सीएक्यूएम के काले कानून का आईआईए ने किया विरोध कार रैली निकालकर उद्यमियों ने कराया औद्योगिक शक्ति का एहसास

-आईआईए एनसीआर के समस्त चैप्टरों नरे मेरठ सांसद, कमिश्रर को सौंपा ज्ञापन

मेरठ। वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग के नए प्रावधानों के विरोध में बुधवार को इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल के नेतृत्व में आईआईए एनसीआर के समस्त चैप्टरों (गाजियाबाद, मेरठ, नोएडा, हापुड़, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलन्दशहर, बागपत, मोदीनगर इत्यादि) ने पीवीआर माल मेरठ में एकत्रित हो कर सीएक्यूएम द्वारा पारित काले कानून, डीजल चालित जेनरेटर को 1 अक्तूबर से बंद करने के आदेश के विरोध में एक विशाल कार रैली निकाली। रैली शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए कमिश्नरी पहुंचेगी।

एक अक्टूबर से उद्योगों को पीएनजी से चलाने की अनिवार्यता हो जाएगी। इतना ही नहीं घरों से लेकर बाजारों तक डीजल जेनरेटर का इस्तेमाल बंद हो जाएगा। उद्यमी लगातार इसका विरोध कर रहे हैं। रैली प्रारम्भ होने से पूर्व मेरठ सांसद राजेन्द्र अग्रवाल को प्रधानमंत्री के नाम प्रेषित ज्ञापन की एक प्रति को सौंपा। सांसद ने आईआईए प्रतिनिधिमंडल की बैठक वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से कराने के लिए आश्वासन दिया। उन्होंने आश्वासन दिया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो प्रधानमंत्री से भी समय लेकर उक्त के सम्बन्ध में वार्ता की जायेगी। रैली 11 बजे पीवीएस मॉल शास्त्री नगर, मेरठ से प्रारम्भ होकर गढ़ रोड नौचंदी चौराहा से कचहरी गेट होते हुए कमिश्नर की अनुपस्थिति के कारण उनके द्वारा मनोनित अधिकारी को ज्ञापन दिया गया।

दिए गये ज्ञापन में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नीरज सिंघल ने कहा कि सीएक्यूएम का तुकलगी फरमान लाखों श्रमिकों को बेरोजगार की राह पर लेकर आ रहा है। जेनरेटर सिर्फ बिजली जाने पर उद्योग में घंटा-आधा घंटा चलता है, न कि पूरा दिन चलता है। ऐसे में पोल्यूशन सिर्फ इसे बैन करने से रोक पाएंगे। सीएक्यूएम का भ्रम है कि उद्योग बंद करने से पोल्यूशन कम होगा। इसके लिए 85 प्रतिशत अन्य कारण है उद्योग जनित पोल्यूशन 15 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा नए प्रावधानों को जबरन उद्यमियों पर थोपा जा रहा है। उद्यमियों पर आंदोलन के लिए अलावा दूसरा कोई विकल्प नही बचा है। 30 सितंबर तक सभी फैक्ट्रियों को पीएनजी पर शिफ्ट करना बेहद मुश्किल है। जेनरेटर भी पीएनजी से चलाने का आदेश जारी हुआ है।

क्योंकि अधिकांश उद्यम 5 किलोवॉट से 300 किलोवॉट तक के जेनसेट का प्रयोग करते हैं। जबकि 900 किलोवॉट से कम के पीएनजी से चलने वाले जेनसेट का उत्पादन आज की तिथि में कोई भी निर्माता नहीं कर रहा। जब तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित नहीं हो जाती अथवा कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं हो जाती है, तब तक उद्योगों में लगे जेनसेट पर कोई पांबदी नहीं होनी चाहिए। निरन्तर विद्युत आपूर्ति देने का दायित्व विद्युत विभाग का है और विद्युत विभाग के अपने दायित्व में असफल होने पर उद्यमी जेनसेट का प्रयोग करता है, जिसका पूर्ण दायित्व विद्युत विभाग का है। इसके लिए उद्यमियों का क्यों शोषण किया जा रहा है। कोई भी उद्यमी जेनसेट चलाना नहीं चाहता है। यह उद्यमी की विवश्ता है, क्योंकि इसकी लागत विद्युत की 4 गुणा महंगी पड़ती है।

राष्ट्रीय सचिव प्रदीप गुप्ता ने कहा आज के परिवेश में विद्युत की उपलब्धता भी अधिक विश्वसनीय है तथा विद्युत की 20-22 घण्टे सामान्य आपूर्ति रहती है। जेनसेट आपात स्थिति के लिए रखे जाते हैं और उसकी उपयोगिता न के बराबर है। अत: समस्त गैर-प्रदूषणकारी ग्रीन चैनल एवं एमएसएमई इकाईयों के लिए जेनसेट के उपयोग से छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि प्रदूषण में उनका योगदान नगण्य है। सीएक्यूएम के आदेशों के कारण इंस्पेक्टर राज को बढ़ावा मिल रहा है, जो देश की प्रगति के लिए खतरनाक है, जिसका हम विरोध करते हैं।

चेयरमैन राकेश अनेजा ने कहा जनरेटर को पीएनजी आधारित बनाने के लिए प्रति इकाई औसतन आठ से दस लाख रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। पूरे एनसीआर में करीब 50 हजार करोड़ रुपये का खर्च आएगा। विद्युत प्रयोग का खर्च 12 रुपये प्रति यूनिट आता है, जबकि पीएनजी की व्यवस्था में यह खर्च करीब तीन गुना तक हो जाएगा। नए प्रावधानों से इंस्पेक्टर राज को भी बढ़ावा मिलेगा। सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम वर्ग कृषि के उपरान्त देश की अर्थव्यवस्था में योगदान देने वाला सैक्टर होने के बावजूद अनेकों नियम व आदेश मनमाने ढंग से लागू किए जा रहे हैं, जिससे उद्योगों बंदी के साथ-साथ राजस्व को नुकसान तथा बेरोजगारी को बढ़ावा मिलेगा। रैली में संजय अग्रवाल सचिव, मनोज कुमार चेयरमैन व अमित नागलिया को-चेयरमैन, पीएनजी एवं एंवायरमेंट समिति, राजीव गोयल चेयरमैन आरटीआई समिति, प्रमोद जॉन उपाध्यक्ष, हर्ष अग्रवाल, स-सचिव, नवीन धवन ईसी सदस्य, राकेश लोहिया सदस्य तथा मेरठ, नोएडा, हापुड़, ग्रेटर नोएडा, मुजफ्फरनगर, शामली, सहारनपुर, बुलन्दशहर, बागपत, मोदीनगर इत्यादि के चैप्टर चेयरमैन एवं सदस्यों सहित 200 गाडिय़ों के साथ 500 उद्यमी रैली में शामिल होकर अपना विरोध जाहिर किया।