आगामी बजट में रियल स्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा दे सरकार: प्रदीप गुप्ता

गाजियाबाद। नए साल का आगाज हो चुका है। आम बजट की तैयारी चल रही है। 1 फरवरी को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में बजट पेश करेंगी। इस बार के बजट पर सभी की नजर है। ऐसा इसलिए कि भारतीय जीडीपी की रफ्तार सुस्त हुई है। इसको तेज करने के लिए वित्त मंत्री कई उपाय कर सकती हैं। वहीं, होम बायर्स भी इस बजट से कई तरह की उम्मीदें लगाए हुए हैं। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का बजट भाषण आने ही वाला है। हम सबकी निगाहें उस पर टिकी हैं। लेकिन हर साल की तरह इस साल भी रियल स्टेट सेक्टर की नजर बजट पर रहेगी।

व्यापारी एकता समिति संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रदीप गुप्ता का कहना है कि रियल एस्टेट सेक्टर भारतीय अर्थव्यवस्था का अहम हिस्सा है। रियल स्टेट सेक्टर इस बार के बजट में बड़े बदलावों की उम्मीद कर रहा है। रियल एस्टेट सेक्टर की पुरानी मांग है कि इसे उद्योग का दर्जा दिया जाए, ताकि कम ब्याज पर फाइनेंस मिल सके और इसका फायदा सीधा ग्राहकों तक पहुंचे। साथ ही, प्रोजेक्ट समय पर पूरे हों और लागत कम रहे, इसके लिए सिंगल-विंडो क्लियरेंस जरूरी है। घरों के लिए जीएसटी इनपुट क्रेडिट वापस लाना कीमतों को स्थिर रखने में मदद करेगा।

रियल एस्टेट देश के सबसे बड़े रोजगार देने वाले सेक्टरों में से एक है। अगर इसे इंडस्ट्री का दर्जा मिल जाए, तो इससे इस सेक्टर को और मजबूती मिलेगी। केंद्र सरकार को इस बार के बजट में रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा जरूर देना चाहिए। रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा मिलने से इस सेक्टर के विकास की रफ्तार और तेज होगी। रियल एस्टेट सेक्टर को इंडस्ट्री का दर्जा देने के साथ-साथ हमारी सबसे बड़ी मांगों में से एक है स्टांप ड्यूटी को कम करना। उन्होंने बताया स्टांप ड्यूटी कम होने से घर खरीदारों को वित्तीय राहत मिलेगी।

क्योंकि स्टांप ड्यूटी की बढ़ती दरें खरीदारों पर बड़ा वित्तीय बोझ डाल रही हैं। इसके साथ ही, सेक्शन 80 (सी) के तहत टैक्स छूट की सीमा को 1.5 लाख से बढ़ाकर 5 लाख करने से घर खरीदने की प्रक्रिया को और सरल बनाया जा सकता है। इससे रियल एस्टेट सेक्टर को मजबूती मिलने के साथ- साथ घर खरीदारों को भी काफी राहत मिलेगी। हमें उम्मीद है कि आने वाला बजट ऐसे सुधार लाएगा, जो बाजार में पैसों की कमी को दूर करेंगे। सरकार को टैक्स में राहत देने और कंस्ट्रक्शन के सामान पर जीएसटी कम करने पर ध्यान देना चाहिए।