भाद्रपद मास : भगवान कृष्ण और गणेश की अराधना से मिलेगा लाभ

सावन माह के बाद भाद्रपद मास की शुरुआत होने जा रही है। इस साल 13 अगस्त से भाद्रपद माह की शुरुआत होगी। ईश्वर की भक्ति के लिए यह माह बेहद खास माना जाता है। सावन माह में श्रद्धालुओं ने भगवान भोले शंकर की पूजा-अर्चना की थी। खासकर प्रत्येक सोमवार को शिवालयों में शिवभक्तों का हुजूम देखने को मिला। शिवरात्रि पर्व पर जलाभिषेक करने के लिए जबरदस्त भीड़ उमड़ी थी। हरिद्वार व गोमुख तक से शिवभक्त पैदल चलकर पवित्र गंगाजल के साथ शिवालयों तक पहुंचे थे। सावन माह के समापन के साथ अब भाद्रपद माह की महत्ता पर चर्चा शुरू हो गई है। भाद्रपद मास में कई व्रत एवं त्यौहार आते हैं।

यह माह भगवान कृष्ण और गणेश की पूजा-अर्चना के लिए बेहद खास माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस माह में कुछ कार्यों को करने की मनाही होती है। हिंदू कैलेंडर का छठा और चातुर्मास का दूसरा माह भाद्रपद मास कहलाता है। धार्मिक दृष्टि से इस माह को काफी खास माना जाता है। 13 अगस्त 2022 से भाद्रपद माह शुरू हो जाएगा। यह 10 सितंबर 2022 तक चलेगा। इस माह में कजरी तीज, जन्माष्टमी और गणेश चतुर्थी समेत कई प्रमुख व्रत एवं त्यौहार पड़ेंगे। देवों के शयन के कारण भाद्रपद मास में कोई मांगलिक कार्यक्रम नहीं होता है, मगर उपवास और पूजा-पाठ के लिए यह माह शुभ माना गया है।

वहीं, ज्योतिष शास्त्र में भाद्रपद माह में कुछ विशेष कार्यों को करना वर्जित माना गया है। शास्त्रों के अनुसार भाद्रपद मास में गुड़, दही और उससे तैयार चीजों का सेवन नुकसानदायक माना गया है, क्योंकि इससे पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ज्योतिषों के मुताबिक भाद्रपद मास यानी भादो का माह भक्ति और मुक्ति का है। ऐसे में इस दौरान लहसुन, प्याज, मांस, मछली अन्य सभी तरह का तामसिक भोजन नहीं करना चाहिए। साथ ही भौतिक सुख-सुविधाओं का त्याग कर जमीन पर चटाई पर सोना चाहिए। इसके अलावा मान्यता है कि इस माह में दूसरों का दिया चावल खाने या नारियल तेल का इस्तेमाल करने से घर में दरिद्रता उत्पन्न होती है।

शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि भाद्रपद मास में रविवार के दिन नमक का सेवन और बाल कटवाना शुभ नहीं होता। ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भादो के माह में पवित्र नदियों में स्नान करने तथा जरूरतमंदों को यथाशक्ति दान करने की परंपरा है। वहीं, भगवान कृष्ण की पूजा में तुलसीदल जरूर अर्पित करें। शारीरिक और बौद्धिक विकास के लिए इस माह में शाकाहारी भोजन सर्वोत्तम माना गया है। मान्यता है कि भाद्रपद मास में गाय के दूध का सेवन करने और भगवान कृष्ण को पंचगव्य अर्पित करने से वंश वृद्धि होती है।

अलबत्ता भाद्रपद मास की महत्ता को सभी को जानने की जरूरत है। जिन्हें इस माह की भली-भांति जानकारी है, उन्होंने अभी से तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। भाद्रपद मास को पुण्य कमाने का माह भी माना जाता है। यानि आप भगवान श्रीकृष्ण और गणेश की जितना पूजा-अर्चना करेंगे, उतना लाभ आपको मिलेगा। भगवान कृष्ण एवं गणेश की कृपा पाने के लिए अभी से तैयारी कर लें। इस माह में वर्जित कार्यों को करने का जोखिम कतई न उठाएं। इससे आपको परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।