-राजेंद्रनगर में स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण को बुलडोजर से तोड़ा, डासना में निर्माणाधीन फ्लैटों का प्रभारी मुख्य अभियंता ने लिया जायजा
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद विकास प्राधिकरण (जीडीए) की अवैध निर्माणों के खिलाफ सख्त कार्रवाई लगातार जारी है। उपाध्यक्ष अतुल वत्स के निर्देशों के तहत गुरूवार को साहिबाबाद के राजेंद्रनगर में अवैध निर्माण को बुलडोजर चलाकर ध्वस्त किया गया। जीडीए प्रवर्तन जोन-7 के प्रभारी आलोक रंजन के नेतृत्व में सहायक अभियंता प्रबुद्धराज सिंह और अवर अभियंता राजेश शर्मा ने जीडीए पुलिस बल की मौजूदगी में यह कार्रवाई संपन्न की। राजेंद्रनगर सेक्टर-3 के भूखंड संख्या-8/178ए पर सुरेश कुमार गदोदिया द्वारा स्वीकृत नक्शे के विपरीत निर्माण किया गया था। निर्माणकर्ताओं को पहले कारण बताओ नोटिस और कार्य रोको नोटिस जारी कर पर्याप्त सुनवाई का अवसर दिया गया, लेकिन उन्होंने कार्यालय में संतोषजनक जवाब या साक्ष्य प्रस्तुत नहीं किए। गुरूवार को प्रवर्तन टीम ने बुलडोजर के माध्यम से अवैध निर्माण ध्वस्त किया। इस दौरान निर्माणकर्ताओं ने विरोध किया, लेकिन जीडीए पुलिस बल ने उन्हें नियंत्रित कर कार्रवाई को सुरक्षित ढंग से संपन्न कराया। अधिकारियों ने कहा कि आगामी माह में भी अवैध निर्माण और सीलिंग के अभियान जारी रहेंगे।
इसी बीच, गाजियाबाद विकास प्राधिकरण ने डासना में प्रधानमंत्री आवास योजना के निर्माणाधीन भवनों का भी निरीक्षण किया। परियोजना का निरीक्षण प्रभारी मुख्य अभियंता आलोक रंजन ने किया। उन्होंने निर्माण सामग्री की गुणवत्ता की जाँच की और ठेकेदार को अगले एक महीने में भवनों को तैयार करने के निर्देश दिए। डासना में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 432 ईडब्ल्यूएस फ्लैट का निर्माण किया जा रहा है। यह प्रोजेक्ट 1 मार्च 2019 को शुरू हुआ था, जबकि निर्माण कार्य की समयावधि 30 जून 2023 निर्धारित थी। 14,074 वर्गमीटर में फैले इस प्रोजेक्ट में भवनों का स्ट्रक्चर तैयार हो चुका है और निर्माण तेजी से जारी है।
प्रभारी मुख्य अभियंता ने सुनिश्चित किया कि फ्लैट तैयार होने के साथ ही लाभार्थियों को जल्द कब्जा मिल सके। जीडीए अधिकारियों ने बताया कि अवैध निर्माणों को रोकने और नए आवासीय प्रोजेक्टों के समय पर पूर्ण होने के लिए यह कार्रवाई नियमित रूप से की जा रही है। अधिकारियों ने यह भी कहा कि नागरिकों की शिकायतों पर शीघ्र और कड़े कदम उठाए जाएंगे ताकि शहर का नियोजन और आवासीय संरचना सही ढंग से विकसित हो सके।