-तीन एबीसी सेंटर संचालित करने वाला उत्तर प्रदेश का पहला नगर निगम बनेगा गाजियाबाद
-विजयनगर सिद्धार्थ विहार में बन रहे सेंटर का निरीक्षण उपमुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी ने किया
-आरडब्ल्यूए और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग: श्वान रजिस्ट्रेशन में बढ़ी सफलता
-नगर निगम की पहल से पालतू श्वानों का स्वास्थ्य और शहर में सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी
-भविष्य में अन्य एबीसी सेंटर स्थापित करने पर विचार: श्वानों की संख्या नियंत्रण और स्वास्थ्य सेवा में सुधार का लक्ष्य
उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। गाजियाबाद नगर निगम ने एक महत्वपूर्ण पहल करते हुए उत्तर प्रदेश में पहला ऐसा नगर निगम बनने की दिशा में कदम बढ़ाया है, जहां तीन एबीसी (एनिमल बर्थ कंट्रोल) सेंटर एक साथ संचालित किए जाएंगे। नगर निगम सीमा के अंतर्गत विजयनगर सिद्धार्थ विहार में बन रहा तीसरा एनिमल बर्थ कंट्रोल सेंटर जनवरी के अंतिम सप्ताह में जनता के लिए खोल दिया जाएगा। नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक के निर्देशानुसार नगर निगम अधिकारी लगातार निर्माण कार्यों में तेजी लाने के लिए प्रयासरत हैं। उपमुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी ने बताया कि तीसरे एबीसी सेंटर का निर्माण लगभग 2 करोड़ 45 लाख रुपये की लागत से किया गया है और इसका कुल क्षेत्रफल 299.45 वर्ग मीटर है। यह सेंटर प्रतिदिन 50 श्वानों के बध्याकरण की क्षमता रखेगा। फिलहाल भवन निर्माण कार्य पूर्ण हो चुका है और इलेक्ट्रिक तथा प्लंबिंग का कार्य अंतिम चरण में है।
नगर आयुक्त ने कहा कि जनवरी से गाजियाबाद में तीन एबीसी सेंटर एक साथ संचालित होंगे, जिससे प्रतिदिन 100 से अधिक श्वानों का बध्याकरण सरलता से संभव होगा। संबंधित विभाग के अधिकारी लगातार कार्य की मॉनीटरिंग कर रहे हैं ताकि केंद्र के प्रारंभ होते ही शहरवासियों को इसके लाभ मिल सकें। उन्होंने यह भी बताया कि आरडब्ल्यूए पदाधिकारी और सामाजिक संस्थाओं का सहयोग श्वान रजिस्ट्रेशन में मिल रहा है, जो सराहनीय है। विशेष रूप से उल्लेखनीय है कि गाजियाबाद नगर निगम उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा नगर निगम होगा जो तीन एबीसी सेंटर संचालित करेगा। इससे न केवल श्वानों की संख्या नियंत्रित होगी, बल्कि शहर में सार्वजनिक स्वास्थ्य और सुरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। गुरुवार को विजयनगर सिद्धार्थ विहार में बने तीसरे एबीसी सेंटर का निरीक्षण उपमुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉक्टर अनुज कुमार सिंह ने किया।
मौके पर निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एस.पी. मिश्रा और पशु चिकित्सा कल्याण अधिकारी डॉक्टर आशीष त्रिपाठी भी मौजूद रहे। नगर आयुक्त ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि तीसरे एबीसी सेंटर की कार्यप्रणाली को और प्रभावी बनाया जाए और नागरिकों को इसके बारे में व्यापक जानकारी उपलब्ध कराई जाए। उन्होंने यह भी जोर दिया कि भविष्य में इस तरह के अन्य सेंटरों की स्थापना पर विचार किया जाएगा ताकि नगर में श्वानों के स्वास्थ्य नियंत्रण और संख्या प्रबंधन की व्यवस्था और मजबूत हो। नगर निगम की इस पहल से श्वान मालिकों को घर बैठे उनके पालतू पशुओं के बध्याकरण की सुविधा प्राप्त होगी। इससे न केवल श्वानों का स्वास्थ्य बेहतर होगा, बल्कि शहर में स्वच्छता और सार्वजनिक सुरक्षा पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
उपमुख्य पशु चिकित्सा एवं कल्याण अधिकारी डॉक्टर अनुज कुमार सिंह ने बताया तीसरे एबीसी सेंटर का निर्माण पूरी तरह से आधुनिक तकनीक और मानकों के अनुसार किया गया है। सेंटर प्रतिदिन 50 श्वानों का बध्याकरण करने में सक्षम होगा। यह कदम गाजियाबाद में श्वान स्वास्थ्य और जनस्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सेंटर में सभी प्रक्रियाएँ सुरक्षित, प्रभावी और समयबद्ध ढंग से पूरी हों। नगर निगम और संबंधित विभागों के सहयोग से हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि शहरवासियों को पशुओं के पंजीकरण और बध्याकरण की पूरी जानकारी उपलब्ध हो और नागरिक आसानी से इस सेवा का लाभ उठा सकें। भविष्य में और भी एबीसी सेंटर स्थापित करने पर विचार किया जाएगा ताकि श्वानों के स्वास्थ्य और संख्या नियंत्रण की व्यवस्था और मजबूत हो। नगर आयुक्त ने यह भी कहा कि नगर निगम लगातार श्वानों से संबंधित समस्याओं के समाधान में जुटा हुआ है और बध्याकरण की कार्यवाही में रफ्तार दी जा रही है।
अधिकारियों को यह सुनिश्चित करना है कि प्रत्येक केंद्र पर सुव्यवस्थित सेवा और समयबद्ध बध्याकरण हो, ताकि नागरिकों का विश्वास और सहयोग बनाए रखा जा सके। इस पहल के माध्यम से गाजियाबाद नगर निगम ने यह संदेश दिया है कि जनहित और पशु कल्याण दोनों के क्षेत्र में प्रभावी और परिणाममुखी कदम उठाए जा सकते हैं। इससे नगर प्रशासन की जन-कल्याणकारी सोच और प्रभावी कार्यप्रणाली भी सामने आती है। गाजियाबाद के नागरिकों और पशु प्रेमियों के लिए यह एबीसी सेंटर एक महत्वपूर्ण सुविधा साबित होने वाला है, जो पालतू पशुओं के स्वास्थ्य और नगर की स्वच्छता के प्रति जागरूकता बढ़ाने में मदद करेगा।

















