-सभी पुलिसकर्मियों को देश की अखंडता और सुरक्षा को सुदृढ़ करने की शपथ दिलाई गई
-माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित कर पुलिसकर्मियों को देश की एकता और सुरक्षा के प्रति बनाया गया प्रतिबद्ध
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। लौह पुरुष और स्वतंत्र भारत के पहले गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी की 150वीं जयंती के अवसर पर शुक्रवार को नन्दग्राम थाना परिसर में एक भव्य और भावपूर्ण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर सहायक पुलिस आयुक्त नन्दग्राम उपासना पांडेय ने मुख्य रूप से हिस्सा लिया और कार्यक्रम का संचालन किया। कार्यक्रम की शुरुआत सरदार पटेल जी की प्रतिमा पर माल्यार्पण और श्रद्धासुमन अर्पित करने से हुई। उपासना पांडेय ने कहा कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपने जीवन और कार्यों के माध्यम से भारत की एकता और अखंडता को मजबूती दी, और आज हमें उनके आदर्शों को अपनाकर देश की सुरक्षा और समग्र विकास में योगदान देना चाहिए। कार्यक्रम के दौरान सभी पुलिस अधिकारी और जवानों ने एकत्र होकर सरदार पटेल जी के आदर्शों को स्मरण किया और उनकी दूरदर्शिता एवं नेतृत्व क्षमता को याद किया।
इसके बाद सहायक पुलिस आयुक्त ने सभी उपस्थित कर्मियों को देश की एकता, अखंडता और सुरक्षा को संरक्षित रखने की शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि यह शपथ न केवल शब्दों का संकल्प है, बल्कि देश की सेवा और सुरक्षा में समर्पण का वास्तविक प्रतीक है। उपासना पांडेय ने विशेष रूप से कहा कि पुलिस का कर्तव्य केवल कानून व्यवस्था बनाए रखना नहीं है, बल्कि देश की सुरक्षा, नागरिकों की भलाई और समाज में शांति बनाए रखना भी है। उन्होंने अधिकारियों और जवानों से अपील की कि वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा और अनुशासन के साथ करें और देश की एकता एवं अखंडता को हमेशा सुदृढ़ बनाये रखें।
इस अवसर पर नन्दग्राम थाना के समस्त पुलिस अधिकारी, जवान और कर्मचारी उपस्थित रहे। उन्होंने कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी दिखाते हुए सरदार पटेल जी के आदर्शों को आत्मसात करने और समाज में एकजुटता का संदेश फैलाने का संकल्प लिया। कार्यक्रम के दौरान पुलिस कर्मियों ने सरदार पटेल जी के योगदान पर चर्चा की और उनके विचारों को अपने जीवन में लागू करने के महत्व को समझा। कार्यक्रम का उद्देश्य देशभक्ति, अनुशासन और सेवा का संदेश सभी कर्मियों तक पहुँचाना था। इस प्रकार नन्दग्राम थाना में आयोजित यह कार्यक्रम सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनके योगदान को याद करने और देश के प्रति कर्तव्यनिष्ठा और प्रतिबद्धता को मजबूत करने का एक प्रेरणादायक अवसर साबित हुआ।

















