेवानिवृत्त आईएएस चौब सिंह वर्मा, सेवा निवृत्त आईएएस महेंद्र कुमार, भूतपूर्व अपर विधि परामर्शी संतोष कुमार विश्वकर्मा, पूर्व अपर विधि परामर्शी एवं अ. जिला जज बृजेश कुमार सोनी को नामित किया गया है।

विपक्ष के निशाने पर थी सरकार

हाई कोर्ट का फैसला आते ही उत्तर प्रदेश की सियासत गर्माई हुई है। अखिलेश यादव, शिवपाल यादव, ओपी राजभर, मायावती और प्रियंका गांधी समेत प्रदेश के सभी विपक्षी दलों के नेताओं ने योगी सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया। इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले के बाद योगी सरकार तुरंत एक्शन में आ गई। पिछड़ा आरक्षण को लेकर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा था कि विधि विशेषज्ञों से परामर्श के बाद सरकार फैसला लेगी, लेकिन पिछड़े वर्ग के अधिकारों को लेकर कोई समझौता नहीं करेंगे। योगी आदित्यनाथ ने साफतौर पर ऐलान कर दिया कि बिना आरक्षण के चुनाव नहीं कराए जाएंगे। अब सरकार ने ट्रिपल टेस्ट के तहत ही आरक्षण तय करने के लिए आयोग का गठन कर दिया है।