-सर्विलांस, सीसीटीवी और मुखबिर की सूचना से पकड़ा गया आरोपी; लाखों रुपये और मोबाइल बरामद, एसीपी ने दिखाई पूरी गंभीरता और त्वरित कार्रवाई की क्षमता
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। एनसीआर क्षेत्र में बंद दुकान और मकान में चोरी करने वाले शातिर आरोपी को थाना सिहानी गेट पुलिस की टीम ने गिरफ्तार कर किया है। यह गिरफ्तारी एसीपी नंदग्राम उपासना पांडेय की सख्त कार्यशैली और तेज निर्णय क्षमता का परिणाम है, जिन्होंने 11 दिन के भीतर चोरी के मामले का सफल खुलासा किया। गिरफ्तार आरोपी चोरी करने से पहले वारदात स्थल की सटीक रैकी करता था और फिर रात के समय शोरूम या मकान में घुसकर चोरी करता था।
शुक्रवार को चोरी की घटना का खुलासा करते हुए एसीपी उपासना पांडेय ने बताया कि 3 नवंबर को पीडि़त तरुण शर्मा ने थाना सिहानी गेट में शिकायत दर्ज कराई थी कि पुराना बस अड्डा के पास मै0 शांति एन्टरप्राइजेज के सेनेटरी और हार्डवेयर शोरूम से लगभग 12,80,000 रुपये चोरी हो गए हैं। शिकायत मिलने के तुरंत बाद एसीपी पांडेय ने एक विशेष टीम का गठन किया और घटना के हर पहलू की जांच तेज़ी से शुरू की। एसीपी पांडेय की रणनीति में लोकल इनपुट, मुखबिर की सूचना, सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज का पूर्ण उपयोग किया गया।
इसी के आधार पर टीम ने आरोपी अभिमन्यु पुत्र वीरपाल, निवासी ग्राम बहोरिकपुर, जहानगंज, जिला फर्रूखाबाद को आरडीसी रेलवे फाटक के पास रेलवे भवन के बरामदे से गिरफ्तार किया। आरोपी के पास से चोरी किए गए 2,20,000 रुपये और एक मोबाइल बरामद किया गया। जांच में पता चला कि आरोपी 8-9 महीने पहले रेलवे स्टेशन के पास चौपड़ा टेंट हाउस में काम करता था, लेकिन कम पैसे मिलने के कारण वहां से निकल गया। इसके बाद वह फुटपाथ और रेलवे स्टेशन पर रहने लगा और चोरी की योजना बनाने लगा। 2-3 नवंबर की रात उसने पुराना बस अड्डा के पास शोरूम में चोरी की। शोरूम की तीसरी मंजिल पर लगे फ्लैक्स और लोहे के फ्रेम से चढ़कर वह अंदर गया और ग्राउंड फ्लोर के कैश काउंटर से नकद रूपए निकाले। एसीपी उपासना पांडेय की सख्ती और निर्णय क्षमता का ही परिणाम है कि आरोपी को भागने से पहले ही पकड़ लिया गया।
जांच में यह भी सामने आया कि आरोपी ने चोरी के पैसों में से 63,000 रुपये अपने पिता के बैंक खाते में जमा किए और वीवो वाई-400 प्रो फाइव-जी मोबाइल अपने भाई के नाम से खरीदा। बाकी पैसे जुआ खेलने और दोस्तों के साथ दावत में खर्च कर दिए। आरोपी ने चोरी के पैसों से गाड़ी खरीदने की योजना बनाई थी, लेकिन पैसे पर्याप्त नहीं थे। एसीपी पांडेय ने बताया कि आरोपी का तरीका बेहद शातिराना था। रात के समय शोरूम के बाहर शराबी का नाटक कर वह अपनी पहचान छुपाता था। उनका सख्त अंदाज और रणनीतिक कार्यशैली ही रही कि इतने जटिल मामले को जल्द सुलझाया जा सका। एसीपी पांडेय की तीव्र और व्यवस्थित जांच ने गाजियाबाद में सुरक्षा और कानून के प्रति प्रशासन की गंभीरता को स्पष्ट रूप से दर्शाया है।
स्थानीय लोग और व्यापारी वर्ग भी एसीपी पांडेय की इस सक्रिय भूमिका से प्रभावित हैं। उन्होंने कहा कि उनके तेज और सख्त कदमों ने अपराधियों में भय उत्पन्न किया है और यह साबित कर दिया कि पुलिस हर अपराध के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में सक्षम है। गाजियाबाद पुलिस प्रशासन ने यह संदेश भी दिया कि किसी भी चोरी या अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अपराधियों के खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। यह गिरफ्तारी न केवल चोरी के मामले का खुलासा है, बल्कि यह एसीपी उपासना पांडेय की कठोर, योजनाबद्ध और तेज़ कार्यशैली का उदाहरण भी बन गई है, जो अन्य अपराधियों के लिए चेतावनी स्वरूप है।
















