-छात्रों को अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण सुरक्षा के महत्व से अवगत कराया गया
-गीला, सूखा और खतरनाक कचरा अलग-अलग निपटाने की विधियां सिखाई गईं
-इको-फ्रेंडली किट और अपशिष्ट प्रबंधन पर किताबें वितरित कर व्यावहारिक ज्ञान प्रदान किया गया
-छात्रों की सक्रिय सहभागिता और प्रश्नोत्तरी के माध्यम से समझ बढ़ाई गई
-स्कूल प्रशासन ने कार्यशाला के महत्व और पर्यावरणीय चेतना पर जोर दिया
-छात्रों ने सीखे गए अपशिष्ट प्रबंधन तरीकों को अपनाने और दूसरों को जागरूक करने की प्रतिज्ञा ली
उदय भूमि संवाददाता
गौतमबुद्ध नगर। कैंब्रिज पब्लिक स्कूल, चिपियाना में गुरुवार को एचसीएल फाउंडेशन की ओर से दो दिवसीय अपशिष्ट प्रबंधन कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला का उद्देश्य कक्षा 6 से 8 तक के छात्रों को अपशिष्ट प्रबंधन के महत्व और सही तरीकों के प्रति जागरूक करना था। कार्यक्रम की शुरुआत में स्कूल के निदेशक विवेक कुमार और प्रिंसिपल रितु चौधरी ने छात्रों को अपशिष्ट प्रबंधन की मूलभूत जानकारी दी और बताया कि किस प्रकार यह पर्यावरण सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने छात्रों को इस कार्यशाला के महत्व के बारे में विस्तार से अवगत कराया।
एचसीएल फाउंडेशन की तरफ से शुभांजलि और नेहा ने छात्रों को गीला कचरा, सूखा कचरा और घर में उत्पन्न होने वाले खतरनाक कचरे के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने छात्रों को बताया कि किस प्रकार कचरे को सही तरीके से अलग-अलग करके निपटाया जा सकता है और पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) के महत्व पर जोर दिया। छात्रों से कचरे के प्रबंधन पर आधार प्रश्नावली भी ली गई, जिससे उनकी समझ और सहभागिता को बढ़ावा मिला। कार्यशाला में छात्रों को इको-फ्रेंडली किट और अपशिष्ट प्रबंधन पर किताबें नि:शुल्क वितरित की गईं। इस किट में विभिन्न उपकरण और सामग्री शामिल थे जो छात्रों को अपने घर और स्कूल में अपशिष्ट प्रबंधन के व्यावहारिक प्रयोग करने में मदद करेंगे। कार्यशाला में छात्रों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और कई ने सवाल पूछकर अपनी जिज्ञासा और जागरूकता दिखाई।
कार्यक्रम का उद्देश्य केवल ज्ञान प्रदान करना ही नहीं, बल्कि छात्रों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति जिम्मेदारी और सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करना भी था। प्राचार्य रितु चौधरी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएँ छात्रों में पर्यावरणीय चेतना पैदा करती हैं और उन्हें अपने दैनिक जीवन में अपशिष्ट प्रबंधन के सही तरीकों को अपनाने के लिए प्रेरित करती हैं। निदेशक विवेक कुमार ने भी बताया कि स्कूल नियमित रूप से ऐसे कार्यक्रम आयोजित करता रहेगा ताकि छात्र न केवल शिक्षित हों, बल्कि अपने आसपास के पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी योगदान दे सकें। एचसीएल फाउंडेशन की इस पहल को स्कूल प्रशासन और छात्रों दोनों ने सराहा। उन्होंने छात्रों में कचरे के सही निपटान, पुनर्चक्रण और पर्यावरण संरक्षण की आदतों को विकसित करने का संकल्प लिया।
इस कार्यशाला के माध्यम से बच्चों ने सीखा कि छोटे-छोटे कदम, जैसे कचरे को सही ढंग से अलग करना, पर्यावरण संरक्षण में बड़ा योगदान दे सकते हैं। कार्यशाला के समापन पर सभी छात्रों ने प्रतिज्ञा ली कि वे घर और स्कूल में सीखे गए अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों को नियमित रूप से अपनाएंगे और अपने मित्रों व परिवार के सदस्यों को भी जागरूक करेंगे। इस दो दिवसीय कार्यशाला ने छात्रों को न केवल ज्ञान और जानकारी प्रदान की, बल्कि उन्हें अपने पर्यावरण की सुरक्षा में सक्रिय भूमिका निभाने के लिए भी प्रेरित किया।

















