-ओटीएस योजना लागू: करीब 6 हजार आवंटियों को मिलेगा लाभ
-हाईड्रोजन बसों से वायु प्रदूषण नियंत्रण: एनटीपीसी करेगा संचालन
-वन मैप योजना की शुरुआत: भूखण्डों की जानकारी होगी ऑनलाइन उपलब्ध
-मास्टर प्लान 2041 में सड़क निर्माण: सैक्टर-22डी और 22ई के मध्य 45 मीटर चौड़ी मुख्य सड़क
उदय भूमि संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। यमुना प्राधिकरण की 87वीं बोर्ड बैठक शुक्रवार को प्राधिकरण के अध्यक्ष आलोक कुमार की अध्यक्षता में हुई। अथॉरिटी ने ओटीएस स्कीम को लागू कर दिया। इससे करीब 6 हजार आवंटियों को फायदा मिलेगा। कब्जा मिलने के बाद जो आवंटी नक्शा नहीं पास करा पाए हैं, उन्हें भी छूट दी गई है। बोर्ड ने हाइड्रोजन बस चलाने की मंजूरी दे दी। साथ ही वन मैप योजना शुरू कर दी। बैठक में मथुरा के डीएम सीपी सिंह, यमुना प्राधिकरण के एसीईओ नागेंद्र प्रताप, ग्रेनो प्राधिकरण के एसीईओ सुनील कुमार सिंह, ओएसडी शैलेंद्र भाटिया, ओएसडी शैलेंद्र सिंह, जीएम प्रोजेक्ट राजेंद्र भाटी, यीडा सीईओ के सीनियर स्टाफ आफिसर नंद किशोर सुंदरियाल आदि मौजूद रहे।
बैठक में यमुना प्राधिकरण के सीईओ राकेश कुमार सिंह ने एजेण्डा प्रस्तुत किया। प्राधिकरण द्वारा वित्तीय वर्ष 2024-25 में 31 अक्टूबर तक की पूजिगत प्राप्तियां 1554.78 करोड थी। जबकि वित्तीय वर्ष 2025-26 में 31 अक्टूबर तक प्राधिकरण की पूजिगत प्राप्तियां 1746.38 करोड़ रही। यह गत वर्ष से 112.32 प्रतिशत अधिक रही। यमुना प्राधिकरण में 2007 से 2013 में किये गये अधिग्रहण/भूमि क्रय के सापेक्ष प्रभावित काश्तकारों को 64.7 प्रतिशत अतिरिक्त प्रतिकर 2925.06 करोड़ रुपये वितरित की जा चुकी है। प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं में डिफाल्टर की संख्या एवं डिफाल्ट धनराषि को कम करने के लिए विगत वर्शो में प्राधिकरण द्वारा 7 बार ओटीएस योजना लायी जा चुकी है।
प्राधिकरण द्वारा इस वित्तीय वर्ष में भी एक जुलाई से 31 अगस्त तक ओटीएस योजना लायी गयी थी। इसमें 574 आवंटियों ने आवेदन किया है। अभी भी आवासीय, उद्योग व मिश्रित, वाणिज्यिक, संस्थागत आदि आवंटित सम्पत्तियों के अन्तर्गत लगभग 5725 आवंटी डिफाल्टर हैं। इससे यह योजना पहली दिसंबर से अगले साल 28 फरवरी तक लागू की जाएगी। यमुना प्राधिकरण द्वारा अर्जित/क्रय भूमि के सापेक्ष 7 प्रतिषत आबादी भूखण्ड पात्र कृशकों को आवंटित किये जाते हैं। अब तक 4171 भूखंड नियोजित किए जा सके। यमुना प्राधिकरण की महायोजना फेज-01 के सेक्टर-18 मे कार्यालय भवन, स्टाफ हाउसिंग एवं 04 सेक्टरों में जोनल आफिस के डिजाइन के लिए वास्तुविद का चयन हेा गया।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में एनटीपीसी के माध्यम से हाइड्रोजन बसों का संचालन करेगा। वर्तमान में यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र स्थित जेवर इण्टरनेषनल एयरपोर्ट का षीघ्र संचालित किया जाना प्रस्तावित है। एयरपोर्ट के संचालन उपरान्त यमुना विकास प्राधिकरण क्षेत्र में यातायात में अत्यधिक वृद्वि होना सम्भावित है। जिसके दृश्टिगत प्राधिकरण क्षेत्र में प्रदूशण में वृद्वि होगी। इस स्थिति में हाईड्रोजन बसो के संचालन से वायु प्रदूशण नियन्त्रण में कारागार साबित होगी।
एनटीपीसी द्वारा पत्र में उल्लेखित किया गया है कि हाईड्रोजन बसें एक बार में हाईड्रोजन भरने पर लगभग 600 किलोमीटर तक संचालित होगी। प्राधिकरण द्वारा बसो के संचालन हेतु चालक/परिचालक, टिकट षुल्क सेवाऐं, सम्बन्धित प्राधिकरणों से परमिट प्राप्त करना, यात्री राजस्व संग्रहण एवं संचालन आदि की व्यवस्था करनी होगी। जिस पर आने वाले व्यय की प्रतिपूर्ति बस संचालन उपरान्त प्राप्त होने वाले राजस्व से की जानी प्रस्तावित है तथा प्राप्त अवषेश राजस्व को एनटीपीसी को वापस किया जाना प्रस्तावित है।
यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के मास्टर प्लान 2041 में 45 मी चौडी सड़क सैक्टर-22डी एवं 22ई के मध्य का मुख्य पेरिफेरियल सडक मार्ग का निर्माण करवाया जायेगा। इस मार्ग के एक ओर सैक्टर-22डी में विकसित आवासीय भवन, आवासीय भूखण्ड तथा टाउनषिप के भूखण्ड संख्या टी.एस-07, 01बी एवं अन्य ग्रुप हाउसिंग के भूखण्ड नियोजित हैं। प्राधिकरण कार्यों को गति प्रदान किये जाने के लिए वन मैप योजना का चेयरमैन ने शुभारंभ किया। इससे आवेदक/आवंटियों द्वारा आवंटित एवं रिक्त भूखण्डों की सूचना आनलाइन पोर्टल के माध्यम से आसानी से प्राप्त हो सकेगी। यह प्रशासनिक कार्यों को सरल बनाएगा।

















