‘ऑपरेशन दीपावली’ त्योहार से पहले गाजियाबाद में आबकारी विभाग की सर्जिकल स्ट्राइक, अवैध शराब पर कड़ा पहरा

• दीपावली 2025 के मौके पर संजय कुमार प्रथम की टीम ने हर सेक्टर में 24 घंटे सतर्कता और रेड अभियान से अवैध शराब तस्करों को किया अलर्ट

जिला आबकारी अधिकारी की अगुवाई में अवैध शराब के खिलाफ चौतरफा अभियान, हर दिन नई मुहिम और सटीक रणनीति से मिली बड़ी सफलता

उदय भूमि संवाददाता
गाजियाबाद। सुनो जनाब अब यह वही गाजियाबाद नहीं रहा, जहां अवैध शराब का कारोबार फलता-फूलता था। अब जिले की कार्यसंस्कृति बदल गई है। जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम के नेतृत्व में आबकारी विभाग ने अपनी कार्यशैली और रणनीति से गाजियाबाद की छवि को नया आयाम दिया है। आज विभाग न केवल कानून के सख्त पालन का प्रतीक बन चुका है, बल्कि राजस्व वृद्धि और जनहित सुरक्षा का मजबूत आधार स्तंभ भी बन गया है। त्योहारों का मौसम करीब आते ही अवैध शराब तस्करी का खतरा बढ़ जाता है। दीपावली और छठ जैसे पर्वों के मद्देनजर आबकारी विभाग ने पहले ही मोर्चा संभाल लिया है। दिन-रात चेकिंग, छापेमारी, हाइवे निगरानी और मुखबिर तंत्र की सक्रियता के जरिए विभाग ने ‘ऑपरेशन सतर्कता’ शुरू कर दिया है। हर सेक्टर की टीम 24 घंटे फील्ड में सक्रिय है ताकि कोई भी तस्कर कानून की पकड़ से बाहर न रह जाए। दिल्ली से सटा गाजियाबाद प्रदेश का सबसे संवेदनशील जिला माना जाता है। पहले दिल्ली सीमा से शराब की अवैध आवाजाही आम बात थी, लेकिन अब हालात पूरी तरह बदल चुके हैं।

संजय कुमार प्रथम की सख्त निगरानी और टीम की चौकसी ने जिले को अवैध कारोबारियों के लिए असुरक्षित बना दिया है। संजय कुमार प्रथम की कार्यशैली बाकी अधिकारियों से बिल्कुल अलग है। वे केवल आदेश देने वाले अधिकारी नहीं, बल्कि मैदान में उतरकर निरीक्षण करने वाले नेतृत्वकर्ता हैं। उनकी सोच साफ है कि प्रणाली तभी मजबूत होगी जब जिम्मेदारी हर स्तर तक तय होगी। इसी नीति के तहत वे लगातार निरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में बदलाव करते रहते हैं ताकि किसी क्षेत्र में मिलीभगत या ढिलाई की गुंजाइश न बचे। विभाग ने लाइसेंसी दुकानों की ओवर रेटिंग, बंद समय में बिक्री और अवैध स्टॉकिंग जैसी समस्याओं पर पूरी तरह नियंत्रण पा लिया है। आज गाजियाबाद में शराब की बिक्री पूरी तरह नियम और पारदर्शिता के तहत हो रही है, जो अन्य जिलों के लिए उदाहरण बन चुकी है।

जिला आबकारी अधिकारी कि सख्ती और पारदर्शिता का अद्भुत मिश्रण
जिला आबकारी अधिकारी संजय कुमार प्रथम अपने नेतृत्व में केवल नियमों का पालन नहीं कराते, बल्कि टीम को लगातार प्रेरित और निगरानी में रखते हैं। उनका दृष्टिकोण है कि सिस्टम तभी सफल होता है जब जवाबदेही और पारदर्शिता हर स्तर पर हो। वे केवल आदेश देने वाले अधिकारी नहीं हैं, बल्कि खुद फील्ड में उतरकर टीम के साथ निरीक्षण करते हैं, जिससे प्रत्येक अभियान की प्रभावशीलता बढ़ती है। जिला में इंस्पेक्टरों के कार्यक्षेत्रों में नियमित बदलाव, नई तकनीक और गुप्त सूचना तंत्र का प्रयोग, उनकी कार्यशैली की विशेषता है। इस रणनीति से किसी भी क्षेत्र में मिलीभगत या अवैध कारोबार की गुंजाइश शून्य रहती है। संजय कुमार प्रथम जनता की भागीदारी को अत्यंत महत्व देते हैं। नागरिकों से मिली जानकारी तुरंत जांची जाती है और तेज कार्रवाई सुनिश्चित की जाती है। इस प्रणाली से न केवल अवैध कारोबार रोका जाता है, बल्कि जनता का भरोसा और प्रशासन की विश्वसनीयता भी मजबूत होती है। उनकी कार्यशैली और टीम के समर्पण ने गाजियाबाद को अवैध शराब मुक्त, राजस्व सशक्त और कानूनी अनुशासन वाला जिला बना दिया है।

छोटी फौज, बड़ा कमाल- सात निरीक्षक और पच्चीस सिपाही लिख रहे सफलता की कहानी
गाजियाबाद आबकारी विभाग के पास केवल 7 आबकारी निरीक्षक और 25 सिपाही की टीम है, लेकिन उनका प्रदर्शन किसी बड़ी फोर्स से कम नहीं। यह टीम अपनी ईमानदारी, सतर्कता और समर्पण से जिले को अवैध शराब मुक्त बनाने में लगातार जुटी हुई है। टीम में शामिल अधिकारी मनोज शर्मा, डॉ. राकेश त्रिपाठी, अखिलेश कुमार, कीर्ति सिंह, चमन सिंह, अनुज वर्मा और चन्द्रजीत सिंह अपनी रणनीतिक समझ और जमीनी कार्रवाई के लिए जाने जाते हैं। इन अधिकारियों ने अलग-अलग सेक्टरों में शराब तस्करी के नेटवर्क को तोडऩे और अवैध भट्टियों को ध्वस्त करने में सफलता हासिल की है।

त्योहारों से पहले ‘ऑपरेशन क्लीन’ – हर कोने में निगरानी, हर कदम पर चौकसी
त्योहारों के सीजन में अवैध शराब की तस्करी अक्सर बढ़ जाती है, लेकिन इस बार तस्वीर अलग है। दीपावली और छठ जैसे बड़े पर्वों से पहले ही आबकारी विभाग ने ‘ऑपरेशन क्लीन’ शुरू कर दिया है। दिन-रात चेकिंग, छापेमारी और सीमाओं पर सख्त पहरा- यही वो रणनीति है, जिसने शराब तस्करों के हौसले पस्त कर दिए हैं। दिल्ली से सटा गाजियाबाद प्रदेश का सबसे संवेदनशील जिला है, पर अब यहां की सख्ती का असर इतना गहरा है कि तस्करों ने जिले की सीमाओं से दूरी बना ली है। संजय कुमार प्रथम की टीम की सतर्कता ने यह साबित कर दिया है कि अब गाजियाबाद में कानून से ऊपर कोई नहीं है।

बदल गई कार्यशैली- हर दिन नई सोच, हर क्षेत्र में जवाबदेही तय
संजय कुमार प्रथम अपने अनुशासित और नवोन्मेषी दृष्टिकोण के लिए जाने जाते हैं। वे हर दिन विभाग में नई रणनीति और त्वरित कार्रवाई की परंपरा को मजबूत कर रहे हैं। उनका स्पष्ट मानना है कि कार्यवाही का असर तभी टिकता है जब सिस्टम में जवाबदेही और पारदर्शिता दोनों हों। इसी सोच के तहत जिले में आबकारी निरीक्षकों के कार्यक्षेत्र में नियमित बदलाव किए जाते हैं। इससे जहां मिलीभगत और मनमानी पर रोक लगी है, वहीं ओवर रेटिंग और अवैध बिक्री जैसे मामलों में भारी गिरावट आई है। अब जिले की हर दुकान पर बिक्री पूरी तरह नियमित और पारदर्शी प्रणाली से हो रही है।

जनता के साथ साझेदारी- पारदर्शिता और विश्वास की नई पहचान
संजय कुमार प्रथम का मानना है कि अवैध कारोबार को खत्म करने के लिए जनता की भागीदारी जरूरी है। इसी सोच के तहत विभाग ने हेल्पलाइन नंबर और सोशल मीडिया माध्यमों को सक्रिय किया है। शिकायत मिलते ही तत्काल कार्रवाई होती है और सूचना देने वाले की पहचान गोपनीय रखी जाती है। यह पहल जनता के विश्वास को मजबूत कर रही है और विभाग को एक पारदर्शी व जवाबदेह प्रणाली के रूप में स्थापित कर रही है। गाजियाबाद आबकारी विभाग आज एक उदाहरण बन चुका है। संजय कुमार प्रथम और उनकी टीम ने यह दिखा दिया है कि अगर नीयत साफ हो और नेतृत्व सक्रिय हो, तो अवैध कारोबार जड़ नहीं जमा सकता। आज जिले में राजस्व बढ़ रहा है, जनता सुरक्षित है और अवैध शराब का नामोनिशान मिट चुका है। यह अभियान सिर्फ शराब के खिलाफ नहीं, बल्कि एक जिम्मेदार, पारदर्शी और स्वच्छ गाजियाबाद की दिशा में बढ़ता कदम है। आबकारी विभाग की यह मुहिम अब एक संदेश बन चुकी है कि सख्ती, सेवा और संकल्प से ही सिस्टम मजबूत बनता है।

सेक्टरवार सख्ती – हर इलाके में निगरानी और जिम्मेदारी तय

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-1 (कीर्ति सिंह)

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-1 (कीर्ति सिंह): कविनगर, वेव सिटी, मसूरी, मधुबन बापूधाम की कमान संभाल रही है। आबकारी निरीक्षक कीर्ति सिंह का कहना हे कि हमने दुकान-चेकिंग और लेन-देन मॉनिटरिंग को अपनी प्राथमिक गतिविधि बनाया है। किसी भी संदिग्ध लेन-देन पर हम न सिर्फ रिकॉर्ड की जांच करते हैं, बल्कि बिक्री के समय और स्टॉक मूवमेंट का भी विश्लेषण करते हैं। मुखबिर तंत्र और जनता से मिली सूचनाओं का उपयोग कर हम ऐसे नेटवर्कों की पहचान कर लेते हैं जो मामूली दिखकर बड़े काले कारोबार को अंजाम दे रहे होते हैं। हमारा संदेश स्पष्ट है कि नियमों का पालन करें, वरना देरी नहीं होगी।

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-2 (अखिलेश कुमार)

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-2 (अखिलेश कुमार): इंदिरापुरम, वैशाली, कौशांबी, लिंक रोड कि जिम्मेदारी संभाले हुए है। आबकारी निरीक्षक अखिलेश कुमार ने बताया कि हमारी नीति ‘पारदर्शिता और जवाबदेही’ पर टिकी है। रेंडम इंस्पेक्शन, बिल व स्टॉक वेरिफिकेशन और लेन-देन की जांच नियमित रूप से की जाती है ताकि किसी भी लाइसेंसधारी के साथ अनियमित व्यवहार दिखे तो तत्काल कार्रवाई हो सके। शिकायत मिलने पर हम तेज़ी से सत्यापन कराते हैं और यदि आवश्यक हुआ तो छापेमारी भी करते हैं। हमारा उद्देश्य केवल दंड नहीं, बल्कि नियमों का अनुपालन सुनिश्चित कर एक स्वच्छ व्यापारिक माहौल बनाना है ताकि ईमानदार व्यापारियों को कोई परेशानी न हो।

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-3 (अनुज वर्मा)

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-3 (अनुज वर्मा): लोनी बॉर्डर, ट्रोनिका सिटी, टीला मोड़ और मुरादनगर थानों की जिम्मेदारी संभाले हुए है। थाना लोनी बॉर्डर क्षेत्र दिल्ली की सीमा से सटा होने के चलते अवैध शराब तस्करी की संभावना अधिकारी रहती है, मगर इनकी मुस्तैदी और कार्यवाही के चलते तस्कर जिले की सीमा में आने से डरते नजर आते है। देहात क्षेत्र में अवैध शराब के निर्माण को खत्म करने में भी अपनी अहम भूमिका निभाई है। आबकारी निरीक्षक अनुज वर्मा का कहना है कि अवैध शराब की तस्करी और बिक्री को रोकने के लिए सीमांत और औद्योगिक इलाकों में आपूर्ति-हब को निशाना बनाकर हम नेटवर्क के बड़े कनेक्शनों तक पहुँचते हैं। हमारी रणनीति में स्रोत-ट्रेसिंग, सप्लाई चेन की जांच और उद्योगों में होने वाले लेन-देन पर निगरानी शामिल है। खुफिया साझा करने की मुद्रा मजबूत की जा रही है ताकि समय पर बड़े नेटवर्कों की पहचान कर उन्हें शून्य किया जा सके। स्थानीय प्रशासन और समन्वय एजेंसियों के साथ तालमेल से हम त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित कर रहे हैं।

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-4 (मनोज शर्मा)

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-4 (मनोज शर्मा): क्रॉसिंग, विजयनगर और खोड़ा थाना क्षेत्रों में अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे है। खोड़ा थाना क्षेत्र दिल्ली से सटा होने के बावजूद क्षेत्र में अवैध शराब की बिक्री पर पूरी तरह से अंकुश लगाने और राजस्व बढोत्तरी में एक अलग ही किरदार निभा रहे है। आबकारी निरीक्षक मनोज शर्मा ने कहा कि हमारी टीम का प्राथमिक फोकस सतत गश्त और संदिग्ध गतिविधियों की त्वरित पहचान पर है। रोज़ाना विहित रूट और आकस्मिक रूट दोनों पर गश्त की व्यवस्था रहती है ताकि कहीं भी नियमों के विरुद्ध गतिविधि को समय रहते रोका जा सके। स्थानीय पुलिस के साथ समन्वय को और मजबूत किया गया है और मुखबिरों से प्राप्त सूचनाओं पर त्वरित रेड टीम को भेजने का सिस्टम लागू है। जनता का सहयोग हमारी सबसे बड़ी ताकत है कि जो भी नागरिक संदिग्ध गतिविधि देखें वे तुरंत सूचना दें, हमारी टीमें तत्परता से कार्रवाई करेंगी।

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-5 (चमन सिंह)

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-5 (चमन सिंह): घंटाघर कोतवाली, साहिबाबाद, शालीमार गार्डन और टीला मोड़ थाना क्षेत्रों में अपनी जिम्मेदारियों का बखूबी निर्वहन कर रहे है। दिल्ली-बोर्डर से होने वाली अवैध शराब तस्करी को रोकने के लिए चेकिंग अभियान और तस्करों के ठिकानों पर दबिश दे रहे है। आबकारी निरीक्षक चमन सिंह का कहना है कि हमारी टीम ने परिवहन मार्गों और रात्री पाबंदियों पर विशेष गश्त बढ़ा दी है। तस्करी में प्रयुक्त वाहनों की निगरानी, उनके रूट पैटर्न का विश्लेषण और आवश्यकतानुसार वाहन जाँच हमारी प्राथमिकता है। हमारी नीति ‘रोकथाम पहले’ पर केंद्रित है – इसलिए हम संदिग्ध गतिविधि के डर से पहले ही उसे रोकने की कोशिश करते हैं। साथ ही, हर जाँच के बाद रिपोर्टिंग और फॉलो-अप सुनिश्चित किया जाता है ताकि पुनरावृत्ति की सम्भावना न रहे।

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-6 (चन्द्रजीत सिंह)

आबकारी निरीक्षक सेक्टर-6 (चन्द्रजीत सिंह): सिहानी गेट, नंदग्राम क्षेत्रों में सतर्कता और ठोस कार्रवाई कर रहे है। आबकारी निरीक्षक चन्द्रजीत सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों और घरेलू स्तर पर चल रही अवैध इकाइयों पर हमारी विशेष नज़र है। हम स्थानीय निवासियों के साथ संवाद बढ़ा रहे हैं ताकि वे किसी भी संदिग्ध निर्माण की जानकारी दें। गुप्त छापेमारी और आवश्यकतानुसार स्टिंग-प्रकार की जांच के माध्यम से अवैध निर्माणों को फौरन चिन्हित कर लिया जाता है और उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। हमारा उद्देश्य है कि ग्रामीण क्षेत्र सुरक्षित रहें और अवैध आर्थिक गतिविधियाँ समाप्त हों, जिससे क्षेत्र की सामाजिक-आर्थिक उन्नति को बढ़ावा मिले

आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-2 (डॉ. राकेश त्रिपाठी)

आबकारी निरीक्षक क्षेत्र-2 (डॉ. राकेश त्रिपाठी): मोदी नगर, भोजपुर और निवाड़ी में अवैध शराब के कारोबार पर पूरी तरह से रोक लगाने के साथ ही लाइसेंसी दुकानों पर होने वाली ओवर रेटिंग को रोकने में भी अपनी अहम भूमिका निभा रहे है। डॉ. राकेश त्रिपाठी का कहना है कि हम अवैध निर्माण इकाइयों और भट्टियों की आर्थिक और आपूर्ति श्रृंखला की गहन पड़ताल कर रहे हैं ताकि जड़ से व्यवस्था को समाप्त किया जा सके। हमारी रणनीति में इंटेलिजेंस-आधारित छापेमारी, तस्करों के स्रोत का ट्रेस और उस नेटवर्क पर कार्रवाई शामिल है। साथ ही सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिहाज़ से जोखिमों का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि न सिर्फ जब्ती, बल्कि प्रभावी रोकथाम और पुनरावृत्ति को रोकने के उपायों पर भी काम चल रहा है। हम स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर ऐसे नेटवर्क को सामाजिक और कानूनी रूप से भी पृथक कर रहे हैं। हर सेक्टर में आबकारी विभाग की टीमें स्थानीय पुलिस के साथ मिलकर काम कर रही हैं, जिससे कार्यवाही और भी प्रभावी हो रही है।

संजय कुमार प्रथम
जिला आबकारी अधिकारी

हमारा उद्देश्य सिर्फ अवैध शराब पर लगाम लगाना नहीं है, बल्कि गाजियाबाद को पूरी तरह शराब तस्करी मुक्त, सुरक्षित और पारदर्शी जिला बनाना है। दीपावली और अन्य त्योहारों के अवसर पर हमारी टीम 24 घंटे अलर्ट रहती है। हर सेक्टर में रेड टीम और मुखबिर तंत्र सक्रिय हैं ताकि कोई भी अवैध खेप या भट्टियाँ जिले में प्रवेश न कर सकें। हमारी रणनीति सतत निगरानी, गुप्त छापेमारी और जनता की भागीदारी पर आधारित है। हम चाहते हैं कि लोग सुरक्षित और शांतिपूर्ण त्योहार मनाएं और अवैध कारोबार में संलिप्त कोई भी व्यक्ति कानून के तहत कड़ी कार्रवाई का सामना करे। हमारी टीम सीमित संसाधनों के बावजूद पूरी निष्ठा और तत्परता से काम कर रही है। हमें विश्वास है कि इस प्रयास से गाजियाबाद का नाम प्रदेश में कानून और पारदर्शिता का मॉडल बनेगा।
संजय कुमार प्रथम
जिला आबकारी अधिकारी