महापौर सुनीता दयाल ने 25 साल पुराने अवैध कब्जे का किया अंत, 30 करोड़ की भूमि कराई मुक्त

-वसुंधरा में पॉश लोकेशन पर अवैध मीट की दुकान और कब्जे हटे
– 1600 मीटर भूमि को महापौर ने मौके पर खड़े होकर कराया खाली

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। महापौर सुनीता दयाल ने शुक्रवार को एक बार फिर अपने दृढ़ प्रशासनिक निर्णय का परिचय देते हुए वसुंधरा के प्रहलादगढ़ी क्षेत्र में लगभग 30 करोड़ रुपये मूल्य की 1600 वर्गमीटर भूमि को अवैध कब्जे से मुक्त कराया। यह भूमि करीब पच्चीस वर्षों से अवैध रूप से कब्जाई गई थी, जहाँ मीट की दुकानें, वाहन पार्किंग, पशुपालन और गंदगी का अड्डा बना हुआ था।
महापौर ने मौके पर स्वयं उपस्थित रहकर अवैध मीट की दुकान को ध्वस्त कराया और भूमि को पूरी तरह साफ करवाया। उनके साथ आवास विकास परिषद और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। कार्रवाई के दौरान महापौर ने यह सुनिश्चित किया कि किसी भी पशु को नुकसान न पहुँचे, इसलिए तोडफ़ोड़ से पहले सभी पशुओं को बाहर निकालकर सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।

महापौर सुनीता दयाल ने कहा कि नगर निगम की यह भूमि, जो आवास विकास विभाग द्वारा वसुंधरा योजना के तहत निगम को हस्तांतरित की गई थी, वर्षों से कब्जाधारियों के नियंत्रण में थी। स्थानीय निवासी लगातार शिकायतें कर रहे थे कि क्षेत्र में खुलेआम मीट काटा जा रहा है, बदबू और गंदगी से वातावरण दूषित है। महापौर को जब यह शिकायत स्थानीय निवासी सुबोध शर्मा द्वारा प्राप्त हुई कि मोहम्मद इरफान नामक व्यक्ति ने निगम की भूमि पर अवैध दुकान बनाकर खुले में मीट बेचना शुरू कर दिया है और उसके साथ ही कुछ लोगों ने पार्किंग और पशुपालन भी शुरू कर रखा है, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई के आदेश दिए। सबसे पहले जलकल विभाग से नोटिस जारी कराया गया और संपत्ति विभाग द्वारा जांच करवाई गई, जिसमें यह भूमि निगम की संपत्ति पाई गई। इसके बाद महापौर ने आवास विकास अधिकारियों के साथ बैठक कर यह स्पष्ट किया कि भूमि अब नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में आती है और तत्काल अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए।

कार्रवाई के दौरान जैसे ही निगम की जेसीबी मशीनें पहुँचीं, अवैध निर्माण करने वाले लोग खुद ही अपना कब्जा हटाने लगे। कई लोगों ने अपने ढांचे स्वयं गिरा दिए। महापौर ने मौके पर मौजूद अधिकारियों को भी सख़्त चेतावनी दी, विशेषकर स्थानीय सुपरवाइज़र को, जिसने इतने वर्षों से वहाँ चल रहे अवैध कार्य की सूचना किसी अधिकारी को नहीं दी थी। महापौर ने कहा कि यह भूमि वसुंधरा के सबसे प्रमुख स्थानों में से एक है। यहाँ वर्षों से अवैध रूप से मीट काटा जा रहा था, जिससे स्थानीय लोग परेशान थे। अब यह भूमि पूरी तरह से कब्जा मुक्त है। यहाँ जल्द ही एक सुंदर और स्वच्छ मार्किट का निर्माण किया जाएगा ताकि क्षेत्र का सौंदर्य बढ़े और लोगों को सुविधाएँ मिलें।

स्थानीय निवासियों ने महापौर सुनीता दयाल का आभार जताते हुए कहा कि वर्षों पुरानी उनकी समस्या का समाधान आखिरकार हुआ है। लोगों ने कहा कि जहाँ पहले गंदगी, दुर्गंध और अराजकता फैली रहती थी, अब वहाँ स्वच्छता और विकास की उम्मीद जगी है। इस मौके पर नगर निगम के कर अधीक्षक बी.के. लाल, जोनल स्वच्छता अधिकारी विनोद कुमार, सहायक अभियंता अनूप शर्मा, अवर अभियंता संजय गंगवार, अवर अभियंता सोमेंद्र तोमर, सफाई निरीक्षक अशोक सहित आवास विकास परिषद के अधिशासी अभियंता और अवर अभियंता भी मौजूद रहे। महापौर की इस सख़्त कार्रवाई ने एक बार फिर यह स्पष्ट कर दिया है कि गाजियाबाद में अवैध कब्जों और अतिक्रमण पर अब कोई समझौता नहीं होगा।