- ग्रेनो प्राधिकरण की 141वीं बोर्ड बैठक में दोनों प्रोजेक्ट के अलाइनमेंट पर लगी मुहर
- 105 मीटर रोड के कॉरिडोर पर 1.8 किलोमीटर मेट्रो रूट, यात्रियों को होगी सुविधा
उदय भूमि संवाददाता
ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा की दो बड़ी परियोजनाएं एक कदम और आगे बढ़ गई हैं। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 141वीं बोर्ड बैठक में मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब के अलाइनमेंट तय करते हुए मास्टर प्लान 2041 में सम्मिलित करने के प्रस्ताव पर मुहर लग गई है। इससे मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब को मेट्रो लाइन से और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब को रेलवे लाइन से जोड़ने का रास्ता साफ हो गया है।
शनिवार को आईडीसी व नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार की अध्यक्षता और अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार मौजूदगी में बोर्ड के समक्ष यह प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर लिया है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की तरफ से ये प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखे गए। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण और नेशनल इंडस्ट्रियल कार्पोरेशन मिलकर ग्रेटर नोएडा में तीन बड़ी परियोजनाएं, इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित की जा रही हैं। इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप में कई बड़ी कंपनियों का भूखंड आवंटित कर दिए गए हैं, जिन पर उद्योग चल रहे हैं। युवाओं को रोजगार मिल रहे हैं। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब और मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब परियोजनाओं को मूर्त रूप देने के लिए कंसल्टेंट नियुक्त कर दी गई है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब को जोड़ने के लिए नई रेलवे लाइन बनाई जानी है, ताकि यहां से मुंबई और कोलकाता के बीच औद्योगिक उत्पादों की ढुलाई आसान हो सके। इसका अलाइनमेंट तय हो चुका है। इस लाइन को मास्टर प्लान 2041 में सम्मिलित करने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर दिया है। वहीं, ग्रेटर नोएडा डिपो से मल्टी मॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो लाइन का भी अलाइनमेंट तय करते हुए मास्टर प्लान 2041 में सम्मिलित करने का प्रस्ताव बोर्ड के समक्ष रखा गया, जिस पर बोर्ड ने मंजूरी दे दी है। यह रूट लगभग 1.8 किलोमीटर लंबा होगा। यह 105 मीटर रोड के कॉरिडोर में एलिवेटेड लाइन बनेगी। बोर्ड बैठक में एसीईओ सौम्य श्रीवास्तव, एसीईओ सुनील कुमार सिंह, एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस, एसीईओ प्रेरणा सिंह, एसीईओ सुमित यादव, यीडा के एसीईओ नागेन्द्र प्रताप, नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ कृष्णा करुणेश, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक वित्त स्वतंत्र गुप्ता, ओएसडी गुंजा सिंह, प्रधान महाप्रबंधक संदीप चंद्रा आदि अधिकारीगण मौजूद रहे।
मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब और मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब पर एक नजर
दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के मद्देनजर उद्योगों की माल ढुलाई की राह आसान बनाने के लिए आईआईटीजीएनएल की तरफ से बोड़ाकी के पास मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब विकसित किया जा रहा है। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे। दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर के अंतर्गत बन रही रेलवे लाइन न्यू दादरी रेलवे स्टेशन से गुजर रही है। इस स्टेशन से एमएमएलएच को जोड़ने के लिए करीब 3 किलोमीटर लंबी रेलवे लाइन का निर्माण होना है। वहीं, मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब परियोजना के तहत रेलवे, बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। बोड़ाकी के पास ही टर्मिनल बनाया जाएगा। पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें यहीं से चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर भी दबाव कम होगा। ग्रेटर नोएडा व उसके आसपास रहने वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि के लिए ट्रेनें यहीं से मिल सकेगी। इसमें अंतर्राज्यीय बस अड्डा और डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो लाइन भी विकसित होगी।
बायर्स के नाम फ्लैटों की रजिस्ट्री न करने वाले बिल्डरों पर होगी कड़ी कार्रवाई
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने बायर्स को घर न देने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का फैसला लिया है। ऐसे एक दर्जन बिल्डरों से अमिताभ कांत समिति की सिफारिशों से प्राप्त रियायत वापस लिया जाएगा।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष दीपक कुमार ने कहा कि जिन बिल्डरों ने अब तक न तो बायर्स के नाम रजिस्ट्री शुरू की है और न ही प्राधिकरण का बकाया धनराशि जमा की है उनको अब और वक्त देने का कोई लाभ नहीं है। उन्होंने ऐसे बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। ऐसे एक दर्जन बिल्डर हैं, जिनमें एवीजे डेवलपर्स सेक्टर बीटा टू, एमएसएक्स रियलटेक सेक्टर अल्फा वन, ज्योतिर्मय इंफ्राकॉन सेक्टर-16सी, अंतरिक्ष इंजीनियरिंग सेक्टर-1, एलिगेंट इंफ्राकॉन सेक्टर टेकजोन-4 आदि शामिल हैं। हालांकि बोर्ड ने बिल्डरों पर कार्रवाई के दौरान खरीदारों के हित को ध्यान में रखने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि अमिताभ कांत समिति के सिफारिशों के आधार पर रियल एस्टेट के लिगेसी प्रोजेक्ट्स की अड़चनों को हल करने के लिए लाई गई पॉलिसी पैकेज का अब तक 98 में से 85 बिल्डर परियोजनाओं को लाभ मिला है। इन परियोजनाओं को पूरा कर खरीदारों को उनका आशियाना देने का रास्ता साफ हुआ है और पॉलिसी का लाभ लेकर लगभग 18 हजार फ्लैट खरीदारों के नाम रजिस्ट्री हुई है। बाकी 13 बिल्डरों ने खरीदारों के नाम रजिस्ट्री करने का दिशा में कोई प्रयास नहीं किया है। ऐसे बिल्डरों पर ही अब कार्रवाई के लिए बोर्ड ने मंजूरी दे दी है।
टूल रूम में ट्रेनिंग से युवाओं के रोजगार की खुलेगी राह
भारत सरकार की योजना के अंतर्गत ग्रेटर नोएडा और आसपास के युवाओं को तकनीकी दक्षता देकर उद्योगों के हिसाब से तैयार करने के लिए जल्द ही टूल रूम शुरू होने जा रहा है। भारत सरकार की तरफ से निर्माणाधीन टूल रूम के कंपलीशन के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने टाइम एक्सटेंशन देने का प्रस्ताव स्वीकार कर लिया है। इसका कंपलीशन होने से युवाओं के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम जल्द षुरू होने की उम्मीद है। दरअसल, भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्रालय की तरफ से पूर्व में ही जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव दिया गया था, जिस पर प्राधिकरण ने सेक्टर ईकोटेक 8 में 15 एकड़ जमीन पूर्व में आवंटित की है। इस सेंटर में भारत सरकार की तरफ से 8 से 10 हजार स्थानीय युवाओं को युवाओं को विभिन्न ट्रेंड में तकनीकी रूप से प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनको यहां के उद्योगों में रोजगार के अवसर आसानी से प्राप्त हो सकेंगे।
आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबर को भी अब मिल सकेगा मालिकाना हक
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने शनिवार को एक और अहम निर्णय लेते हुए आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबर (काबिजदारों) के नाम रजिस्ट्री की अनुमति दे दी है, जिससे इन आवासीय समितियो में सब्सीक्वेंट मेंबरों को भी संपत्ति पर मालिकाना हक मिलने का रास्ता साफ हो गया है। दरअसल, ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एरिया में सीनियर सिटीजन सोसाइटी और एयरफोर्स नेवल हाउसिंग बोर्ड समेत कई ऐसी आवासीय समितियां हैं, जिनमें कंपलीषन न होने के कारण संपत्तियों का हस्तांतरण नहीं हो पा रहा। खरीदार पावर ऑफ अटॉर्नी पर इन संपत्तियों की खरीद-बिक्री कर रहे हैं। एक संपत्ति पावर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर एक से अधिक बार बिक चुकी है, लेकिन रजिस्ट्री न हो पाने के कारण उनको मालिकाना हक नहीं मिल पा रहा और इसी वजह से अन्य संपत्तियों की तुलना में इनकी बाजार कीमत भी कम होती है। इन संपत्तियों के खरीदार परेशान हैं और प्राधिकरण से रजिस्ट्री के लिए गुहार लगा रहे हैं। प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार की पहल पर आवासीय समिति विभाग की तरफ से बोर्ड के समक्ष प्रस्ताव रखा गया, जिसे बोर्ड ने मंजूर कर लिया है। इसके लिए कुछ शर्तें भी निर्धारित की गईं हैं। मसलन, आवासीय समिति के पदाधिकारियों की तरफ से शपथ पत्र देना होगा कि वर्तमान में सब्सीक्वेंट मेंबर का ही आवंटित भवन पर कब्जा है। साथ ही सभी सदस्यों के पक्ष में सबलीज डीड कराने के लिए अलग-अलग एनओसी जारी करना अनिवार्य होगा। काबिजदारों को भी शपथ पत्र देना होगा कि किसी तरह की आपत्ति आने पर पूरी जिम्मेदारी काबिजदारों की होगी। 100 रुपये के स्टांप पेपर पर इंडेमनिटी बॉन्ड देना होगा कि भविष्य में किसी प्रकार की देयता होने पर काबिजदार भुगतान करेगा और किसी तरह का वाद कोर्ट में दायर नहीं करेगा। आवासीय समिति की सूूची में मूल सदस्य के बाद अंतिम काबिजदार तक प्राधिकरण से तय ट्रांसफर चार्जेस का भुगतान अंतिम काबिजदार को देना होगा। इस नीति के अंतर्गत सिर्फ उन्हीं प्रकरणों पर विचार किया जाएगा, जो भवन आवासीय समिति की कार्यपूर्ति से पूर्व खरीदे गए हैं। सब्सीक्वेंट मेंबर्स को प्रति सदस्य के अनुसार ट्रांसफर शुल्क देना होगा। बोर्ड ने इस प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है।
निर्मित फ्लैटों की स्कीम जल्द, ऑक्शन से होगा आवंटन
ग्रेटर नोएडा में अपने आषियाने की चाहत जल्द पूरी हो सकती है। प्राधिकरण सेक्टर ओमीक्रॉन वन में स्थित बहुमंजिला आवासीय इमारतों के फ्लैटों की स्कीम जल्द लाने की तैयारी कर रहा है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने शनिवार को इस स्कीम के ब्रोशर व नियम-शर्तों पर अप्रूवल दे दी है। इस स्कीम के लिए ऑनलाइन आवेदन होगा। ई-ऑक्शन के जरिए आवंटन होगा।
कॉरपस फंड से ग्रेनो के इंफ्रा का रखरखाव
ग्रेटर नोएडा की पहचान मजबूत इंफ्रास्ट्रचर और हरियाली से होती है। इसे बरकरार रखने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ एनजी रवि कुमार ने पहल की है। ग्रेटर नोएडा के रखरखाव के लिए कॉरपस फंड बनाया गया है। बोर्ड ने भी शनिवार को कॉरपस फंड पर अपनी सहमति दे दी है। इस फंड का इस्तेमाल ग्रेटर नोएडा के इंफ्रास्ट्रक्चर के रखरखाव पर खर्च किया जाएगा। इसका फायदा यह होगा कि अगर भविष्य में प्राधिकरण की आमदनी कम हो जाती है तो इस फंड से शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर, मसलन सड़क, सीवर, नाली, विद्युत, उद्यान आदि का रखरखाव आसानी से हो सकेगा। यह फंड किसी राष्ट्रीयकृत बैंक में सुरक्षित रखा जाएगा। इस फंड में लीज रेंट, क्रय योग्य एफएआर शुल्क, रेस्टोरेशन चार्जेस, टाइम एक्सटेंशन चार्ज आदि से प्राप्त होने वाली धनराशि को इस फंड में रखा जाएगा। इस फंड का उपयोग बोर्ड के अप्रूवल से सीईओ की अनुमति के बाद ही किया जा सकेगा।
ग्रेटर नोएडा में ई-साइकिल के संचालन की खुली राह
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने ग्रेटर नोएडा क्षेत्र में ई-साइकिलिंग को संचालित करने के प्रस्ताव पर मंजूरी दे दी है। बीओटी (बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर) के माध्यम से इस परियोजना को मूर्त रूप दिया जाएगा। बोर्ड के समक्ष रखे गए प्रस्ताव में बताया गया कि ई-निविदा से चयनित एजेंसी को साइकिल स्टेशन बनाने के लिए निर्धारित समयावधि के लिए अलग-अलग जगहों पर 25 वर्ग मीटर जगह उपलब्ध कराया जाएगा। इसका पूरा खर्च निविदाकार ही वहन करेगा। ग्रेटर नोएडा में बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए यह कदम काफी महत्वपूर्ण है। इससे सड़कों पर वाहनों का दबाव भी कम होगा। निवासियों का लास्ट माइल कनेक्टिीविटी के रूप में यह विकल्प मिल जाएगा। इसके इस्तेमाल से आवागमन पर खर्च में कमी आएगी और प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी।
सामाजिक कार्यों के लिए सामुदायिक केंद्रों की बुकिंग शुल्क में छूट
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड ने प्राधिकरण से निर्मित सामुदायिक केंद्रों में सामाजिक कार्यों के लिए बुकिंग धनराशि में छूट की मांग को भी मान लिया है। मसलन, सामूहिक विवाह, स्वास्थ्य शिविर का आयोजन, जैसे कार्यों के लिए बुकिंग धनराशि में छूट दी जा सकती है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन के अन्य निर्देश
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण बोर्ड के चेयरमैन दीपक कुमार ने शिक्षा प्राप्त करने के लिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा आने वाले छात्रों को रहने के लिए छात्रावास की सुविधा विकसित करने के निर्देश दोनों प्राधिकरण को दिए हैं, जिसमें छात्रों को शिक्षण कार्य से जुड़ी सभी सुविधाएं उपलब्ध हों। मसलन, लाइब्रेरी, कॉन्फ्रेंस हाल, कंप्यूटर लैब आदि। इसके अतिरिक्त वर्किंग महिलाओं के लिए भी वुमेंस हॉस्टल बनाने को कहा है। नोएडा-ग्रेटर नोएडा को सेफ सिटी के रूप में विकसित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाने को कहा है।
आईडीसी व एसीएस से मिले एसोसिएशन के पदाधिकारी
ग्रेटर नोएडा एम्पलाइज एसोसिएशन के अध्यक्ष सोनू भड़ाना और वरिष्ठ उपाध्यक्ष रविंद्र कसाना ने आईडीसी और नोएडा- ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन दीपक कुमार तथा अपर मुख्य सचिव आलोक कुमार का बुके देकर स्वागत किया। कर्मचारियों से जुड़े मुद्दे आईडीसी और अपर मुख्य सचिव के समक्ष रखा।

















