बॉलीवुड के महानायक धर्मेंद्र का निधन, सिनेमा और समाज में अमिट योगदान को याद कर श्रद्धांजलि

-धर्मेंद्र सिर्फ अभिनेता नहीं बल्कि दिल के बहुत नरम इंसान थे, समाज और सिनेमा दोनों में प्रेरणा बनकर रहेंगे: तरुण मिश्र

उदय भूमि संवाददाता
नई दिल्ली। बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता धर्मेंद्र (धरम सिंह देओल) का 89 साल की उम्र में निधन हो गया। लंबे समय से बीमार चल रहे धर्मेंद्र ने हिंदी सिनेमा में अपनी अद्भुत प्रतिभा, करिश्माई अभिनय और दिल छू लेने वाले किरदारों से हमेशा दर्शकों के दिलों में एक खास जगह बनाई। उनके निधन से फिल्म जगत और समाज दोनों में गहरी शोक की लहर है।
जनसेवक तरुण मिश्र ने धर्मेंद्र के निधन पर कहा कि धर्मेंद्र सिर्फ एक अभिनेता नहीं थे, बल्कि दिल के बहुत नरम इंसान थे। उन्होंने अपने करियर में जितनी फिल्मों में काम किया, उसमें उनकी प्रतिभा, अनुशासन और मानवीय गुण हमेशा प्रेरणा देते रहे। धर्मेंद्र ने 60 साल से अधिक लंबी फिल्मी यात्रा में करीब 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया। चाहे वह ज़बरदस्त एक्शन फिल्मों में हों, रोमांटिक किरदार में या कॉमेडी में, उन्होंने हर किरदार को अपना अनोखा अंदाज दिया। धर्मेंद्र के अभिनय की खासियत यह थी कि उनका अभिनय दिल को छू जाता था और दर्शक उनके किरदारों के मुरीद हो जाते थे।

तरुण मिश्र ने कहा कि धर्मेंद्र ने अपने बेटों सनी और बॉबी देओल को बॉलीवुड में लॉन्च करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने हमेशा अपने अनुभव और मार्गदर्शन से नई पीढ़ी को प्रेरित किया। सिनेमा के साथ-साथ धर्मेंद्र समाज के प्रति भी हमेशा संवेदनशील रहे। लोगों की मदद करने में उन्हें कभी हिचक नहीं हुई। वह हमेशा जरूरतमंदों की सहायता के लिए खड़े रहते थे, लेकिन कभी भी अपनी मदद का ढिंढोरा नहीं पीटते थे। जनसेवक ने धर्मेंद्र और अमिताभ बच्चन के संबंधों का जिक्र करते हुए कहा,  अमिताभ बच्चन आज के समय में सदी के महानायक माने जाते हैं, लेकिन बहुत कम लोग जानते हैं कि उनके करियर में धर्मेंद्र का योगदान अतुलनीय रहा है। फिल्म ‘शोले’ में जय के किरदार के लिए धर्मेंद्र ने अमिताभ बच्चन की सिफारिश की थी। वरना यह किरदार शत्रुघ्न सिन्हा निभाने वाले थे। धर्मेंद्र की इस सिफारिश ने अमिताभ को बॉलीवुड के महानायक बनने का मार्ग प्रशस्त किया। यह उनके नरम दिल और मानवीय स्वभाव का स्पष्ट उदाहरण है।

तरुण मिश्र ने बताया कि धर्मेंद्र हमेशा समाज और सिनेमा दोनों में योगदान देने के लिए तत्पर रहते थे। चाहे किसी जरूरतमंद की मदद करनी हो या फिल्म इंडस्ट्री के नए कलाकारों को अवसर देना हो, धर्मेंद्र हमेशा आगे रहते थे। आज के समय में लोग दिखावे के लिए मदद करते हैं, लेकिन धर्मेंद्र हमेशा दिल से मदद करते थे। उनके इस स्वभाव ने उन्हें लोगों के दिलों में अमर बना दिया। जनसेवक ने कहा कि धर्मेंद्र का निधन न केवल फिल्म जगत के लिए बल्कि समाज के लिए भी अपूरणीय क्षति है। उनका व्यक्तित्व, उनका योगदान और उनका मानवीय स्वभाव हमेशा याद किया जाएगा। वह हमेशा हर उम्र के दर्शकों के दिलों में रहेंगे। धर्मेंद्र का नाम और उनका काम सिनेमा में सदाबहार रहेगा। वह केवल अभिनेता नहीं थे, बल्कि एक प्रेरणा स्रोत और आदर्श नागरिक थे।

तरुण मिश्र ने अंतिम श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि धर्मेंद्र की यादें हमेशा हमारे साथ रहेंगी। उनका योगदान सिर्फ फिल्मों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि उन्होंने समाज और समाज सेवा के क्षेत्र में भी अपनी छाप छोड़ी। वह हमेशा अपने कार्यों और अपने दिल के नरमपन के लिए याद किए जाएंगे। उनका जीवन और उनके काम हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं। भगवान उन्हें अपने चरणों में स्थान दें और उनके परिवार को इस दुख की घड़ी में शक्ति और साहस प्रदान करें। धर्मेंद्र के निधन के साथ ही हिंदी सिनेमा ने एक चमकते सितारे को खो दिया है, लेकिन उनकी फिल्मों, उनके किरदारों और उनके इंसानी स्वभाव की कहानियां हमेशा जीवित रहेंगी। जनता और फिल्म जगत के लोग धर्मेंद्र को याद कर उनके योगदान को नमन कर रहे हैं।