-ग्लोबल स्पोर्ट्स अकादमी चेस फेस्टिवल में दूसरा स्थान, पजल चैम्पियनशिप में पहला; डीपीएसजी का होनहार छात्र बना प्रतियोगिता का स्टार
उदय भूमि संवाददाता
नोएडा/गाजियाबाद। बचपन की यादों में बस जाने वाला चौंसठ खानों का खेल-शतरंज-सिर्फ एक खेल नहीं बल्कि दिमाग, धैर्य, रणनीति और समझदारी की अनोखी परीक्षा है। शह और मात की इस बिसात पर वही विजेता होता है जो न केवल अपनी चालों में निपुण हो, बल्कि प्रतिद्वंद्वी की अगली चाल को उसी पल पढ़ ले। ऐसे ही अनोखे कौशल और तीव्र बुद्धि का परिचय देते हुए गाजि़याबाद के मेरठ रोड स्थित डीपीएसजी स्कूल के कक्षा 8 के छात्र अक्षित शर्मा ने हाल ही में आयोजित प्रतियोगिता में अपनी चमक बिखेरी है और पूरे विद्यालय तथा परिवार का मान बढ़ाया है। रविवार को नोएडा एक्सटेंशन के सर्वोत्तम स्कूल, टेकजोन-4 में ग्लोबल स्पोर्ट्स अकादमी चेस फेस्टिवल का आयोजन किया गया, जिसमें विभिन्न स्कूलों के कुल 65 प्रतिभाशाली प्रतियोगियों ने भाग लिया। इस प्रतिष्ठित आयोजन में डीपीएसजी स्कूल के मेधावी छात्र अक्षित शर्मा ने अपने बेहतरीन खेल के दम पर मुख्य चेस प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल किया, जबकि चेस पजल चैम्पियनशिप में प्रथम स्थान प्राप्त कर सबको चौंका दिया। उनकी इस शानदार उपलब्धि ने प्रतियोगिता के माहौल को और भी अधिक उत्साहपूर्ण बना दिया।
प्रतियोगिता कुल पाँच राउंड में आयोजित की गई थी, जहाँ हर प्रतिभागी को अपनी मानसिक क्षमता और रणनीतिक सोच को सिद्ध करना था। अक्षित ने अपनी मजबूत रणनीति, शांत स्वभाव और तीक्ष्ण निर्णय क्षमता के आधार पर कुल 4.5 अंक अर्जित किए। यह उपलब्धि तब और भी खास बन जाती है जब हम देखते हैं कि प्रतियोगिता में शामिल प्रतिभागियों में कई अनुभवी खिलाड़ी भी मौजूद थे और प्रतिस्पर्धा कड़ी थी। इसके बावजूद अक्षित की चालों में आत्मविश्वास और गणना की सटीकता स्पष्ट झलकती रही।
अक्षित की माता प्रीति शर्मा और पिता मनोज शर्मा-अपने पुत्र की इस कामयाबी पर बेहद गर्व महसूस कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन्होंने हमेशा अपने बेटे को सकारात्मक सोच और निरंतर अभ्यास की प्रेरणा दी है, और आज अक्षित ने अपनी मेहनत और लगन से यह साबित कर दिया है कि सच्ची सफलता उसी को मिलती है जो निरंतर समर्पण और धैर्य के साथ आगे बढ़ता है।
परिवार के अनुसार यह पहला मौका नहीं है जब अक्षित ने उन्हें गर्व महसूस कराया हो; वह विभिन्न अंतर-विद्यालयी एवं जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में भी लगातार अच्छा प्रदर्शन कर चुका है। परिवार ने बताया कि शतरंज बचपन से ही अक्षित का प्रिय खेल रहा है। वह रोज कुछ समय शतरंज के अभ्यास और पजल सॉल्विंग को देता है, जिससे उसकी निर्णय क्षमता, तार्किक सोच और विश्लेषणात्मक दृष्टि दिनोंदिन तेज होती जा रही है।
डीपीएसजी स्कूल प्रबंधन तथा शिक्षकों ने भी अक्षित की इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की है। विद्यालय प्रशासन ने कहा कि यह सफलता न केवल विद्यालय के लिए गौरव की बात है बल्कि अन्य छात्रों के लिए भी प्रेरणा है। उन्होंने बताया कि विद्यालय सदैव छात्रों को पढ़ाई के साथ-साथ बौद्धिक, खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में आगे बढऩे के लिए प्रोत्साहित करता है, और अक्षित जैसे छात्र इस बात का प्रमाण हैं कि सही मार्गदर्शन और निरंतर अभ्यास से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं रह जाता।
प्रतियोगिता के आयोजकों ने भी अक्षित के प्रदर्शन को सराहनीय बताते हुए कहा कि वह शांत मन से खेलता है और उसकी हर चाल विचार-विमर्श के बाद चलती है, जो उसे अन्य खिलाडिय़ों से अलग करती है। विशेष रूप से पजल चैम्पियनशिप में उसका प्रथम स्थान पाना उसकी गहरी समझ और मानसिक चपलता को दर्शाता है। गाजियाबाद और विद्यालय में अक्षित की इस उपलब्धि की चर्चा हर ओर हो रही है। जहाँ परिवार का गर्व शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता, वहीं विद्यालय के शिक्षकों का मानना है कि आने वाले समय में अक्षित राष्ट्रीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा सकता है।
माता-पिता के लिए इससे बड़ी खुशी क्या हो सकती है कि उनका बच्चा निरंतर सफलता की सीढिय़ाँ चढ़ता जाए और अपने सपनों को साकार करे। अक्षित की यह जीत न केवल उसके करियर की एक और उपलब्धि है, बल्कि उसके उज्ज्वल भविष्य की ओर बढ़ते कदमों का प्रतीक भी है। गाजि़याबाद के इस नवोदित खिलाड़ी ने यह साबित कर दिया है कि मेहनत, अनुशासन और सही मार्गदर्शन के साथ कोई भी सपना बड़ा नहीं होता। अक्षित शर्मा की यह उपलब्धि आने वाले समय में उसके लिए और भी बड़े अवसरों के द्वार खोल देगी। अभी वह जिस तरह से आगे बढ़ रहा है, उससे यह उम्मीद की जा सकती है कि शतरंज की दुनिया में वह एक मजबूत पहचान बनाकर देश का नाम रोशन करेगा।

















